India’s National Blockchain Framework ने पार किया 34 करोड़ का आंकड़ा
India's National Blockchain Framework पर 34 करोड़ डाक्यूमेंट्स वेरिफाई
भारत के डिजिटल गवर्नेंस मिशन में एक ऐतिहासिक उपलब्धि दर्ज हुई है। 21 अक्टूबर 2025 तक India's National Blockchain Framework पर 34 करोड़ से ज्यादा सरकारी डाक्यूमेंट्स सफलतापूर्वक वेरीफाई किए जा चुके हैं। यह कदम डिजिटल ट्रस्ट और ट्रांसपेरेंसी को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा माइलस्टोन है।
यह उपलब्धि उस पहल का हिस्सा है जिसे सितंबर 2024 में इलेक्ट्रॉनिक्स और मिनिस्ट्री ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी (MeitY) द्वारा ₹64.76 करोड़ के बजट के साथ शुरू किया गया था। इस पहल का उद्देश्य शासन में ट्रांसपेरेंसी, स्पीड और रिस्पोंसबिलिटी को टेक्नोलॉजी के माध्यम से सुनिश्चित करना है।

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Vishvasya Blockchain Stack, भारत का भरोसेमंद ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म
इस प्लेटफॉर्म की रीढ़ है Vishvasya Blockchain Stack, जो भारत में डेवलप एक स्वदेशी और मॉड्यूलर “Blockchain-as-a-Service” सॉल्यूशन है। इसे नेशनल इंफॉरमैटिक्स सेंटर (NIC) के तीन डेटा सेंटर्स - भुवनेश्वर, पुणे और हैदराबाद में तैनात किया गया है।
अब सरकारी रिकॉर्ड होंगे पूरी तरह भरोसेमंद और सुरक्षित
भारत का नेशनल ब्लॉकचैन फ्रेमवर्क देश के डिजिटल भरोसे को मजबूत करने के लिए बनाया गया है। यह एक ऐसा सिस्टम है जो सरकारी रिकॉर्ड और डाक्यूमेंट्स को पूरी तरह सुरक्षित और एंटी हरस्समेंट बनाता है। Blockchain Technology से एसेट्स, कोर्ट और सर्टिफिकेट से जुड़ी जानकारी ट्रांसपेरेंट तरीके से सुरक्षित रहती है, जिससे नागरिकों का सरकार पर विश्वास और बढ़ता है।
Vishvasya Stack के साथ जुड़े दो अन्य महत्वपूर्ण घटक
- NBFLite: NBFLite एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जहाँ स्टार्टअप्स और स्टूडेंट्स ब्लॉकचेन से जुड़ी नई ऐप्स को आसानी से टेस्ट कर सकते हैं।
- Praamaanik: Praamaanik मोबाइल ऐप्स की असली पहचान की पुष्टि करता है ताकि यूज़र्स को फेक या धोखाधड़ी वाले ऐप्स से बचाया जा सके।
देशभर में तेजी से बढ़ रहा India's National Blockchain Framework का इस्तेमाल
2025 तक India’s National Blockchain Framework का इस्तेमाल अब कई सरकारी कामों में किया जा रहा है जैसे सर्टिफिकेट्स की जांच, एसेट्स रिकॉर्ड रखना, जुडिशल डाक्यूमेंट्स और माल ढुलाई (Logistics) से जुड़े डेटा को सुरक्षित बनाना। अब तक 34 करोड़ से ज़्यादा गवर्नमेंट डाक्यूमेंट्स इस प्लेटफॉर्म पर वेरिफाई किए जा चुके हैं, जिससे ट्रांसपेरेंसी और भरोसा दोनों बढ़े हैं।
India's National Blockchain Framework टेक्नोलॉजी सिर्फ डाक्यूमेंट्स तक सीमित नहीं है। RBI के डिजिटल रुपया प्रोजेक्ट और TRAI के स्पैम कंट्रोल प्रोग्राम में भी इसका इस्तेमाल हो रहा है। आज करीब 1.13 लाख आर्गेनाइजेशन इस नेटवर्क से जुड़े हैं और 21,000 से अधिक सरकारी अधिकारी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षित हो चुके हैं।
ट्रेडिशनल सिस्टम से ‘ट्रस्ट-बाय-डिज़ाइन’ मॉडल की ओर
पहले सरकारी सिस्टम कागज़ी रिकॉर्ड और अलग-अलग डेटाबेस पर चलते थे, जिनमें गलती या देरी आम बात थी। अब India’s National Blockchain Framework ने इस व्यवस्था को पूरी तरह बदल दिया है। इसमें हर डाक्यूमेंट्स और ट्रांजैक्शन का सुरक्षित डिजिटल रिकॉर्ड रहता है, जिसे कोई बदल नहीं सकता। इसे “ट्रस्ट-बाय-डिज़ाइन” कहा जाता है यानी भरोसा अब इंसानों पर नहीं, बल्कि टेक्नोलॉजी पर बेस्ड है। इससे सरकारी कामकाज तेज़, ट्रांसपेरेंट और सुरक्षित हुआ है और नागरिकों के अधिकार पहले से ज्यादा सुरक्षित हुए हैं।
NBF के प्रमुख घटक जो इसे खास बनाते हैं
NBF को भारत की इंटीग्रेटेड ब्लॉकचेन पॉलिसी के रूप में तैयार किया गया है, जिसके मुख्य घटक हैं।
- विश्वस्य ब्लॉकचैन स्टैक - जो पूरे सिस्टम का टेक्निकल बेस है।
- NBFLite - जहां स्टार्टअप और रिसर्चर अपने प्रोजेक्ट्स का टेस्ट कर सकते हैं।
- Praamaanik - जो मोबाइल ऐप्स की सच्चाई जांचता है।
- नेशनल ब्लॉकचैन पोर्टल - जो सभी सेवाओं को एक प्लेटफॉर्म पर जोड़ता है।
डिजिटल गवर्नेंस में आया बड़ा बदलाव
- Certificates and Document Chain - इस सिस्टम के माध्यम से जाति, आय और शैक्षणिक प्रमाणपत्र जैसे डॉक्यूमेंट सुरक्षित रूप से कलेक्ट और वेरीफाई किए जाते हैं।
- Property Chain: क्रिप्टोकरेंसी ट्रांज़ैक्शन का पूरा रिकॉर्ड ब्लॉकचेन पर सुरक्षित होता है, जिससे विवादों और फ्रॉड के मामलों में कमी आई है।
- Judiciary and ICJS Chain: न्यायपालिका के लिए सुरक्षित डेटा रिकॉर्डिंग और e-summons जैसी प्रोसेस अब ब्लॉकचेन बेस्ड हैं।
- Logistics Chain: दवाओं और वस्तुओं की ट्रैकिंग में ब्लॉकचेन से ट्रांसपेरेंसी आई है, जैसा कि कर्नाटक की “Aushada” मेथड में देखा गया।
प्रधानमंत्री का विज़न और आगे की दिशा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है, “डिजिटल इंडिया का अर्थ केवल सुविधा नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही भी है।” इसी दृष्टिकोण को साकार करते हुए India's National Blockchain Framework भारत के डिजिटल भविष्य की रीढ़ बन रहा है।
यह सिर्फ एक तकनीकी पहल नहीं, बल्कि भरोसेमंद शासन की दिशा में बड़ा कदम है। आने वाले समय में यह प्लेटफॉर्म देश को ऐसा डिजिटल भारत बनाएगा, जहाँ हर रिकॉर्ड सुरक्षित, प्रमाणित और सबके लिए भरोसेमंद होगा।
7 वर्षों के ब्लॉकचेन और डिजिटल गवर्नेंस के एक्सपीरियंस के आधार पर मेरा मानना है कि नेशनल ब्लॉकचैन फ्रेमवर्क भारत को “Trust Economy” की दिशा में लीडर बनाएगा। यह केवल टेक्नोलॉजी नहीं, बल्कि डिजिटल विश्वसनीयता का नया स्टैण्डर्ड है जो सरकारी सेवाओं को सुरक्षित और तेज़ बनाएगा।
कन्क्लूजन
India’s National Blockchain Framework ने भारत के डिजिटल गवर्नेंस में नई पावर भरी है। इससे सरकारी रिकॉर्ड न केवल पारदर्शी हुए हैं, बल्कि एंटी हरस्समेंट भी बने हैं। आने वाले वर्षों में यह पहल पब्लिक सर्विस को तेज़, भरोसेमंद और टेक्निकल रूप से सक्षम बनाएगी, जिससे भारत वर्ल्ड के सबसे एडवांस डिजिटल देशों में शामिल हो सकेगा।
डिस्क्लेमर: यह आर्टिकल केवल सूचना के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें लिखी बातें लेखक की अपनी राय हैं। किसी भी फैसले या निवेश से पहले आप खुद से पूरी जांच और जानकारी जरूर चेक करें।
