Rollups क्या होते हैं? zk-Rollup vs Optimistic Rollup
जैसे-जैसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के एडॉप्शन के बढ़ने के साथ-साथ, Ethereum जैसे बड़े नेटवर्क पर ट्रांज़ैक्शन भी बढ़ रहे हैं। इसका असर यह होता है कि नेटवर्क स्लो हो जाता है और ट्रांज़ैक्शन फीस बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में किसी भी डिसेंट्रलाइज़्ड एप्लिकेशन या स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के मॉस एडॉप्शन में दिक्कतें आना शुरू हो जाती है।
इन्हीं प्रॉब्लम को सॉल्व करने के लिए Rollups का उपयोग किया जाता है। ये Layer-2 Solutions होते हैं जो Ethereum जैसे Layer-1 नेटवर्क पर लोड कम करते हैं, जिससे ट्रांज़ैक्शन फ़ास्ट और अफोर्डेबल हो जाते हैं। इसके दो मुख्य प्रकार होते हैं, Optimistic Rollup और zk-Rollup और दोनों अलग अलग अप्प्रोच के साथ ब्लॉकचेन को ज्यादा स्केलेबल बनाते हैं।
इस ब्लॉग में हम समझेंगे कि Rollups कैसे काम करते हैं, इनके प्रकार क्या हैं और zk-Rollup और Optimistic Rollup एक दुसरे से किस तरह से अलग है।
Rollups क्या होते हैं?
यह एक Layer-2 सॉल्यूशन हैं जो Blockchain में Transaction को Layer-1 के बाहर प्रोसेस करते हैं, लेकिन इम्पोर्टेन्ट डाटा या वेरिफिकेशन के प्रूफ को Layer-1 पर सिक्योर रखते हैं। इसका मतलब है कि कम्प्यूटेशन और स्टोरेज का ज़्यादातर काम Off-chain हो जाता है, जिससे ट्रांज़ैक्शन फीस कम हो जाती है और नेटवर्क की स्पीड बढ़ती है।
ये हजारों ट्रांज़ैक्शन को एक बड़े पैकेज की तरह बंडल करते हैं और फिर उन्हें एक ही ट्रांज़ैक्शन के रूप में Ethereum पर भेज देते हैं। इससे नेटवर्क की एफिशिएंसी और यूज़र एक्सपीरियंस दोनों बेहतर हो जाते हैं।
Rollups कैसे काम करते हैं?
इनके काम करने की प्रोसेस बहुत आसान होती है, इसे हम इस तरह से समझ सकते हैं, जैसे कोई कूरियर सर्विस कंपनी सैकड़ों पार्सल्स को एक बड़े कंटेनर में पैक कर देती है और एक ही ट्रक से डिलीवर करती है, वैसे ही Rollups कई ट्रांज़ैक्शन को एक बंडल में Wrap करके Mainchain पर भेजते हैं।
मुख्य स्टेप्स:
- ट्रांज़ैक्शन प्रोसेसिंग: यूज़र्स द्वारा किये जा रहे सभी ट्रांज़ैक्शन पहले Layer-2 नेटवर्क पर एक्सिक्यूट किए जाते हैं।
- डेटा/प्रूफ सबमिशन: ज़रूरी डाटा या क्रिप्टोग्राफ़िक प्रूफ Ethereum जैसे Layer-1 नेटवर्क पर सबमिट किया जाता है।
इससे कन्फर्मेशन टाइम फ़ास्ट हो जाता है, ट्रांज़ैक्शन फीस में कमी आती है और Mainchain की सिक्योरिटी बनी रहती है।
उदाहरण: zkSync Network पर NFT मिंट करना Ethereum की तुलना में अफोर्डेबल और फ़ास्ट होता है, क्योंकि ट्रांज़ैक्शन Rollup के ज़रिए इंस्टेंटली वेरिफ़ाई हो जाते हैं।
Rollups के प्रकार
यह दो मैन केटेगरी में डिवाइड किए जाते हैं:
Optimistic Rollups
Optimistic Rollups इस कांसेप्ट पर काम करते हैं कि जब तक कोई ट्रांज़ैक्शन को गलत साबित न करे, सभी ट्रांज़ैक्शन सही होते हैं। इसमें Fraud Proof Challenge नाम की प्रोसेस होती है, जिसमें कोई भी सस्पीशियस ट्रांज़ैक्शन को चैलेंज कर सकता है।
Optimism और Arbitrum में इन्हीं का यूज़ किया जाता है।
Optimistic Rollups की विशेषताएँ:
- ट्रांज़ैक्शन तुरंत दिखता है लेकिन विड्रौल में 7 दिन तक की देरी हो सकती है, इस देरी का कारण Fraud Proof Challenge की प्रोसेस होती है।
- Ethereum के साथ बेहतर कम्पेटिबिलिटी
- स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट के इस्तेमाल को आसान बनाता है
जैसे यदि आपने Optimism Network पर कोई Airdrop क्लेम किया है, और उसे Ethereum Mainnet में ट्रांसफर करना है, तो आपको लगभग एक सप्ताह इंतज़ार करना पड़ सकता है।
zk-Rollups (Zero-Knowledge Rollups)
zk-Rollups ट्रांज़ैक्शन के साथ एक क्रिप्टोग्राफ़िक प्रूफ जोड़ते हैं, जिसे Zero Knowledge Proof कहा जाता है। ये प्रूफ दिखाता है कि ट्रांज़ैक्शन वैलिड है, लेकिन इस ट्रांज़ैक्शन की डिटेल्स नहीं दी जाती है। इसका फायदा यह है कि वेरिफ़िकेशन तुरंत हो जाता है और सिक्योरिटी हाई रहती है।
इस Rollups का उपयोग zkSync और StarkNet में किया जाता है।
zk-Rollups में ट्रांज़ैक्शन तुरंत फाइनल हो जाता है, इसमें विड्रौल में कोई डिले नहीं होता और इसके साथ ही हाई सिक्योरिटी और प्राइवेसी बनी रहती है। हालांकि स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के साथ इसकी कम्पेटिबिलिटी अभी लिमिटेड है लेकिन इसमें लगातार सुधार हो रहा है।
zk-Rollup vs Optimistic Rollup
आस्पेक्ट | Optimistic Rollup | zk-Rollup |
ट्रस्ट मॉडल | Default Trust + Fraud Proof | Cryptographic Validity Proof |
फाइनलिटी टाइम | ~7 दिन (Challenge Window) | Instant |
ट्रांज़ैक्शन फीस | कम | थोड़ी ज़्यादा (Proof Generation के कारण) |
स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट सपोर्ट | अधिक कम्पेटिबल | अभी लिमिटेड |
कम्प्यूटेशन कोम्प्लेक्सिटी | कम | ज़्यादा |
Rollups का Web3 में महत्व
Rollups, Web3 के स्केलेबिलिटी चैलेंज का सबसे प्रेक्टिकल सॉल्यूशन है। DApps के एडॉप्शन में एक्सपेंशन तभी संभव है जब नेटवर्क पर लाखों ट्रांज़ैक्शन अफोर्डेबल हो और तेज़ी से प्रोसेस किए जा सकें।
Rollups की ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट्स में भूमिका
- NFT ट्रेडिंग: मिन्टिंग और ट्रांसफर पर फीस में कमी
- एयरड्रॉप डिस्ट्रीब्यूशन: लाखों वॉलेट में एक साथ सिक्योर ट्रांसफर
- क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग: Memecoin जैसी हाई फ्रीक्वेंसी टोकन को स्केलेबल ट्रेडिंग के लिए पॉसिबल बनाना
- स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट के गेमिंग में प्रयोग को बेहतर बनाएगा, इंटरैक्शन फ़ास्ट होंगे जिससे बेहतर UX मिलेंगे
Rollups, Ethereum की स्केलेबिलिटी को अनलॉक करने के साथ-साथ Web3 के रियल वर्ल्ड एक्सपेंशन को भी बेहतर बनाते हैं।
Rollups से जुड़े चेलेंज और लिमिटेशन
Rollups अभी तक परफेक्ट सॉल्यूशन नहीं बन पाया हैं। इनमें कुछ टेक्निकल और एडॉप्शन से जुड़े चेलेंज अभी भी हैं:
- Fraud Proof Delay: Optimistic Rollup में फंड विड्रोल के लिए लंबा इंतज़ार करना पड़ता है।
- zk-proof: zk-Rollup में क्रिप्टोग्राफ़िक प्रूफ बनाने में कम्प्यूटेशनल पॉवर लगती है, जिसके कारण इसकी कॉस्ट बढ़ जाती है।
- स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट कम्पेटिबिलिटी: zkEVM ने इसे पहले से बेहतर बनाया है हालांकि यह अभी भी डेवलपमेंट फैज़ में है।
- डेवलपर टूलिंग: Rollup-specific SDKs अभी डेवलपमेंट फेज़ में है, जिससे डेवलपर्स के लिए अभी भी इस पर काम करना मुश्किल होता है।
भविष्य में Layer-3 सॉल्यूशन और बेहतर zkVMs इन चेलेंज का जवाब दे सकते हैं।
Rollups सिर्फ एक Layer-2 टूल नहीं, बल्कि Web3 की स्केलेबिलिटी बढ़ाने का एक इम्पोर्टेन्ट साधन हैं। zk-Rollup हो या Optimistic Rollup, दोनों का उद्देश्य Ethereum जैसे नेटवर्क को डिसेंट्रलाइजेशन या सिक्योरिटी से कोम्प्रोमाईज़ किए बिना मास एडॉप्शन के लिए तैयार करना है।
जैसे-जैसे क्रिप्टोकरेंसी, NFT और डिसेंट्रलाइज़्ड एप्लिकेशन का उपयोग बढ़ेगा, Rollups नई जनरेशन के स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और स्केलेबल नेटवर्क की दिशा तय करेंगे।