Kolkata में ₹25 करोड़ का Crypto Scam, दो आरोपी गिरफ्तार
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बढ़ते फ्रॉड के बीच एक ओर Crypto Scam, दो आरोपी अरेस्ट

Kolkata में ₹25 करोड़ का Crypto Scam   

कोलकाता पुलिस ने एक बड़े Crypto Scam का पर्दाफाश किया है, जिसमें दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार, आरोपी अनिर्बाण घोष और प्रियंका साहू ने मिलकर ₹25 करोड़ का फर्जी क्रिप्टोकरेंसी निवेश घोटाला रचा था। यह गिरफ्तारी लालबाजार के बैंक फ्रॉड डिवीजन की ओर से की गई है, जिसके बाद पूरे शहर में इस मामले को लेकर चर्चा तेज हो गई है।

Crypto scam - Crypto India X Post

Source - यह इमेज Crypto India की X Post से ली गई है। 

कैसे हुआ ₹25 करोड़ का यह Crypto Scam?

पुलिस रिपोर्ट के अनुसार, आरोपियों ने लोगों को एक आकर्षक निवेश योजना का झांसा दिया, जिसमें उन्हें डिजिटल करेंसी में निवेश पर ऊंचे रिटर्न का वादा किया गया था। शिकायतकर्ता ने बताया कि यह योजना शुरुआत में बेहद प्रोफेशनल लग रही थी और उसने इस पर भरोसा कर निवेश किया। लेकिन कुछ ही महीनों में योजना बंद हो गई और संपर्क करने पर किसी ने जवाब नहीं दिया।

यह मामला तब सामने आया जब पीड़ित ने शेक्सपियर सरणी पुलिस स्टेशन में धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई। जांच के बाद पता चला कि आरोपियों ने कई निवेशकों से लाखों रुपये ऐंठे और उन पैसों को अपने व्यक्तिगत उपयोग में लगाया।

कोर्ट में पेशी और पुलिस की दलीलें

दोनों आरोपियों को मंगलवार रात हिरासत में लिया गया और बुधवार दोपहर उन्हें बैंकशाल कोर्ट में पेश किया गया। अदालत में पेश की गई रिपोर्ट में बताया गया कि यह एक संगठित क्रिप्टो स्कैम था, जिसे निवेशकों को धोखा देने के इरादे से योजना बद्ध तरीके से चलाया गया।

पुलिस ने कोर्ट से कहा कि आरोपियों को 14 दिन की पुलिस कस्टडी में भेजा जाए ताकि अन्य संभावित साथियों और पैसों की ट्रेल का पता लगाया जा सके। अदालत ने आरोपों की गंभीरता को देखते हुए यह मांग स्वीकार कर ली।

क्रिप्टोकरेंसी स्कैम्स के खिलाफ सरकार और एजेंसियों की सख्ती

भारत सरकार और उसकी जांच एजेंसियां लगातार इस तरह के क्रिप्टो स्कैम के खिलाफ एक्शन ले रही हैं। हाल ही में भारत में Crypto Frauds पर ED की Report जारी की गई थी, जिसमें बताया गया कि देशभर में ₹28,000 करोड़ से ज्यादा के क्रिप्टो फ्रॉड्स सामने आ चुके हैं।

ED की रिपोर्ट के बाद से कई राज्य पुलिस और साइबर सेल्स ने ऐसे मामलों की जांच शुरू कर दी है। सरकार का कहना है कि इन फ्रॉड्स से बचने के लिए लोगों को जागरूक होना बेहद ज़रूरी है। इसी उद्देश्य से हाल ही में वित्त मंत्रालय और RBI ने मिलकर "Safe Digital Investment" नाम से एक जागरूकता अभियान भी शुरू किया है।

कैसे पहचानें और बचें ऐसे Crypto Scam से?

आजकल फेक वेबसाइट्स, सोशल मीडिया पेज और फर्जी निवेश ऐप्स के ज़रिए लोग आसानी से ठगे जा रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी क्रिप्टो प्रोजेक्ट में पैसा लगाने से पहले निम्नलिखित बातों की जांच ज़रूर करें:

  1. क्या प्रोजेक्ट किसी रजिस्टर्ड कंपनी से जुड़ा है?
  2. क्या उस प्रोजेक्ट की टीम और डॉक्युमेंटेशन सार्वजनिक है?
  3. क्या रिटर्न ऑफर बहुत ज़्यादा या “गारंटीड” बताया जा रहा है?
  4. क्या आपके फंड किसी थर्ड पार्टी या अनवेरिफाइड वॉलेट में मांगे जा रहे हैं?

अगर इनमें से कोई भी संकेत मिलता है, तो समझ लें कि यह एक संभावित Crypto Scam हो सकता है।

जागरूकता ही सबसे बड़ा हथियार है

अपने 13 सालों के बतौर राइटर काम करने के अनुभव से कहूँ तो मेरे विचार से इस तरह के मामलों से बचने के लिए सिर्फ कानून नहीं, बल्कि आम निवेशकों की सतर्कता भी बेहद अहम है। क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया अभी भी रेगुलेटरी ग्रे-ज़ोन में है, जहां पारदर्शिता की कमी है। ऐसे में हर निवेशक को यह समझना चाहिए कि “अगर रिटर्न बहुत अच्छा लग रहा है, तो शायद वो सच नहीं है।”

सरकार को चाहिए कि वो ब्लॉकचेन एजुकेशन और सर्टिफाइड इन्वेस्टमेंट गाइडेंस को स्कूल-लेवल तक पहुंचाए। साथ ही, मीडिया और एक्सचेंज प्लेटफॉर्म्स को भी यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वे यूज़र्स को समय-समय पर सुरक्षा से जुड़ी जानकारी दें।

कन्क्लूजन

कोलकाता का यह मामला एक और चेतावनी है कि डिजिटल निवेश की दुनिया में सतर्कता बेहद जरूरी है। पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या यह जोड़ी किसी बड़े नेटवर्क से जुड़ी हुई थी।

देश में बढ़ते Crypto Scam मामलों ने यह साबित कर दिया है कि निवेश से पहले रिसर्च करना, प्लेटफॉर्म की वैधता जांचना और किसी भी “गारंटीड प्रॉफिट” से दूर रहना ही समझदारी है। भारत जैसे डिजिटल रूप से उभरते देश के लिए यह जरूरी है कि ब्लॉकचेन और क्रिप्टोकरेंसी को सुरक्षित तरीके से अपनाया जाए, ताकि टेक्नीकल का लाभ मिले, धोखा नहीं।

About the Author Rohit Tripathi

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

रोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास टेक्नोलॉजी और डिजिटल मीडिया में 13+ वर्षों का अनुभव है। बीते कुछ वर्षों से वह विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी, ऑन-चेन एनालिटिक्स, DeFi इकोसिस्टम और टोकनॉमिक्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। रोहित की विशेषज्ञता SEO-अनुकूल, डेटा-ड्रिवन कंटेंट और इंडस्ट्री-केंद्रित रिसर्च लेख तैयार करने में है।

वह वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। उनकी लेखनी में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देना सर्वोपरि है। वे ऑन-चेन टूल्स और विश्वसनीय मार्केट डेटा का प्रयोग करते हुए प्रत्येक लेख को फैक्ट-आधारित बनाते हैं। हिंदी भाषी रीडर्स के लिए उनका मिशन है: “हाई-क्वालिटी, फैक्चुअल और यूज़र-फर्स्ट क्रिप्टो कंटेंट उपलब्ध कराना।”

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यह मामला ₹25 करोड़ की ठगी से जुड़ा है, जिसमें दो आरोपियों ने फर्जी क्रिप्टो निवेश योजना के नाम पर लोगों को धोखा दिया।
पुलिस ने अनिर्बाण घोष और प्रियंका साहू नाम के दो लोगों को गिरफ्तार किया है।
इस मामले की जांच लालबाजार के बैंक फ्रॉड डिवीजन की टीम द्वारा की जा रही है।
आरोपियों ने ऊंचे रिटर्न का लालच देकर लोगों से पैसे निवेश कराए और बाद में राशि हड़प ली।
कोर्ट ने आरोपियों को 14 दिनों की पुलिस कस्टडी में भेजा है ताकि आगे की जांच हो सके।
पुलिस का कहना है कि अन्य संभावित साथियों की तलाश की जा रही है, आगे और गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
ED की रिपोर्ट के अनुसार भारत में ₹28,000 करोड़ से अधिक के Crypto Fraud केस दर्ज किए जा चुके हैं।
सिर्फ प्रमाणित प्लेटफॉर्म पर निवेश करें, ऊंचे रिटर्न के वादों से दूर रहें और KYC वॉलेट का प्रयोग करें।
हाँ, केंद्र सरकार और एजेंसियां जागरूकता अभियान और सख्त मॉनिटरिंग के ज़रिए ऐसे स्कैम्स पर नकेल कस रही हैं।
ये केस बताते हैं कि डिजिटल निवेश में भरोसे से ज्यादा रिसर्च और सतर्कता जरूरी है।