RLUSD को जून 2023 में Ripple द्वारा पेश किया गया था और यह 1:1 के अनुपात में US Dollar द्वारा सपोर्टेड है, जिसमें US Government के Bonds और अन्य Cash Equivalents का सपोर्ट भी है। यह एक US Dollars से Backed Stablecoin है, जिसे 10 दिसंबर को New York Department of Financial Services (NYDFS) से मंजूरी प्राप्त हुई थी। इस मंजूरी के साथ, RLUSD अब ग्लोबल फाइनेंशियल और क्रिप्टोकरेंसी मार्केट्स में प्रवेश कर सकेगा।
Ripple ने 17 दिसंबर को अपने नए Stablecoin Ripple USD (RLUSD) को ग्लोबली लॉन्च करने की घोषणा की है। इस Stablecoin को शुरू में प्रमुख प्लेटफार्मों जैसे Uphold, MoonPay, Archax और CoinMENA पर उपलब्ध कराया जाएगा। आने वाले हफ्तों में इसे Bitso, Bullish, Bitstamp, Mercado Bitcoin, Independent Reserve और Zero Hash जैसे और प्लेटफार्मों पर भी लिस्टेड किया जाएगा।
Ripple का उद्देश्य RLUSD को ग्लोबल लेवल पर अपनाना है और इसके लिए कंपनी ने अपने पार्टनर नेटवर्क के माध्यम से इसे अमेरिका, एशिया-पैसिफिक, यूके और मिडिल ईस्ट में विस्तार करने की योजना बनाई है। Ripple का मानना है कि RLUSD सिर्फ एक रेग्युलेटेड स्टेबलकॉइन नहीं होगा, बल्कि यह क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स और ट्रेजरी रेमिटेंस के लिए एक इफेक्टिव टूल के रूप में काम करेगा।
2025 की शुरुआत में, Ripple RLUSD को अपने डिजिटल पेमेंट सिस्टम, Ripple Payments में इंटीग्रेट करेगा। Ripple Payments ने पहले ही 90 मार्केट्स में $70 बिलियन का ट्रांज़ैक्शन किया है। इसके अलावा, RLUSD को डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस (DeFi) प्रोटोकॉल्स के साथ भी Customized किया जाएगा और इसे टोकनाइज्ड रियल-वर्क्ड एसेट्स जैसे कमोडिटीज, सिक्योरिटीज और ट्रेजरिज के ट्रेडिंग के लिए कॉलैटरल के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा।
Ripple के लिए RLUSD का लॉन्च Crypto और Traditional Financial Markets के बीच एक ख़ास ब्रिज का काम करेगा, जिससे इसकी ग्लोबल पेमेंट्स और फाइनेंशियल सर्विस में भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो जाएगी।
RLUSD का लॉन्च Ripple के लिए एक महत्वपूर्ण माइलस्टोन साबित हो सकता है, जो क्रिप्टो और ट्रेडिशनल फाइनेंशियल मार्केट के बीच एक मजबूत कड़ी बनाएगा। इसकी ग्लोबल एक्सेप्टेन्स और क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट्स के लिए उपयोगिता इसे दुनिया भर में फाइनेंशियल ट्रांज़ैक्शन के तरीके को बदलने का अवसर प्रदान करती है। आने वाले समय में, जब RLUSD Ripple Payments और DeFi Protocols के साथ इंटीग्रेट होगा, तो यह न केवल Ripple की पेमेंट सिस्टम को मजबूत करेगा, बल्कि पूरे क्रिप्टो वर्ल्ड में स्थिरता और विश्वास भी ला सकता है। Ripple का उद्देश्य RLUSD के जरिए ग्लोबल लेवल पर अपनी उपस्थिति को और भी मजबूत बनाना है।
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