Cosmos Hub (ATOM) क्या है, जानिए इसकी मुख्य विशेषताएं
Cosmos Hub (ATOM) क्या है
Cosmos Hub को एक ऐसे प्रोजेक्ट के रूप में प्रेजेंट किया जाता है, जो ब्लॉकचेन इंडस्ट्री की कुछ सबसे कठिन समस्याओं का सॉल्यूशन करता है। इसका मुख्य उद्देश्य "स्लो, एक्सपेंसिव, स्केलेबल और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाले Proof-of-Work Protocols को बदलना है। Cosmos एक ऐसे नेटवर्क का निर्माण करता है जो विभिन्न ब्लॉकचेन को जोड़ता है और इन्हें आपस में कम्यूनिकेट करने की क्षमता प्रदान करता है। इसके अलावा, Cosmos Hub का उद्देश्य Blockchain Technology को सरल बनाना है, जिससे डेवलपर्स के लिए यह उपयोग करने में आसान हो सके। मॉड्यूलर फ्रेमवर्क के द्वारा यह डिसेंट्रलाइज़्ड एप्लिकेशन (dApps) को बनाने की प्रोसेस को भी आसान बनाता है। इसके अलावा, इंटरब्लॉकचेन कम्युनिकेशन (IBC) प्रोटोकॉल के जरिए विभिन्न ब्लॉकचेन नेटवर्क्स को एक-दूसरे से कम्यूनिकेट करने की क्षमता मिलती है। क्या आप Blockchain के बारें में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो Blockchain क्या हैं इस ब्लॉग को पढ़ें।Cosmos Hub की शुरुआत और इतिहास
Cosmos का इतिहास 2014 से शुरू होता है, जब Tendermint नामक एक कंपनी की स्थापना की गई। Tendermint इस नेटवर्क का एक महत्वपूर्ण कंट्रीब्यूटर था। 2016 में Cosmos का एक व्हाइट पेपर पब्लिश हुआ और 2017 में इसके Token Sale किये गए। ATOM Tokens एक हाइब्रिड Proof-of-Stake एल्गोरिदम के माध्यम से कमाए जाते हैं और ये Cosmos Hub को सुरक्षित रखने में मदद करते हैं। ATOM Token का एक और महत्वपूर्ण रोल नेटवर्क के गवर्नेंस में भी है।Cosmos Hub के फाउंडर कौन हैं?
Cosmos के फाउंडर Tendermint के Co-Founder Jae Kwon, Zarko Milosevic और Ethan Buchman थे। Kwon ने 2020 में CEO के पद से इस्तीफा दे दिया था और अब उन्होंने प्रोजेक्ट में मुख्य आर्किटेक्ट के रूप में काम करना जारी रखा है। Tendermint के नए CEO Peng Zhong हैं। उनका उद्देश्य डेवलपर्स के लिए एक्सपीरियंस को बेहतर बनाना, Cosmos के लिए एक एन्थुसिएस्ट कम्युनिटी बनाना और लोगों को इस नेटवर्क के बारे में जागरूक करना है।Cosmos Hub कैसे काम करता है?
Cosmos Network तीन मुख्य लेयर्स में बंटा हुआ है, आइये जानते है ये काम कैसे करता है।- एप्लिकेशन लेयर: यह लेयर ट्रांज़ैक्शन प्रोसेस करती है और नेटवर्क की स्थिति को अपडेट करती है।
- नेटवर्किंग लेयर: यह लेयर विभिन्न ट्रांज़ैक्शन और ब्लॉकचेन के बीच कम्यूनिकेशन को संभव बनाती है।
- कन्सेन्सस लेयर: यह लेयर नोड्स को सिस्टम की वर्तमान स्थिति पर कंसेंट बनाने में मदद करती है।