क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में पिछले कुछ सालों में भारत में तेजी से इंटरेस्ट बढ़ा है। खासकर Memecoins ने सोशल मीडिया और यूथ इन्वेस्टर्स के बीच काफी पॉपुलैरिटी हासिल की है। इन्हीं में से एक है Shiba Inu (SHIB), जिसे अक्सर "Dogecoin Killer" भी कहा जाता है।
हालांकि Shiba Inu Price काफी कम है (0.001 रुपये से भी कम), लेकिन इसका वॉल्यूम और ट्रेडिंग एक्टिविटी बहुत ज्यादा है। वहीं इसे लेकर कई इन्वेस्टर्स के मन में यह सवाल है कि आखिर Shiba Inu Price INR में किन वजहों से उतार-चढ़ाव होते है? तो आइए जानते हैं, इसके प्राइस को प्रभावित करने वाले कारणों को विस्तार से।
डिमांड और सप्लाई : क्रिप्टोकरेंसी प्राइस पर सबसे बुनियादी असर डिमांड और सप्लाई का होता है। यदि किसी टोकन की डिमांड ज्यादा है लेकिन उसकी सप्लाई लिमिटेड है, तो उसका प्राइस बढ़ जाता है। लेकिन Shiba Inu की बात करें तो इसकी टोटल सप्लाई 589 ट्रिलियन के आसपास है। इतनी बड़ी सप्लाई के कारण इसके प्राइस में बड़ा उछाल आना थोड़ा मुश्किल हो जाता है।
हालाँकि Shiba Inu की टीम इसकी सप्लाई कम करने के लिए लगातार टोकन बर्निंग कर रही है और बड़ी मात्रा में Shiba Inu Token Burn होते है तो, इसकी सप्लाई कम हो सकती है। जिससे इसके प्राइस में वृद्धि हो सकती है।
मार्केट सेंटिमेंट: मार्केट सेंटिमेंट यानी इन्वेस्टर्स का मूड और क्रिप्टो मार्केट की सामान्य दिशा भी इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। जैसे अगर Bitcoin और Ethereum जैसे टॉप कॉइन अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं, तो लोगों का विश्वास बढ़ता है और वे Memecoins की ओर भी रुख करते हैं। वहीं मार्केट में डर या गिरावट का माहौल होता है तो Shiba Inu जैसे कॉइन ही सबसे पहले प्रभावित होते हैं।
सोशल मीडिया हाइप: Shiba Inu एक Memecoin है, यानी इसके प्राइस का एक बड़ा हिस्सा सोशल मीडिया पर निर्भर करता है। जैसे ट्विटर, रेडिट और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म्स पर जब भी कॉइन को लेकर कोई ट्रेंड चलता है या कोई बड़ी हस्ती (जैसे एलन मस्क) इसके बारे में ट्वीट करते हैं, तो इसके प्राइस में उछाल आना आम बात है।
प्रोजेक्ट डेवलपमेंट: सिर्फ हाइप ही नहीं, प्रोजेक्ट डेवलपमेंट्स का भी खास असर होता है। जैसे कि Shiba Inu की टीम ने Shibarium नाम से एक Layer-2 Blockchain सॉल्यूशन लॉन्च किया था, जो Ethereum पर काम करता है। इस तरह के टेक्निकल अपडेट्स और इनोवेशन से टोकन की यूटिलिटी बढ़ती है और इन्वेस्टर्स को यह टोकन ज्यादा आकर्षक लगता है।
हालांकि अगर अचानक से इन्वेस्टर्स का इंटरेस्ट बढ़ता है, जैसे कि किसी बड़ी एक्सचेंज पर लिस्टिंग या सोशल मीडिया पर वायरल ट्रेंड तो डिमांड अस्थायी रूप से बढ़ सकती है और प्राइस में तेजी आ सकती है।
गवर्नमेंट पॉलिसी: रेगुलेटरी फ्रेमवर्क यानी गवर्नमेंट की पॉलिसी भी एक बड़ा फैक्टर है। भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर स्थिति अभी पूरी तरह स्पष्ट नहीं है। अगर सरकार इस सेक्टर को सपोर्ट करती है या टैक्सेशन नियमों में सुधार करती है, तो यह इन्वेस्टर्स को प्रोत्साहित करेगा। लेकिन अगर कोई सख्त रिस्ट्रिकशंस लगाए जाते है या TDS जैसे रूल और सख्त किए जाते हैं, तो मार्केट पर नेगेटिव असर हो सकता है।
व्हेल एक्टिविटी: व्हेल यानी ऐसे इन्वेस्टर्स जिनके पास करोड़ों की संख्या में Shiba Inu Token होते हैं, तो उनकी एक्टिविटी भी प्राइस पर बड़ा असर डालती हैं। जैसे अगर कोई व्हेल बड़ी मात्रा में टोकन बेच देता है, तो प्राइस में अचानक गिरावट हो सकती है। वहीं, बड़ी खरीदी से प्राइस बढ़ सकता है।
Memecoins में कॉम्पिटिशन: इसके अलावा, Shiba Inu Project को सिर्फ अपने परफॉर्मेंस से नहीं, बल्कि Dogecoin, Floki और Baby Doge Coin जैसे कॉम्पिटीटर्स से भी मुकाबला करना पड़ता है। यदि इनमें से किसी कॉइन में कोई बड़ी हलचल होती है, तो इन्वेस्टर्स का ध्यान वहां चला जाता है और इससे Shiba Inu Price पर प्रेशर आ सकता है। इन फैक्टर्स के साथ ही अगर आप जानना चाहते है कि, How to Buy Shiba Inu in INR तो इस लिंक पर क्लिक करके जान सकते है।
Shiba Inu Price INR में कई फैक्टर्स से प्रभावित होता है, जैसे डिमांड-सप्लाई, सोशल मीडिया की हाइप, मार्केट सेंटिमेंट, टेक्निकल डेवलपमेंट्स, रेगुलेटरी पॉलिसीज और व्हेल मूवमेंट्स। चूंकि यह एक Memecoin है, इसलिए इसके प्राइस में उतार-चढ़ाव आम बात है और इन्वेस्टमेंट के समय सतर्क रहना काफी जरूरी है।अगर आप Shiba Inu में इन्वेस्ट करने का सोच रहे हैं, तो यह जरूरी है कि आप लेटेस्ट क्रिप्टो अपडेट्स, और ग्लोबल मार्केट ट्रेंड्स पर नजर रखें। क्योंकि इसमें बिना रिसर्च किए इन्वेस्ट करना रिस्की हो सकता है। इसलिए सोच-समझकर फैसला लें और जरूरत हो तो एक्सपर्ट की सलाह भी जरूर लें।
यह भी पढ़िए: ऐसे Top Crypto Presale जो क्रिप्टो का फ्यूचर बदल सकते हैंसाक्षी मोदी एक स्किल्ड क्रिप्टो कंटेंट राइटर हैं, जिनका बैकग्राउंड जर्नलिज्म और मास कम्युनिकेशन में है। वह ब्लॉकचेन, Web3 और डिजिटल एसेट्स जैसे कॉम्प्लेक्स टॉपिक्स को आसान और क्लियर भाषा में एक्सप्लेन करने में माहिर हैं। साक्षी करीब एक साल से क्रिप्टो इंडस्ट्री में SEO-ऑप्टिमाइज्ड आर्टिकल्स, ब्लॉग्स और न्यूज स्टोरीज़ लिख रही हैं, जिनमें टेक्निकल इनसाइट और क्रिएटिविटी का बैलेंस होता है।
उनका फोकस हमेशा ऑथेंटिक सोर्सेस और डेटा-बेस्ड रिसर्च पर रहता है, जिससे उनका कंटेंट भरोसेमंद और इनफॉर्मेटिव बनता है। साक्षी की राइटिंग स्टाइल आसान शब्दों में डीप नॉलेज देने पर टिकी है, जिससे नए और प्रोफेशनल दोनों तरह के रीडर्स को फायदा होता है।
तेजी से बदलती क्रिप्टो दुनिया में वह खुद को एक ट्रस्टेड और ग्रोइंग वॉइस के रूप में स्थापित कर रही हैं।
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