Revised Income Tax Bill में Crypto के लिए क्या है उम्मीद
भारत की संसद में Revised Income Tax Bill को लेकर हलचल तेज है। केंद्र सरकार ने 8 अगस्त 2025 को पुराने Income Tax Bill, 2025 को आधिकारिक रूप से वापस ले लिया और अब 11 अगस्त 2025 को इसका नया ड्राफ्ट पेश करने जा रही है। यह कदम इसलिए उठाया गया क्योंकि सेलेक्ट कमेटी और इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स ने पुराने बिल में कई अहम खामियां और अस्पष्टताएं बताईं, जिन्हें ठीक करना जरूरी था।
इस बीच, क्रिप्टो निवेशकों की नजर भी इस Revised Income Tax Bill पर टिकी है, क्योंकि लंबे समय से भारत में क्रिप्टो टैक्सेशन और रेगुलेशन को लेकर स्पष्टता की कमी रही है। सवाल यह है कि क्या इस बार सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर राहत देगी या सख्त रुख जारी रखेगी?
Revised Income Tax Bill क्यों लाया जा रहा है?
Union Finance Minister Nirmala Sitharaman ने कहा कि पुराने ड्राफ्ट में कई टेक्नीकल चैंज बदलाव, टर्मिनोलॉजी की अलाइनमेंट और क्रॉस-रेफरेंस सुधार जरूरी थे। खासकर प्रॉपर्टी की वैल्यू, हाउस प्रॉपर्टी डिडक्शन, सैलरी डिडक्शन और कमर्शियल प्रॉपर्टी क्लासिफिकेशन जैसे क्लॉज में बदलाव की जरूरत महसूस हुई।
उदाहरण के तौर पर:
- Clause 21 में खाली पड़ी प्रॉपर्टी पर टैक्स कैलकुलेशन में अस्पष्टता थी।
- Clause 22 में स्टैंडर्ड डिडक्शन के कैलकुलेशन को लेकर स्पष्ट नियम नहीं थे।
- Clause 19 में नॉन-एम्प्लॉइज के लिए कम्यूटेड पेंशन डिडक्शन की बात उठी।
इन बदलावों के बिना कानून लागू करने से लीगल इंटरप्रिटेशन में विवाद और टैक्सपेयर्स में भ्रम की स्थिति बन सकती थी।

Source - यह तस्वीर World of Finance and Associates की X Post से ली गई है।
Crypto निवेशकों की उम्मीदें
क्रिप्टो निवेशकों के लिए Revised Income Tax Bill एक महत्वपूर्ण मौका हो सकता है। 2022 में भारत ने क्रिप्टो ट्रेड से होने वाले मुनाफे पर 30% टैक्स और 1% TDS लागू किया था, जिससे मार्केट में काफी गिरावट आई। अब निवेशकों को उम्मीद है कि नए ड्राफ्ट में:
- 1% TDS को कम किया जा सकता है या हटाया जा सकता है।
- लॉन्ग-टर्म और शॉर्ट-टर्म गेन में अंतर लाकर टैक्स रेट को आसान बनाया जा सकता है।
- क्रिप्टो को “डिजिटल एसेट” की बजाय एक अलग टैक्स कैटेगरी में रखा जा सकता है।
- माइनिंग और स्टेकिंग इनकम पर स्पष्ट टैक्स नियम बनाए जा सकते हैं।
- साथ ही 30% के टैक्स स्लेब को भी घटाने से जुड़ा कोई फैसला लिया जा सकता है।
COINS Act 2025 की भूमिका
कुछ समय पहले Web3 वेंचर फर्म Hashed Emergent और पॉलिसी ग्रुप Blackdot Policy ने मिलकर COINS Act 2025 का प्रस्ताव दिया था। यह भारत का पहला मॉडल क्रिप्टो कानून माना जा रहा है, जिसमें कई प्रोग्रेसिव सुझाव दिए गए हैं:
- Self-custody को मौलिक अधिकार मानना।
- P2P ट्रांजैक्शन में अनिवार्य KYC से छूट।
- डेवलपर्स को कोड के दुरुपयोग से सुरक्षा।
- Bitcoin को नेशनल रिज़र्व में शामिल करने का सुझाव।
- नये इंडिपेंडेंट रेगुलेटर CARA की स्थापना।
- शुरुआती 2 साल के लिए टैक्स और FEMA छूट।
अब बड़ा सवाल यह है कि क्या सरकार इन सुझावों को Revised Income Tax Bill में शामिल करेगी या फिलहाल टैक्स स्ट्रक्चर में सिर्फ मामूली बदलाव करेगी?
सरकार का रुख, राहत या सख्ती?
भारत सरकार का क्रिप्टो पर अब तक का रुख सतर्क और सख्त रहा है। रेगुलेटरी फ्रेमवर्क अभी भी पूरी तरह से तैयार नहीं है और RBI कई बार डिजिटल करेंसी के जोखिम पर चेतावनी दे चुका है। हालांकि, संसद में इस विषय पर लगातार बहस हो रही है और कई सांसद क्रिप्टो को इनोवेशन और रोजगार के अवसर के रूप में देख रहे हैं।
संभावना है कि Revised Income Tax Bill में क्रिप्टो पर सीधे बड़े बदलाव न हों, लेकिन यह सरकार के लिए भविष्य में एक व्यापक Digital Assets Law लाने का रास्ता साफ कर सकता है।
Revised Income Tax Bill सरकार के लिए एक संतुलन बनाने का मौका
क्रिप्टो मार्केट और भारत के टैक्स कानूनों को करीब से फॉलो करने के अनुभव से मैं मानता हूं कि Revised Income Tax Bill सरकार के लिए एक संतुलन बनाने का मौका है।
- अगर सरकार निवेशकों को प्रोत्साहित करना चाहती है तो 1% TDS को घटाना जरूरी है।
- लॉन्ग-टर्म निवेश को बढ़ावा देने के लिए 30% फ्लैट टैक्स की जगह स्लैब-बेस्ड स्ट्रक्चर लागू करना चाहिए।
- क्रिप्टो और Web3 सेक्टर में स्टार्टअप्स को टैक्स इंसेंटिव देना भारत को ग्लोबल ब्लॉकचेन हब बना सकता है।
अगर सरकार COINS Act 2025 के कुछ प्रोग्रेसिव पॉइंट्स अपनाती है तो यह भारत के डिजिटल एसेट इकोसिस्टम के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है।
कन्क्लूजन
11 अगस्त को संसद में पेश होने वाला Revised Income Tax Bill सिर्फ ट्रेडिशनल टैक्स सुधारों के लिए नहीं, बल्कि भारत के क्रिप्टो सेक्टर के भविष्य के लिए भी अहम होगा। यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सरकार COINS Act जैसे सुझावों को अपनाकर एक आधुनिक और इनोवेशन-फ्रेंडली टैक्स स्ट्रक्चर बनाती है, या फिर सख्त नीतियां जारी रहती हैं।
अगर इस बिल में क्रिप्टो निवेशकों को राहत मिलती है तो यह न सिर्फ मार्केट में नई जान डालेगा, बल्कि भारत को ग्लोबल क्रिप्टो पावरहाउस बनने की दिशा में एक कदम आगे ले जाएगा।
डिस्क्लेमर - यह जानकारी केवल आपको एजुकेट करने के उद्देश्य से दी गई है, कृपया DYOR अवश्य करें। अधिक जानकारी के लिए आप Income Tax Department की अधिकारिक वेबसाईट पर विजिट करें।