Google Play Bans Crypto Wallets, कहीं इसमें आपका वॉलेट तो नहीं
Google Play Store ने एक नया पॉलिसी अपडेट जारी किया है, जिसके तहत अब अधिकांश Crypto Wallet ऐप्स को Google Play Store पर जगह नहीं मिलेगी, जब तक कि उनके डेवलपर्स के पास बैंकिंग या मनी सर्विस लाइसेंस न हो। यह नियम 15 प्रमुख जुरिस्डिक्शन्स में लागू होगा, जिनमें अमेरिका, यूरोपीय यूनियन (EU), यूनाइटेड किंगडम, कनाडा, जापान और अन्य शामिल हैं।
इस बदलाव के बाद, चाहे वॉलेट कस्टोडियल हो या नॉन-कस्टोडियल, दोनों के डेवलपर्स को अपने-अपने देशों के लोकल लाइसेंसिंग लॉज़ का पालन करना होगा।

Source - यह इमेज Grok की X Post से ली गई है, यहाँ इसकी लिंक भी दी गई है।
Google Play Store की नई पॉलिसी में क्या है खास?
- अमेरिका में - वॉलेट जारी करने वालों को FinCEN के साथ Money Services Business (MSB) के रूप में रजिस्टर करना होगा और स्टेट मनी ट्रांसमीटर लाइसेंस लेना होगा, या फिर एक स्टेट/फेडरल-लाइसेंस्ड बैंक के रूप में ऑपरेट करना होगा।
- यूरोप में - डेवलपर्स को MiCA (Markets in Crypto-Assets) रेग्युलेशन के तहत Crypto-Asset Service Provider (CASP) की परमिशन लेनी होगी।
- यूके और जापान में - UK’s FCA और Japan’s Financial Services Agency (FSA) से लाइसेंस अनिवार्य होगा।
सबसे बड़ा विवाद इस बात को लेकर है कि यह पॉलिसी कस्टोडियल और नॉन-कस्टोडियल वॉलेट्स में कोई फर्क नहीं करती। यहां तक कि FinCEN की 2019 रिपोर्ट में भी साफ कहा गया था कि अनहोस्टेड (नॉन-कस्टोडियल) वॉलेट्स को मनी ट्रांसमीटर नहीं माना जाता।
क्रिटिक्स क्या कह रहे हैं?
कई ओपन-सोर्स डेवलपर्स और प्राइवेसी एडवोकेट्स का कहना है कि यह पॉलिसी छोटे डेवलपर्स के लिए “unmeetable burden” है।
- लाइसेंसिंग और कंप्लायंस प्रोग्राम्स की कॉस्ट इतनी ज्यादा है कि कई छोटे प्रोजेक्ट्स को Google Play से ऐप हटाना पड़ेगा।
- यह ओपन-सोर्स इनोवेशन को रोक देगा और यूज़र्स की प्राइवेसी-फोकस्ड टूल्स तक पहुंच कम कर देगा।
- बड़े, लाइसेंस होल्डर्स को ही क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में जगह मिलेगी, जिससे इंडस्ट्री का सेंट्रलाइजेशन बढ़ेगा।
नए डेवलपर्स की मार्केट में एंट्री हो जाएगी मुश्किल
क्रिप्टो इंडस्ट्री में मेरे अनुभव के आधार पर, यह बदलाव सिर्फ एक टेक्निकल अपडेट नहीं, बल्कि मार्केट शेपिंग मूव है।
- मैंने पिछले कई सालों में देखा है कि हर बार जब रेग्युलेशन कड़ा होता है, छोटे और इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स सबसे पहले प्रभावित होते हैं।
- नॉन-कस्टोडियल वॉलेट्स का मुख्य मकसद ही यूज़र की प्राइवेसी और फुल कंट्रोल देना है, लेकिन इस तरह के लाइसेंसिंग नियम उन्हें भी उसी श्रेणी में डाल देते हैं, जिसमें कस्टोडियल बैंक-जैसी सर्विसेज आती हैं।
- इससे नए डेवलपर्स को मार्केट में एंट्री लेना और मुश्किल हो जाएगा, और क्रिप्टो वॉलेट का इकोसिस्टम धीरे-धीरे कॉर्पोरेट-ड्रिवन हो जाएगा।
कैसे चेक करें कि आपका वॉलेट इस लिस्ट में है या नहीं?
- Google Play Store पर जाकर अपने वॉलेट का पेज खोलें। अगर Google Play Store पर कोई नया नोटिस या अपडेट पॉलिसी वॉर्निंग दिखाई देती है, तो यह संकेत है कि उसे कंप्लायंस करनी होगी।
- डेवलपर की ऑफिशियल वेबसाइट या सोशल मीडिया हैंडल चेक करें। कई डेवलपर्स पहले से यूज़र्स को नोटिफाई कर रहे हैं।
- वॉलेट का देश और लाइसेंसिंग स्टेटस देखें। अगर वॉलेट का ऑपरेशन ऊपर बताए गए 15 देशों में है और उसके पास लाइसेंस नहीं है, तो उसका हटना तय है।
ऐसी गतिविधियों से बचने के लिए क्या करें?
- बैकअप प्लान बनाएं - अगर आपका वॉलेट Google Play से हटा दिया जाता है, तो APK फाइल या ऑफिशियल वेबसाइट से डाउनलोड का विकल्प रखें (केवल ऑफिशियल सोर्स से ही)।
- KYC और रेग्युलेटेड वॉलेट्स का उपयोग करें - अगर आपको रेग्युलेटेड मार्केट में रहना है, तो ऐसे वॉलेट चुनें जो पहले से लाइसेंस प्राप्त हों।
- ओपन-सोर्स प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट करें - ताकि वे रेग्युलेटरी बदलावों के बावजूद टिके रहें।
- फिशिंग और स्कैम से सावधान रहें - हटाए गए ऐप्स के नाम पर नकली ऐप्स लॉन्च हो सकते हैं, जो यूज़र डेटा और फंड चुरा सकते हैं।
कन्क्लूजन
Google Play का यह फैसला यूज़र सिक्योरिटी और कंप्लायंस के नाम पर आया है, लेकिन इसका असर क्रिप्टो वॉलेट इंडस्ट्री के भविष्य पर गहरा होगा। यह बदलाव इनोवेशन बनाम रेग्युलेशन की पुरानी बहस को फिर से तेज कर देगा। आने वाले समय में मोबाइल वॉलेट स्पेस में सिर्फ लाइसेंस होल्डर्स बड़े प्लेयर्स बच सकते हैं, जबकि डिसेन्ट्रलाइज्ड और नॉन-कस्टोडियल ऑप्शंस को मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा।