Litecoin ने खुद को बताया Bitcoin से अलग, बयान से उठे कई सवाल
हाल ही में क्रिप्टोकरेंसी Litecoin के आधिकारिक X अकाउंट @litecoin से एक ऐसा बयान सामने आया जिसने क्रिप्टो कम्युनिटी में हलचल मचा दी। इस बयान में स्पष्ट रूप से कहा गया कि लाइटकॉइन न तो Bitcoin का Hard Fork है और न ही Soft Fork, बल्कि इसका खुद का अलग Genesis Block है और यह इंडिपेंडेंट रूप से बनाया गया था।
यह प्रतिक्रिया उस सवाल के जवाब में आई जिसमें पूछा गया था: “What is Litecoin?” वहीं दूसरी ओर, Coinbase जैसे प्रमुख एक्सचेंज सहित कई प्लेटफॉर्म अब तक Litecoin को Bitcoin का Fork बताते आए हैं। इस विवादित अंतर पर अब बहस तेज हो गई है कि वास्तव में लाइटकॉइन की टेक्निकल आइडेंटिटी क्या है।

Source – Litecoin X Post
Litecoin और Bitcoin के बीच टेक्निकल डिफरेंस
लाइटकॉइन को 2011 में Charlie Lee द्वारा बनाया गया था, जो उस वक्त Google के इंजीनियर थे और बाद में Coinbase से भी जुड़े। इसे Bitcoin की तुलना में “Lite” वर्जन के रूप में डिजाइन किया गया था, जो तेज़ ट्रांजैक्शन और कम फीस प्रदान करता है।
हालांकि वर्षों से Litecoin को अक्सर Bitcoin के एक Fork के रूप में वर्णित किया गया है, लेकिन यह बयान इसे पूरी तरह नकार देता है। दरअसल, टेक्नोलॉजी रूप से Fork का मतलब होता है कि दो ब्लॉकचेन कुछ समय तक एक ही इतिहास साझा करती हैं, लेकिन लाइटकॉइन के पास अपना अलग Genesis Block है। इस लिहाज से यह Bitcoin की टेक्निकल डायरेक्शन से प्रेरित हो सकता है, लेकिन इसका ब्लॉकचेन इतिहास अलग ही है।
टेक्निकल डिफरेंस:
- Genesis Block: लाइटकॉइन का Genesis Block Bitcoin से अलग है।
- Hashing Algorithm: Litecoin, Bitcoin के SHA-256 के बजाय Scrypt Algorithm का उपयोग करता है।
- Block Time: Litecoin में औसतन 2.5 मिनट का Block Time होता है, जबकि Bitcoin में 10 मिनट।
- Supply Cap: लाइटकॉइन की मैक्स सप्लाई 84 मिलियन है, जबकि Bitcoin की 21 मिलियन।
क्रिप्टो कम्युनिटी का रिएक्शन और विवाद
@litecoin के इस बयान पर क्रिप्टो कम्युनिटी का X पर तगड़ा रिएक्शन आया। कुछ यूजर्स ने इसकी सराहना की कि अब Litecoin को उसकी अपनी पहचान मिल रही है, जबकि अन्य ने Coinbase और बाकी प्लेटफॉर्म्स पर भ्रामक जानकारी देने का आरोप लगाया।
एक यूजर ने लिखा, “अगर यह Fork नहीं है तो फिर इतने सालों तक हमें गुमराह क्यों किया गया?” वहीं कुछ डेवलपर्स ने कहा कि इसे “Codebase Fork” कहा जा सकता है, लेकिन Blockchain Fork नहीं, जो कि बड़ा अंतर है।
इस ट्वीट के ज़रिए Litecoin Foundation ने सभी एक्सचेंजों, संस्थानों और सेवाओं से आग्रह किया है कि वे अपने प्लेटफॉर्म पर दी गई लाइटकॉइन की डिटेल्स को अपडेट करें और सटीक जानकारी दें।
टेक्निकल एक्यूरेसी से ही बढ़ेगा भरोसा
Bitcoin पर लम्बे समय से मैं आर्टिकल और ब्लॉग लिख रहा हूँ, ऐसे में मेरा मानना है कि Litecoin का यह कदम बहुत जरूरी था। क्रिप्टो की दुनिया में ट्रांसपेरेंसी और टेक्निकल क्लियरिटी ही विश्वास की नींव होती है। यदि लाइटकॉइन वास्तव में टेक्निकली एक इंडिपेंडेंट ब्लॉकचेन है, तो उसे Fork’ कहना गलत ही होगा।
Coinbase जैसे बड़े प्लेटफॉर्म्स की ज़िम्मेदारी है कि वे अपने कंटेंट को अपडेट रखें, खासकर जब वह दुनिया भर के लाखों यूजर्स द्वारा पढ़ा जाता है। अगर लाइटकॉइन की असली टेक्निकल स्टैंडिंग को नहीं दर्शाया गया, तो यह नए क्रिप्टो यूजर्स को गुमराह कर सकता है।
कन्क्लूजन
इस विवाद ने यह साफ कर दिया है कि Litecoin अब केवल एक “Lite version of Bitcoin” नहीं रह गया है, बल्कि यह अपनी इंडिपेंडेंट आइडेंटिटी और टेक्नोलॉजी के साथ खड़ा है। अब समय आ गया है कि बड़े एक्सचेंज और जानकारी देने वाले प्लेटफॉर्म्स लाइटकॉइन की टेक्निकल रियलिटी को स्वीकारें और अपडेट करें।
यदि क्रिप्टो इंडस्ट्री को व्यापक स्तर पर अपनाया जाना है, तो पारदर्शिता और सही जानकारी सबसे बड़ी जरूरत है और लाइटकॉइन ने इसी दिशा में एक साहसिक कदम उठाया है।