Amravati became First Blockchain City
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Amravati ने शुरू की डिजिटल क्रांति, Blockchain पर आएंगे सरकारी रिकॉर्ड

India का पहला शहर जहाँ Blockchain पर शिफ्ट होंगे सभी सरकारी रिकॉर्ड

आंध्र प्रदेश की नई राजधानी Amravati ने एक बड़ा कदम उठाया है। अब शहर के सभी सरकारी रिकॉर्ड Polygon Blockchain पर स्टोर किए जाएंगे।

मशहूर क्रिप्टो एनालिस्ट Mayank Dudeja ने यह जानकारी अपने X अकाउंट पर शेयर की है जहां उन्होंने बताया कि यह भारत में ब्लॉकचेन एडॉप्शन के लिए एक बड़ा माइलस्टोन साबित होगा।

Amravati ने शुरू की डिजिटल क्रांति, Blockchain पर आएंगे सरकारी रिकॉर्ड

Source- यह इमेज Mayank Dudeja की X Post से ली गई है।

अब अमरावती भारत का पहला शहर बन गया है जो पूरी तरह से ब्लॉकचेन लेजर सिस्टम पर चलेगा। इससे सरकार के कामकाज में ट्रांसपेरेंसी और सिक्योरिटी दोनों बढ़ेंगी। यानी अमरावती की सरकारी फाइलें और डेटा Polygon Network पर डिजिटली सेव रहेंगे जिससे किसी तरह की छेड़छाड़ की संभावना कम हो जाएगी।

सरकारी रिकॉर्ड्स का डिजिटल ट्रांसफर, Amravati ने चुना Polygon Network

Amravati शहर ने देश में डिजिटल गवर्नेंस की दिशा में एक नया चैप्टर शुरू किया है। अब शहर के सभी सरकारी रिकॉर्ड पॉलीगोन ब्लॉकचेन पर शिफ्ट किए जाएंगे ताकि सिस्टम को और ज्यादा ट्रांसपेरेंट और ट्रस्टेड बनाया जा सके।

कौन से रिकॉर्ड्स जाएंगे Polygon Blockchain पर

  • लैंड रिकॉर्ड्स-  अब जमीन से जुड़ी सारी जानकारी डिजिटल रूप में ब्लॉकचेन पर सेव होगी।
  • बर्थ सर्टिफिकेट-  बर्थ सर्टिफिकेट अब ब्लॉकचेन पर रहेंगे जिससे फर्जी सर्टिफिकेट की संभावना खत्म हो जाएगी।
  • टैक्स फाइलिंग्स-  टैक्स से जुड़ी हर डिटेल सिक्योर सिस्टम पर स्टोर होगी जिससे ट्रांजैक्शन क्लियर रहेगा।
  • सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स-  सभी सरकारी समझौते अब इसी पर होंगे, जिससे हर स्टेप ट्रैक और वेरिफाई किया जा सकेगा।
Polygon Blockchain पर शिफ्ट होने के प्रमुख कारण

Amravati शहर ने इस ब्लॉकचेन को अपनाने का फैसला यूं ही नहीं लिया है। भारत जैसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था वाले देश के लिए यह टेक्नोलॉजी बिल्कुल फिट बैठती है क्योंकि यह तेज, सिक्योर, कम खर्चीली और ग्लोबली ट्रस्टेड है।

  • यह वही चेन है जिसे दुनिया की कई कंपनियां और सरकारें पहले से इस्तेमाल कर रही हैं।
  • इसका सिस्टम स्ट्रॉन्ग, एफिशिएंट और पब्लिक सेक्टर के लिए तैयार है।
  • यह स्टेबलकॉइन्स जैसे- USDC/ USDT, के जरिए रीयल वर्ल्ड पेमेंट्स को आसान बनाता है जिससे क्रिप्टो और फाइनेंस के बीच का गैप कम होता है खासकर भारत जैसे बड़े देशों के लिए।
Polygon Blockchain पर शिफ्ट से होने वाले फायदे
  • डेटा परमानेंट रहेगा-  एक बार रिकॉर्ड सेव हो गया तो उसे कोई बदल या डिलीट नहीं कर सकेगा।
  • ऑनलाइन वेरिफिकेशन आसान होगा-  नागरिक बिना सरकारी ऑफिस जाए ही कुछ सेकंड में अपने डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई कर सकेंगे।
  • करप्शन पर लगेगी लगाम-  डेटा पूरी तरह ट्रांसपेरेंट रहेगा जिससे करप्शन और फ्रॉड रुक सकेगा।
  • टेक्नोलॉजी से बढ़ेगा भरोसा-  सिस्टम ऑटोमेटेड और ओपन रहेगा जिससे जनता का विश्वास बढ़ेगा।

यह कदम भारत सरकार के Ministry of Electronics and IT (MeitY) के National Blockchain Framework के विजन से मेल खाता है जिसका लक्ष्य देश में सिक्योर, ट्रांसपेरेंट और टेक ड्रिवन गवर्नेंस को बढ़ावा देना है।

इससे Amravati का इंफ्रास्ट्रक्चर होगा और ज्यादा मजबूत

Amravati का इस ब्लॉकचेन को अपनाया जाना सिर्फ टेक्नोलॉजी ग्रोथ नहीं बल्कि भारत की स्मार्ट गवर्नेंस और डिजिटल ट्रस्ट की दिशा में बड़ा कदम है। शहर को केंद्र सरकार से करीब ₹15,000 करोड़ की फंडिंग और मलेशिया से ₹8,000 से ₹10,000 करोड़ के निवेश की मंज़ूरी मिल चुकी है। डिस्ट्रिब्यूटेड लेजर सिस्टम के जरिए अब इसका फिजिकल डेवलपमेंट और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन दोनों साथ साथ आगे बढ़ रहे हैं।

Amravati ने शुरू की डिजिटल क्रांति, Blockchain पर आएंगे सरकारी रिकॉर्ड

Source- यह इमेज Indian Tech & Infra की X Post से ली गई है।

यह इसलिए भी जरुरी है क्योंकि 2025 में 44,000 एकड़ नई जमीन को डेवलपमेंट के लिए मंज़ूरी दी गई है। ऐसे में ब्लॉकचेन बेस्ड सिस्टम इस बड़े इंफ्रास्ट्रक्चर एक्सपैंशन को और अधिक सिक्योर और ट्रस्टेड बनाएगा।

ब्लॉकचेन से बनेगा नया भारत, Amravati ने रखा डिजिटल ट्रस्ट का ब्लूप्रिंट

Amravati का ब्लॉकचेन एडॉप्शन सिर्फ एक सॉफ्टवेयर अपग्रेड नहीं है बल्कि इस बात की झलक है कि लोकल गवर्नेंस डिजिटल युग में कैसे ट्रांसफॉर्म हो सकती है।

अगर भारत के अन्य शहरी प्रशासन भी इस मॉडल को अपनाते हैं तो यह प्रशासन की पूरी प्रोसेस को नया रूप दे सकता है जहाँ पर ट्रांसपेरेंसी, स्पीड और एकाउंटेबिलिटी को प्रायोरिटी मिलेगी, जो स्मार्ट गवर्नेंस की नई परिभाषा लिखेगी।

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कन्क्लूजन

अमरावती द्वारा Polygon Blockchain को अपनाना एक ऐतिहासिक माइलस्टोन है। यह कदम दिखाता है कि डिजिटल ट्रस्ट और गवर्नेंस अब एक साथ चल सकते हैं और भारत इस दिशा में दुनिया को लीड कर रहा है।

National Ledger Framework के तहत तैयार किया गया यह नया सिस्टम बताता है कि कैसे ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी से सरकारी रिकॉर्ड्स को ट्रांसपेरेंट, सिक्योर और स्थायी बनाया जा सकता है।

Disclaimer- यह Article सिर्फ इनफॉर्मेशन के लिए लिखा गया है। क्रिप्टो मार्केट वोलेटाइल है, इन्‍वेस्‍ट करने से पहले खुद रिसर्च करें और सावधानी बरतें।

About the Author Shubham Sharma

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

Shubham Sharma पिछले 4 वर्षों से Web3, ब्लॉकचेन, NFT और क्रिप्टोकरेंसी पर गहराई से लेखन कर रहे हैं। वे मार्केट ट्रेंड्स को जल्दी पहचानने, तकनीकी अपडेट्स को सरल भाषा में समझाने और भारतीय क्रिप्टो निवेशकों को विश्वसनीय जानकारी प्रदान करने के लिए जाने जाते हैं। Shubham ने कई प्रमुख क्रिप्टो मीडिया प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए योगदान दिया है और उनका उद्देश्य पाठकों को तेजी से बदलती Web3 दुनिया में सटीक, निष्पक्ष और इनसाइटफुल कंटेंट देना है।

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अमरावती भारत का पहला शहर बना क्योंकि उसने सभी सरकारी रिकॉर्ड्स को Polygon Blockchain पर स्टोर करने का निर्णय लिया है, जिससे पारदर्शिता और सुरक्षा दोनों बढ़ेंगी।
अमरावती ने Polygon Blockchain Network को चुना है, जो तेज, सिक्योर और लो-कॉस्ट टेक्नोलॉजी के लिए जानी जाती है।
लैंड रिकॉर्ड्स, बर्थ सर्टिफिकेट, टैक्स फाइलिंग्स और सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स जैसे सभी प्रमुख रिकॉर्ड्स Polygon Blockchain पर ट्रांसफर किए जा रहे हैं।
रिकॉर्ड्स स्थायी और छेड़छाड़-प्रूफ बन जाएंगे, जिससे डेटा की सुरक्षा बढ़ेगी और किसी भी फर्जीवाड़े की संभावना खत्म होगी।
नागरिक बिना किसी सरकारी ऑफिस जाए ऑनलाइन ही कुछ सेकंड में अपने डॉक्यूमेंट्स वेरिफाई कर पाएंगे, जिससे समय और मेहनत दोनों की बचत होगी।
Polygon तेज़ ट्रांजैक्शन, सिक्योर नेटवर्क, कम खर्च और रीयल-वर्ल्ड पेमेंट सपोर्ट जैसी सुविधाएं देता है, जो सरकारी सिस्टम के लिए आदर्श हैं।
हाँ, यह Ministry of Electronics and IT के National Blockchain Framework से जुड़ा है जो सुरक्षित और ट्रांसपेरेंट गवर्नेंस को बढ़ावा देता है।
ब्लॉकचेन सिस्टम से शहर का इंफ्रास्ट्रक्चर और मजबूत होगा क्योंकि इससे डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स में पारदर्शिता और निवेशकों का भरोसा दोनों बढ़ेंगे।
डेटा ट्रांसपेरेंट और पब्लिक रहेगा, जिससे करप्शन और फर्जीवाड़े की संभावनाएं काफी हद तक खत्म हो जाएंगी।
हाँ, अगर अन्य शहर भी इस मॉडल को अपनाते हैं तो यह स्मार्ट गवर्नेंस का नया युग शुरू करेगा जहाँ ट्रांसपेरेंसी, एकाउंटेबिलिटी और डिजिटल ट्रस्ट को प्राथमिकता मिलेगी।