WazirX Restructuring Plan पर नया अपडेट, 13 मई होगा बड़ा दिन
भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX, पिछले कुछ समय से अपने Restructuring Plan को लेकर सुर्खियों में है। WazirX Hack के लगभग 6 महीने बाद जहां कंपनी का कहना है कि वह अपनी योजना पर ट्रैक पर बनी हुई है, वहीं दूसरी ओर, यूज़र्स की ओर से विरोध और कानूनी चुनौतियां भी सामने आ रही हैं। 13 मई, 2025 को सिंगापुर में होने वाली एक अहम कोर्ट हियरिंग इस पूरे घटनाक्रम के भविष्य को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। यह हियरिंग WazirX Restructuring Plan को एक नई दिशा भी प्रदान कर सकती है।
WazirX ने दी उम्मीद की किरण
WazirX ने हाल ही में एक ट्वीट में पुष्टि की कि उनका Restructuring Plan, उनके प्लान के मुताबिक आगे बढ़ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि 13 मई को होने वाली सिंगापुर कोर्ट की सुनवाई के बाद अगर योजना को मंजूरी मिलती है, तो पहले 10 बिजनेस डेज़ में यूज़र्स को फंड का रिफंड मिलना शुरू हो जाएगा। यह खबर उन यूज़र्स के लिए राहत लेकर आई है जो लंबे समय से अपने फंड्स के लौटने का इंतज़ार कर रहे थे।
फाउंडर ने अफवाहों पर दिया जवाब
WazirX के फाउंडर Nischal Shetty ने भी इस मामले पर सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया दी। उन्होंने अफवाहों को खारिज करते हुए कहा, “हम ट्रैक पर हैं और जल्द ही कोर्ट से अप्रूवल मिलने की उम्मीद है।” उन्होंने यूज़र्स से धैर्य बनाए रखने और अफवाहों से दूर रहने की अपील की। उन्होंने यह भी कहा कि जैसे-जैसे प्रोसेस आगे बढ़ेगी और भी अपडेट्स साझा किए जाएंगे।
दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका और नोटिस
जहां एक ओर कंपनी प्रगति का दावा कर रही है, वहीं दूसरी ओर दिल्ली हाई कोर्ट ने WazirX के Restructuring Plan पर नोटिस जारी किया है। याचिकाकर्ताओं Sudhir Verma और Kunal Dhariwal ने आरोप लगाया है कि यह रिस्ट्रक्चरिंग यूज़र्स की सहमति के बिना की जा रही है और इसमें उन डिजिटल एसेट्स को भी शामिल किया जा रहा है जो जुलाई 2024 के साइबर अटैक से प्रभावित नहीं हुए थे। उनका दावा है कि यह यूज़र्स के अधिकारों का उल्लंघन है और Zettai Pte. Ltd. के फेवर में रिबैलेंसिंग और लिक्विडेशन किया जा रहा है।
डेटा सेफ्टी और ट्रांसपेरेंसी पर उठे सवाल
याचिका में यह भी बताया गया है कि यूज़र्स की पर्सनल और फाइनेंशियल जानकारी फॉरेन इंस्टीट्यूशन्स के साथ शेयर की जा रही है, जिससे डेटा सेफ्टी को लेकर गंभीर सवाल खड़े हुए हैं। साथ ही, प्लान के तहत यूज़र्स से यह शर्त भी रखी जा रही है कि वे सभी लीगल मेटर्स को छोड़ दें, जो ट्रांसपेरेंसी और फेयरनेस पर भी सवाल उठाता है। आरोप यह भी है कि यह पूरी प्रक्रिया एक ऐसे सलाहकार द्वारा चलाई जा रही है जो खुद रिस्ट्रक्चरिंग यूनिट के लिए काम करता है, जिससे कन्फ्लिक्ट ऑफ इंटरेस्ट की स्थिति बनती है।
कन्क्लूजन
WazirX के भविष्य को लेकर यूज़र्स और इन्वेस्टर्स की निगाहें अब 13 मई, 2025 को होने वाली कोर्ट हियरिंग पर टिकी हुई हैं। जहां एक तरफ कंपनी राहत देने की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ दिल्ली हाई कोर्ट की नोटिस और याचिकाकर्ताओं के आरोप इस योजना की वैधता और पारदर्शिता पर सवाल खड़े कर रहे हैं। आने वाले हफ्ते निश्चित तौर पर WazirX और उसके यूज़र्स के लिए निर्णायक साबित हो सकते हैं।