WazirX Restructuring Plan पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिया नोटिस
दिल्ली हाई कोर्ट ने Crypto Exchange WazirX द्वारा प्रस्तावित क्रिप्टो एसेट्स के रिस्ट्रक्चरिंग प्लान पर एक महत्वपूर्ण नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उन यूज़र्स द्वारा दायर की गई याचिका के आधार पर दिया गया है, जिन्होंने इस रिस्ट्रक्चरिंग प्लान को रोकने की डिमांड की थी। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि यह रिस्ट्रक्चरिंग बिना यूज़र्स की सहमति के की जा रही है, जो उनके अधिकारों का उल्लंघन है। साथ ही उन्होंने चिंता जताई कि इससे प्रभावित एसेट्स जिनका पिछले साइबर अटैक से कोई संबंध नहीं था, अब वह भी रिबैलेंसिंग और लिक्विडेशन के तहत आ सकते हैं, जो डेटा सेफ्टी के हिसाब से भी रिस्की हो सकता है।
WazirX Restructuring Plan पर दिल्ली हाई कोर्ट का नोटिस
28 मार्च, 2025 को दिल्ली हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आवेदन पर नोटिस जारी किया है, जिसमें WazirX प्लेटफॉर्म पर यूज़र्स के क्रिप्टो एसेट्स की रिस्ट्रक्चरिंग को रोकने की डिमांड की गई थी। यह एप्लीकेशन अक्टूबर 2024 में फ़ाइल की गई एक पेंडिंग रिट पिटीशन में प्रेजेंट की गई थी। पिटीशनर Sudhir Verma और Kunal Dhariwal का आरोप है कि प्रपोज किये गए रिस्ट्रक्चरिंग प्लान में Zettai Pte. Ltd. द्वारा वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDAs) का मैनजमेंट और रिडिस्ट्रिब्यूशन किया जा रहा है। उनका कहना है कि इन एसेट्स का प्राइस ₹2700 करोड़ था और यह जुलाई 2024 के साइबर अटैक से प्रभावित नहीं हुए थे। हालांकि, रिस्ट्रक्चरिंग के तहत इन एसेट्स की रिबैलेंसिंग और लिक्विडेशन किया जा सकता है, जो Zettai के लाईबिलिटीज और ऑपरेटिंग एक्सपेंस को पूरा करने के लिए किया जा रहा है। पिटीशनर्स का कहना है कि इस प्रोसेस में यूज़र्स की परमिशन नहीं ली गई है और यह उनके अधिकारों का उल्लंघन है।
पिटीशन में यह भी आरोप लगाया गया है कि रिस्ट्रक्चरिंग प्लान के तहत यूज़र्स से यह शर्त रखी जा रही है कि वे लीगल मेटर्स को वापस लें और प्लेटफॉर्म को सेफ करें, चाहे वे इस प्रोजेक्ट से सहमत हों या नहीं। इसके अलावा, पिटीशनर्स ने रिस्ट्रक्चरिंग की फेयरनेस पर भी सवाल उठाए हैं क्योंकि यह प्रोसेस एक पर्सनल एडवाइजर द्वारा कंट्रोल की जा रही है, जो रिस्ट्रक्चरिंग यूनिट के लिए काम करता है। साथ ही, डेटा सेफ्टी की चिंताएं भी उठाई गई हैं, क्योंकि 4 लाख से अधिक भारतीय यूज़र्स की पर्सनल और फाईनेंशियल इन्फॉर्मेशन फॉरेन इंस्टीट्यूशन के साथ शेयर की जा रही है।
WazirX Hack से सम्बंधित एक महत्वपूर्ण फैसला भी आया सामने
दिल्ली हाई कोर्ट के द्वारा जारी किये गए नोटिस के साथ, हाल ही में WazirX से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घटना सामने आई थी, जिसमें एक WazirX Hack से जुड़े केस को NCDRC ने खारिज कर दिया था। National Consumer Disputes Redressal Commission ने कहा कि कंज्यूमर कोर्ट का अधिकार केवल इंडिया के केसेस पर लागू होता है और WazirX का हेडक्वार्टर सिंगापुर में है, इसलिए इंडियन लॉ के हिसाब से इसे सुनवाई के लिए एक्सेप्ट नहीं किया जा सकता। इस फैसले में यह भी बताया गया कि क्रिप्टोकरेंसी को वस्तु के रूप में माना गया है और यह इनकम टैक्स एक्ट के तहत एसेट्स के रूप में आती है। इसके कारण यह केस Indian Consumer Protection Act के तहत नहीं आता।
इस फैसले के बाद, यूज़र्स को लगता है कि उनके अधिकारों की रक्षा करना कठिन हो सकता है, खासकर जब क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े केसेस फॉरेन कंपनियों से जुड़े होते हैं। WazirX के खिलाफ उठ रहे ऐसे मुद्दे इंडियन लॉ के तहत लीगल रेमेडी प्राप्त करने की दिशा में बड़ा चैलेंज बन सकते हैं।
हालाँकि इस केस में दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला महत्वपूर्ण हो सकता है, क्योंकि इससे इंडियन यूज़र्स के अधिकारों और डेटा सेफ्टी से जुड़े सवालों पर क्लियर गाइडेंस मिल सकती हैं।
कन्क्लूजन
WazirX के क्रिप्टो रिस्ट्रक्चरिंग प्लान पर दिल्ली हाई कोर्ट का नोटिस और NCDRC का हालिया फैसला, इंडियन यूज़र्स के अधिकारों और डेटा सेफ्टी को लेकर महत्वपूर्ण सवाल उठाते हैं। ये मामले यह दर्शाते हैं कि क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी लीगल सेफ्टी और कंज्यूमर की सेफ्टी के लिए लीगल लॉ में और सुधार की आवश्यकता है। कोर्ट के फैसले इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम हो सकते हैं, जो क्रिप्टो एक्सचेंजेज़ में विश्वास और ट्रांसपेरेंसी को बढ़ावा देंगे।