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Ethereum Crypto बने वीक कैशलेस सिस्टम्स का Saviour – Buterin

Ethereum Crypto के को-फाउंडर Vitalik Buterin ने एक विशेष मुद्दे को लेकर चिंता जताते हुए कहा है कि, डिजिटल पेमेंट के युग में कैशलेस इकॉनमी का सपना बहुत से देशों ने देखा है। लेकिन जैसे-जैसे डिजिटलाइजेशन बढ़ रहा है, वैसे-वैसे इसके खतरें और कमजोरियों भी सामने आ रही है। वहीं उन्होंने कहा कि, कैसे कुछ देशों ने कैशलेस सिस्टम को एक्सपीरियंस करने के बाद अपनी स्ट्रेटेजी पर दोबारा सोचने का फैसला किया है।

खासकर नॉर्डिक देश जैसे स्वीडन और नॉर्वे, जो टेक्निकली काफी एडवांस्ड हैं, वे भी अब लोगों को कैश रखने की सलाह दे रहे हैं क्योंकि उनका सेंट्रलाइज्ड डिजिटल पेमेंट सिस्टम पॉलिटिकल प्रेशर और साइबर अटैक के कारण असुरक्षित होता जा रहा है। इस बढ़ती चिंता के बीच Buterin का मानना है कि Ethereum को इस तरह डेवलप किया जाना चाहिए कि वह इस कमजोर डिजिटल सिस्टम के लिए एक रिलायबल और सेफ बैकअप बन सके।

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नॉर्डिक देश कर रहे है कैशलेस सिस्टम पर पुनर्विचार, Ethereum Crypto बन सकता है सहारा 

स्वीडन और नॉर्वे जैसे देश पिछले कई सालों से कैशलेस सोसायटी बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे थे। स्वीडन तो 2025 तक पूरी तरह कैश फ्री हो जाने की प्लानिंग कर चुका था। वहां पर अधिकांश शॉपिंग भी कार्ड या मोबाइल ऐप्स के जरिए होती है। स्वीडन का मोबाइल पेमेंट ऐप Swish और नॉर्वे का Vipps MobilePay बहुत लोकप्रिय हैं। आज की ग्लोबल सिचुएशन ने इन देशों की सोच बदल दी है।

वहीं यूरोप में बढ़ते पॉलिटिकल प्रेशर, रूस के खतरे और साइबर अटैक के बढ़ते खतरे ने दिखाया कि सेंट्रलाइज्ड डिजिटल पेमेंट सिस्टम कितने कमजोर हो सकते हैं। इस वजह से स्वीडन गवर्नमेंट ने हाल ही में एक ब्रोशर जारी किया है जिसमें लोगों से कहा गया है कि वे अपने पास कैश जरूर रखें। नॉर्वे ने तो दुकानों के लिए कैश एक्सेप्ट करना कंपलसरी भी कर दिया है और उन दुकानों को फाइन देना होगा जो कैश एक्सेप्ट नहीं करतीं।

यह स्थिति दर्शाती है कि पूरी तरह डिजिटल और सेंट्रलाइज्ड सिस्टम पर भरोसा करना रिस्की हो सकता है। अगर कोई बड़ा साइबर अटैक हो जाए या नेटवर्क आउटेज आ जाए, तो आम लोगों के लिए ट्रांजेक्शन करना मुश्किल हो सकता है। इसलिए, इन देशों की गवर्नमेंट अब यह मान रही हैं कि कैश को एक जरूरी बैकअप के रूप में रखा जाना चाहिए। वहीं Ethereum जैसी क्रिप्टोकरेंसी को अपनाना भी बड़ा क़दम हो सकता है। 

Vitalik Buterin का Ethereum Crypto को लेकर सुझाव

Ethereum Crypto के को-फाउंडर Vitalik Buterin ने कहा है कि Ethereum को स्ट्रांग, प्राइवेट और सेंसरशिप-रेसिस्टेंस बनाया जाना चाहिए ताकि वह डिजिटल कैश के रूप में काम कर सके। उनका कहना है कि अगर सेंट्रलाइज्ड सिस्टम असफल हो जाते हैं, तो लोगों के पास एक सेंट्रलाइज्ड ऑप्शन होना चाहिए जो बिना किसी रोक-टोक के काम करे।Ethereum को केवल एक ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म तक सिमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसे इस तरह डिजाइन किया जाना चाहिए कि वह संकट के समय भी काम कर सके। इसमें यूजर-फ्रेंडली, सेफ्टी और प्राइवेसी का ध्यान रखा जाना जरूरी है।

Vitalik की सोच है कि Ethereum Crypto जैसे ब्लॉकचेन नेटवर्क डिजिटल कैश की तरह काम कर सकते हैं जो किसी भी पॉलिटिकल या टेक्निकल क्राइसिस में भी एफिसिएंट रहेंगे।इसका मतलब यह भी है कि Ethereum Crypto और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को सिर्फ इन्वेस्टमेंट या क्रिप्टो ट्रेडिंग के लिए नहीं, बल्कि सोसायटी की बेसिक इकोनॉमिक जरूरतों के लिए भी अपनाना होगा। यह एक बड़ा चैलेंज है, लेकिन अगर इसे पूरा किया गया तो Ethereum Crypto फ्यूचर में क्राइसिस के समय डिजिटल वर्ल्ड का सेफ कैश बन सकता है। 

Ethereum Crypto भारत जैसे देश के लिए भी हो सकता है अच्छा बैकअप

मेरे अनुसार भारत जैसे देश के लिए भी Vitalik द्वारा कही गई यह बात काफ़ी महत्वपूर्ण है। जैसे भारत में भी डिजिटल पेमेंट बहुत तेजी से बढ़ रहा है। UPI, Paytm, PhonePe जैसे प्लेटफॉर्म ने कैश पर निर्भरता को बहुत कम कर दिया है। लेकिन भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी, टेक्नोलॉजी की समझ और डिजिटल लिट्रेसी अभी भी पूरे देश में समान नहीं है। साथ ही, भारत जैसे बड़े देश में नेचुरल डिजास्टर, नेटवर्क आउटेज और साइबर अटैक का रिस्क भी बहुत रहता है।

ऐसे में मेरा मानना है कि, भारत के लिए केवल सेंट्रलाइज्ड डिजिटल पेमेंट सिस्टम पर निर्भर रहना सही नही है, क्योंकि कोई बड़े क्राइसिस जैसे नेटवर्क का बंद हो जाना या साइबर अटैक देश की इकोनॉमिक एक्टिविटी को ठप कर सकता है। ऐसे में, Ethereum Crypto जैसे डिसेंट्रलाइज्ड और सेफ डिजिटल ऑप्शन का होना जरूरी हो जाता है, जो न केवल इन्वेस्टर्स के लिए बल्कि आम जनता के लिए भी उपयोगी हो सके।

वहीं भारतीय सरकार को भी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को एक सिरियस सॉल्यूशन के रूप में देखना चाहिए न कि केवल क्रिप्टोकरेंसी पर रोक लगाने या टैक्स लगाने के नजरिए से। भारत को एक ऐसा इकोसिस्टम  डेवलप करना चाहिए, जहां Ethereum Crypto जैसी टेक्नोलॉजी डिजिटल कैश की भूमिका निभा सकें। इससे इकोनॉमिक एक्टिविटी में निरंतरता बनी रहेगी और फाईनेंशियल सॉल्यूशन को भी बढ़ावा मिलेगा।

कन्क्लूजन 

डिजिटल युग में जहां कैशलेस ट्रांजैक्शन सुविधाजनक हैं, वहीं उनका पूरी तरह सेंट्रलाइज्ड होना एक बड़ी कमजोरी भी बन सकता है, खासकर संकट के समय। Vitalik Buterin का सुझाव हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या Ethereum Crypto जैसे डिसेंट्रलाइज्ड प्लेटफॉर्म फ्यूचर में एक डिजिटल ‘कैश’ का काम कर सकते हैं। भारत जैसे देश के लिए यह विचार और भी अहम हो जाता है, जहां टेक्नोलॉजीकल असमानता और साइबर सेफ्टी दोनों एक बड़ा चैलेंज हैं। ऐसे में, हमें ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी को एक सॉल्यूशन के रूप में अपनाने की दिशा में गंभीरता से सोचना होगा, ताकि डिजिटल फ्यूचर और ज्यादा सेफ और स्टेबल बन सके।

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