Bio Protocol
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Bio Protocol क्या है, BIO Token के बारे में जानिए

किसी नयी टेक्नोलॉजी या वैज्ञानिक आविष्कार के लिए बहुत सी महत्वपूर्ण आवश्यकताओं में से एक होती है फंडिंग की आवश्यकता। चूँकि रिसर्च में लगने वाले इंफ्रास्ट्रक्चर से लेकर मैन पॉवर तक सब कुछ बहुत ज्यादा महँगी हो चुकी है, यही कारण है कि कोई भी नयी टेक्नोलॉजी तीसरी दुनिया तक पहुँचने में वर्षों लग जाते हैं। दूसरी तरफ कई बेहतरीन टैलेंट इस कारण से अपनी रिसर्च पूरी नहीं कर पाते या शुरू ही नहीं कर पाते क्योंकि उनको फंडिंग का अभाव रहता है।

इसी समस्या को हल करने के लिए Bio Protocol Founder Paul Kohlhaas ने इसे एक ऐसे सिस्टम के रूप में बनाया है, जो साइंटिस्ट्स, इन्वेस्टर्स और कम्युनिटी को जोड़ता है ताकि बायोटेक प्रोजेक्ट्स को जल्दी फंड मिल सके और नई दवाओं या ट्रीटमेंट्स तक पहुँच आसान हो जाए। आज हम इस ब्लॉग में Bio Protocol और इसके नेटिव टोकन BIO के बारे में विस्तार से जानेंगे और इसके साथ ही यह भी जानेंगे कि इसका भविष्य का रोडमेप क्या है।

Bio Protocol क्या है?

Bio Protocol एक स्पेशलाइज्ड प्लेटफॉर्म है जो बायोटेक और मेडिकल रिसर्च कम्युनिटीज, जिन्हें BioDAOs कहा जाता है, को फंडिंग और कोलैबोरेशन के नए विकल्प देता है। सरल शब्दों में, यह एक साइंटिफिक रिसर्च मार्केटप्लेस की तरह काम करता है, जहां लोग शुरुआती स्टेज में ही प्रॉमिसिंग प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट और इन्वेस्ट कर सकते हैं।

ट्रेडिशनल फंडिंग सिस्टम में बड़े वेंचर कैपिटल फर्म्स डिसीजन लेते हैं, लेकिन यहां कम्युनिटी ड्रिवन मॉडल अपनाया गया है। इसका मतलब यह है कि रिसर्च ज्यादा डेमोक्रेटिक और एक्सेसिबल हो जाती है। उदाहरण के लिए, अगर कोई रिसर्चर लॉन्गेविटी ट्रीटमेंट पर काम कर रहा है, तो Bio Protocol उसे बिना मिडलमैन के डायरेक्ट फंडिंग और गवर्नेंस टूल्स प्रोवाइड करता है।

2025 तक यह प्लेटफॉर्म Ethereum, Solana और Base जैसे मल्टीचेन नेटवर्क्स पर एक्टिव है, जिससे इस पर ट्रांज़ैक्शंस फ़ास्ट और अफोर्डेबल हो जाते हैं। अगस्त 2025 में लॉन्च हुए BioXP सिस्टम ने स्टेकिंग और सोशल एंगेजमेंट के लिए रिवार्ड्स देना शुरू कर दिया है। यह सब मिलकर, Bio Protocol को DeSci (डिसेंट्रलाइज्ड साइंस) सेक्टर का एक लीडिंग प्लेयर बना रहा है। अगला पहलू है इसका विज़न, जो इसे और भी खास बनाता है।

Bio Protocol का विज़न क्या है?

Bio Protocol का विज़न है साइंटिफिक रिसर्च को ग्लोबल और ओपन बनाना, ताकि ब्रेकथ्रू डिस्कवरीज़ सिर्फ एलीट सर्कल तक सीमित न रहें, बल्कि दुनिया भर की कम्युनिटी उनका हिस्सा बन सके। इसका कोर आइडिया है साइंस को टोकनाइज करना, यानी इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टी (IP) को डिजिटल एसेट्स में बदलना, जिन्हें खरीदा, बेचा और गवर्न किया जा सके।

उदाहरण के लिए, VitaDAO ने लॉन्गेविटी रिसर्च के लिए $5 मिलियन से ज्यादा फंड जुटाया है और Pfizer Ventures के साथ पार्टनरशिप की है। Long COVID Labs ने जनवरी 2025 में अपना टोकन सेल लॉन्च करके कोविड से जुड़ी रिसर्च को फंड किया। वहीं, Quantum Biology DAO ने क्वांटम माइक्रोस्कोप्स पर काम करने के लिए $6.8 मिलियन जुटाए।

2025 में dCLINIC v1.0 का लॉन्च भी इसी विज़न का हिस्सा है, जो हेल्थकेयर डायग्नोस्टिक्स को बेहतर बना रहा है। इस विज़न को पावर देने में सबसे बड़ी भूमिका BIO Token निभाता है, जो इस प्लेटफॉर्म का नेटिव टोकन है।

BIO Token का उपयोग

BIO Token, Bio Protocol का मल्टी-पर्पस एक्सेस की है। यह एक ERC-20 Token है जिसका इस्तेमाल गवर्नेंस, स्टेकिंग और रिसर्च फंडिंग राउंड्स में होता है।

BIO Token के प्रमुख उपयोग

  • गवर्नेंस: BIO होल्डर्स मेटा-गवर्नेंस के ज़रिए प्रोजेक्ट्स पर डिसीजन लेते हैं।
  • स्टेकिंग और रिवार्ड्स: BIO स्टेक करने से BioXP मिलते हैं, जो Ignition Sales तक एक्सेस देते हैं।
  • फंडिंग एक्सेस: BIO होल्डर्स को प्रायोरिटी इन्वेस्टमेंट्स का मौका मिलता है। 

इसके टोकनॉमिक्स की बात करें तो, BIO की कुल सप्लाई 3.32 बिलियन है, जिसमें से लगभग 59% अनलॉक हो चुका है। प्रोटोकॉल रेवेन्यू दो सोर्स से आता है, हर नए प्रोजेक्ट से टोकन एलोकेशन और लिक्विडिटी पूल्स से फीस। यह सब BIO Treasury में जाता है, जो नए प्रोजेक्ट्स और प्लेटफॉर्म डेवलपमेंट में रीइन्वेस्ट होता है।

इस तरह BIO Token न सिर्फ एक क्रिप्टो एसेट है, बल्कि रिसर्च फंडिंग का एक असली टूल बन चुका है। आइये अब इसके फ्यूचर रोडमैप के बारे में जानते हैं, 

Bio Protocol का फ्यूचर रोडमैप

Bio Protocol का रोडमैप साइंटिफिक कम्युनिटी को और मजबूत बनाने की दिशा में काम करता है। 2025 में कई बड़े माइलस्टोन्स पूरे हो चुके हैं, जैसे BioAgents AI टूल्स का लॉन्च।

फ्यूचर डेवलपमेंट 

  • IP-NFTs और Aubr.ai टर्मिनल: IP-NFTs के ज़रिए रिसर्च हाइपोथेसिस और डेटा को टोकनाइज किया जाएगा। हाल ही में, Vibe Science में रिसर्चर्स ने Aubrai Terminal की हेल्प से नई हाइपोथेसिस जनरेट की।
  • हेल्थकेयर इंटीग्रेशन: dCLINIC v1.0, 2025 में डिप्लॉय होने की सम्भावना है, जो डायग्नोस्टिक मॉडलिंग को स्मार्ट बनाएगा।

इन सबके साथ, Bio Protocol का मकसद DeSci फंडिंग का सबसे भरोसेमंद और एक्सपैंडिंग प्लेटफॉर्म बनना है।

Final Remark

Bio Protocol और BIO Token ने साइंस और ब्लॉकचेन को जोड़कर रिसर्च फंडिंग में एक नई क्रांति शुरू की है। अब सिर्फ बड़ी कंपनियाँ ही नहीं, बल्कि ग्लोबल कम्युनिटी भी डायरेक्टली रिसर्च का हिस्सा बन सकती है। चाहे आप एक इन्वेस्टर हों या साइंस लवर, यह प्लेटफॉर्म आपको वोटिंग, स्टेकिंग और ब्रेकथ्रू प्रोजेक्ट्स को सपोर्ट करने का मौका देता है।

DeSci की दुनिया में लीडर के रूप में Bio Protocol मजबूती से आगे बढ़ रहा है। आने वाले समय में यह किस तरह से साइंटिफिक रिसर्च को गति देता है, यह देखना बहुत दिलचस्प होगा।

Ronak Ghatiya

Ronak Ghatiya एक उभरते हुए क्रिप्टो कंटेंट राइटर हैं, जिनका एजुकेशन और टेक्नोलॉजी में मजबूत बैकग्राउंड रहा है। उन्होंने पिछले एक वर्ष में ब्लॉकचेन, Web3 और डिजिटल एसेट्स जैसे विषयों पर डेटा-ड्रिवन और SEO-अनुकूल कंटेंट लिखा है, जो नए और प्रोफेशनल रीडर्स दोनों के लिए उपयोगी साबित हुआ है। रोनक की लेखनी का फोकस जटिल तकनीकी टॉपिक्स को आसान भाषा में समझाना है, जिससे क्रिप्टो स्पेस में ट्रस्ट और क्लैरिटी बनी रहे।

उन्होंने CoinGabbar.com, Medium और अन्य क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए ब्लॉग्स और न्यूज़ स्टोरीज़ लिखी हैं, जिनमें क्रिएटिविटी और रिसर्च का संतुलन होता है। रोनक की स्टाइल डिटेल-ओरिएंटेड और रिस्पॉन्सिव है, और वह तेजी से बदलते क्रिप्टो परिदृश्य में एक विश्वसनीय आवाज़ बनने की ओर अग्रसर हैं। LinkedIn पर प्रोफ़ाइल देखें या उनके आर्टिकल्स यहाँ पढ़ें।

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