बिटकॉइन होल्डिंग्स की जब भी बात होती है तो Strategy कंपनी का जिक्र जरूर होता है, जिसे पहले MicroStrategy के नाम से जाना जाता है। अब एक बार फिर Strategy के प्रमुख माइकल सैलर बिटकॉइन होल्डिंग के मामले में बड़ा दांव लगाने वाले हैं और 84 बिलियन डॉलर के बिटकॉइन अधिग्रहित करने की प्लानिंग कर रहे हैं। ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि बिटकॉइन की कीमत करीब 1 लाख डॉलर तक पहुंच सकती है।
दरअसल Michael Saylor की कंपनी Strategy ने 84 बिलियन डॉलर के बिटकॉइन अधिग्रहित करने की प्लानिंग की है। इस प्लान के तहत $42 बिलियन इक्विटी और $42 बिलियन फिक्स्ड इनकम से फंडिंग होगी। वहीं दूसरी ओर बिटकॉइन होल्डिंग से 2025 तक 25 फीसदी यील्ड (रिटर्न) का टारगेट फिक्स किया गया है। ऐसे में यह उम्मीद जताई जा रही है कि Michael Saylor के इस कदम से Bitcoin की कीमत करीब $100,000 तक पहुंच सकती है। Michael Saylor ज्यादा Bitcoin खरीदने की Strategy क्यों बना रहे, यहां विस्तार से पढ़ें
गौरतलब है कि Strategy कंपनी पहले ही 5,53,555 बिटकॉइन खरीद चुकी है, जिसकी अनुमानित कीमत करीब $52.48 बिलियन है। माइकल सेलर की ट्विटर करके भी जानकारी दी है कि 2025 तक बिटकॉइन निवेश पर यील्ड (रिटर्न) का लक्ष्य 15 फीसदी से बढ़ाकर 25 फीसदी कर दिया गया है। ऐसे में साफ है कि Strategy काफी तेजी से बिटकॉइन खरीदने की रणनीति अपनाएगी।
Michael Saylor की इस प्लानिंग से बिटकॉइन की मौजूदा आपूर्ति का करीब 2 फीसदी हिस्सा लॉक हो जाएगा और इस कारण मार्केट में बिटकॉइन की शॉर्टेज हो जाएगी। ऐसी स्थिति में Bitcoin की कीमत पर बुलिश का दबाव बनना तय है, यानी सीधे तौर पर बिटकॉइन का शॉर्टेज होने पर मांग में तेजी आएगी, जिससे बिटकाइन की कीमत $1,00,000 तक पहुंच सकती है।
एक्सपर्ट का मानना है कि Michael Saylor के इस प्लान से क्रिप्टोमार्केट में संस्थागत निवेश बढ़ेगा और इससे बिटकाइन के साथ-साथ अन्य क्रिप्टोकरेंसी जैसे Ethereum और अन्य बड़े altcoins के प्रति भी निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा। ऐसे में रेगुलेटरी बदलाव और तकनीकी सुधार की दिशा में भी तेजी से काम होगा। संस्थागत निवेश बढ़ने से क्रिप्टो मार्केट में पारदर्शिता आने के साथ-साथ स्थिरता आने की उम्मीद भी बढ़ जाएगी।
माइकल सेलर और उनकी कंपनी Strategy का यह बड़ा कदम ऐतिहासिक साबित हो सकता है। गौरतलब है कि Bitcoin अब सिर्फ एक वर्चुअल करेंसी नहीं, बल्कि एक Serious Financial Asset के रूप में स्थापित हो चुका है। संस्थागत निवेश के तहत जब कोई कंपनी अपनी पूंजी का बड़ा हिस्सा डिजिटल करेंसी में निवेश करती है, तो यह निवेशकों के बीच भविष्य डिजिटल के संकेत देती है।
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