भारत में निवेशकों के बीच Cryptocurrency को लेकर क्रेज लगातार बढ़ रहा है, लेकिन देश में अभी तक कोई स्पष्ट रेगुलेटरी बॉडी के गठन नहीं होने के कारण लोगों के बीच इसको लेकर असमंजस भी है। दुनिया में कई देशों ने जहां Cryptocurrency पर नजर रखने के लिए Regulatory Body का गठन किया है और साथ में Crypto Reserve की ओर बढ़ रहे हैं, वहीं भारत में इस दिशा में अभी तक कोई काम नहीं हुआ है और असमंजस की स्थिति है। जबकि केंद्र सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर 30 फीसदी टैक्स ले रही है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट भी कई बार नाराजगी जता चुका है। सोमवार को भी Supreme Court ने ‘शैलेश बाबूलाल भट्ट बनाम गुजरात’ केस की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार से सवाल किया कि जब क्रिप्टोकरेंसी पर 30% टैक्स लिया जा रहा है, तो इसका नियमन क्यों नहीं हो रहा। Supreme Court ने कहा Cryptocurrency पर Ban नहीं, Regulation जरूरी है। हालांकि केंद्र सरकार की ओर से ASG ऐश्वर्या भाटी ने जवाब दिया कि इस दिशा में काम किया जा रहा है। इस लेख में आप जान सकते हैं कि यदि भारत में क्रिप्टोकरेंसी Regulatory Body के दायरे में आ जाती है तो इससे क्या-क्या फायदे हो सकते हैं।
भारत में Cryptocurrency को लेकर यदि Regulatory Body का गठन हो जाता है तो Crypto Market में उछाल आ सकता है, क्योंकि Regulatory Body न होने के बावजूद भी भारत में कई निवेशक क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करने का जोखिम उठाते हैं। ऐसे में देश की कोई संवैधानिक संस्था यदि Digital Assets पर निगरानी रखेगी तो निवेशकों का Crypto Market पर भरोसा जागेगा और निवेश बढ़ सकता है। रेगुलेशन से Crypto Market में पारदर्शिता और स्थिरता आएगी, जिससे अचानक की गिरावट या बढ़त की संभावना कम हो जाएगी।
भारत में यदि Crypto Regulator संस्था होगी तो मनी लॉन्ड्रिंग और टेरर फंडिग पर लगाम लगेगा। हाल ही में भारत-पाक तनाव के बाद केंद्र सरकार Crypto Transactions को लेकर अलर्ट हो गई है। जम्मू-कश्मीर और उत्तर-पूर्वी राज्यों में आतंकियों द्वारा Digital Assets के जरिए फंडिंग की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए FIU (Financial Intelligence Unit) ने क्रिप्टो एक्सचेंजों पर निगरानी तेज कर दी है, लेकिन इसके बावजूद क्रिप्टो ट्रांसजेक्शन को लेकर कोई कानून नहीं होने के कारण अस्पष्ट स्थिति है। असामाजिक तत्व इसका फायदा उठा सकते हैं। रेगुलेशन के बाद KYC और AML (Anti-Money Laundering) जैसे नियमों को सख्त किया जा सकता है और अवैध फंड मूवमेंट पर लगाम लगाई जा सकेगी। यदि कोई Regulator होगा तो कोर्ट में चल रहे कानूनी विवादों में भी कमी आएगी।
भारत की छबि एक Crypto Friendly State के रूप में विकसित होने से स्टार्टअप में निवेश बढ़ेगा और रोजगार की संभावना भी पैदा होगी। क्रिप्टो कंपनियों और ब्लॉकचेन स्टार्टअप्स अपना निवेश बढ़ा सकते हैं। भारत इस मामले में ब्राजील से सीख ले सकता है। जैसे भारत के पास अपना ऑनलाइन पेमेंट सिस्टम UPI है, उसी तरह ब्राजील के पास अपना रीयल-टाइम पेमेंट सिस्टम Pix है, जिसकी हाल ही में पार्टनरशिप दुनिया के सबसे बड़े Crypto Exchange Binance से हुई है। इससे ब्राजील के पेमेंट सिस्टम में Cryptocurrency शामिल हो जाएगी और ऑनलाइन डिजिटल पेमेंट भी तेज होगा। भारत भी इस दिशा में आगे बढ़कर निवेश को आकर्षित कर सकता है। UPI, Aadhaar जैसे Digital Infrastructure से भारत पहले ही अपनी ग्लोबल लीडरशिप साबित कर चुका है।
Crypto Regulator के जरिए सरकार Crypto Exchange Platforms और Crypto Wallets की निगरानी कर सकेगी, जिससे फर्जी कंपनियों और फर्जी ऐप्स पर अंकुश लगेगा। Digital World में होने पर घोटालों पर लगाम लगेगी। करीब ₹2000 करोड़ के WazirX Hack मामले में हम ये देख भी चुके हैं। नियमों के अभाव में सुप्रीम कोर्ट ने यूजर्स द्वारा दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया था। कोई नियामक संस्था नहीं होने के कारण Scam के शिकार यूजर्स आज भी न्याय के लिए भटक रहे हैं।
यदि भारत जैसे देश में क्रिप्टोकरेंसी के लिए नियामक संस्था का गठन हो जाता है तो इससे Global Crypto Market Cap में काफी बढ़ोतरी हो सकती है। चूंकि भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इसके दरवाजे यदि Digital Assets के लिए नियमों के साथ खुलते हैं तो दुनिया के क्रिप्टो मार्केट पर भी इसका असर होगा। फिलहाल कुल Crypto Market Cap करीब $3.35T है, जिसमें काफी उछाल आ सकता है।
साल 2025 में जहां Crypto Assets को कई देशों में मुख्यधारा में शामिल किया है, वहीं भारत अभी भी इस दौड़ में काफी पीछे है। भारत ने अभी तक क्रिप्टो से कमाई पर टैक्स निर्धारित करके इसे मान्यता तो दे दी है, लेकिन अपनाया नहीं है। भारत सरकार और रिजर्व बैंक इस मामले में काफी फूंक-फूंक कर कदम बढ़ा रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट के तीखे सवालों के जवाब में केंद्र सरकार अभी तक कई बार नियामक संस्था के गठन पर सहमति जता चुकी है। वित्त मंत्रालय, RBI व SEBI जैसे प्रमुख संस्थानों का अंतर-मंत्रालयी समूह (IMG) एक चर्चा पत्र को तैयार करने में जुटा हुआ है।
भारत में Cryptocurrency को लेकर बढ़ती रुचि और निवेश के बीच स्पष्ट Regulatory Framework की कमी चिंता का विषय है। सुप्रीम कोर्ट की सख्ती और केंद्र सरकार की सक्रियता इस ओर इशारा करती है कि जल्द ही एक Crypto Regulatory Body का गठन संभव है। यदि ऐसा होता है तो इससे निवेशकों की सुरक्षा, पारदर्शिता, Money Laundering पर नियंत्रण और Startup Innovation को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। भारत की डिजिटल नेतृत्व क्षमता को देखते हुए यह कदम Crypto Sector में वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भागीदारी और निवेश के लिए एक सकारात्मक परिवर्तन साबित हो सकता है।
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