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Investors के लिए खुशखबरी, Standalone Crypto Tax Bill पेश

लगातार इन्वेस्टर्स, डेवलपर्स और ट्रेडर्स सरकार से क्रिप्टोकरेंसी पर स्पष्ट टैक्स पॉलिसी की मांग कर रहे थे, जिसको देखते हुए अमेरिकी सीनेट की रिपब्लिकन सदस्य Cynthia Lummis ने गुरुवार को Standalone Crypto Tax Bill पेश किया, जिसका उद्देश्य डिजिटल असेट्स और टैक्स सिस्टम को सरल एवं आसान बनाना है।  

Standalone Crypto Tax Bill प्रस्तुत होने से पहले यह एस्टीमेट लगाया जा रहा था कि बजट पैकेज में क्रिप्टो टैक्स सुधार को शामिल किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। यह Standalone Crypto Tax Bill ही Lummis की क्रिप्टो सपोर्टर पॉलिसी का मुख्य आधार बनकर सामने आया है। बिल में टार्गेटेड प्रावधान शामिल हैं, जिसमे छोटे लेनदेन के लिए राहत और ट्रेडिशनल फाइनेंसियल असेट्स नियमों के साथ इक्वलिटी शामिल है। यह बिल छोटे और मिडिल क्लास इन्वेस्टर्स के लिए बेनीफिशियल होगा, क्योंकि उन्हें छोटे-छोटे लेनदेन पर टैक्स नहीं देना होगा। यह क्रिप्टो मार्केट में अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करेगा।

Standalone Crypto Tax Bill Cynthia Lummis X Post

Source – Cynthia Lummis X Post

छोटे एक्सचेंज और डोनेशन पर टैक्स छूट का प्रोविजन 

मौजूदा नियमों में प्रत्येक छोटे ट्रांजेक्शन पर कैपिटल गेन्स के हिसाब से टैक्स देना होता है, लेकिन Standalone Crypto Tax Bill आने से छोटे इन्वेस्टर्स को राहत मिलेगी, जिससे वो छोटे-छोटे ट्रांजैक्शन बिना टैक्स के कर सकेंगे। यही नही इसके अलावा यह बिल क्रिप्टो डोनेशन और लेंडिंग एग्रीमेंट्स को भी टैक्स से फ्री करने का प्रोपोजल रखता है। 

इस बिल में $300 तक के डिजिटल एसेट लेनदेन (जैसे कि क्रिप्टोकरेंसी) पर टैक्स नहीं लगेगा। इसका मतलब है कि यदि आप $300 या उससे कम के डिजिटल एसेट खरीदते या बेचते हैं, तो आपको कोई टैक्स नहीं देना होगा। वही अगर इन्वेस्टर्स, ट्रेडर्स एक साल में $5,000 से अधिक का लेनदेन करते हैं, तो उस अतिरिक्त राशि पर टैक्स देना होगा। इस Standalone Crypto Tax Bill से यूजर्स को न केवल टैक्स छूट मिलेगी, बल्कि टैक्स रिपोर्टिंग का  बर्डन भी घटेगा ।  

डेवलपर्स को टैक्स रिपोर्टिंग से छूट देने का प्रावधान 

Crypto Tax पर लम्बे समय के मेरे अनुभव से मैं यह कह सकता हूँ कि यह एक बड़ा कदम है। क्योंकि  वर्तमान नियम के अनुसार भले ही एसेट का वैल्यू डिटरमाइंड न हुआ हो, लेकिन रिवॉर्ड मिलने पर ही टैक्स लग जाता है, लेकिन Standalone Crypto Tax Bill में ऐसा कोई नियम नहीं है। रिवार्ड्स को लेकर इसमें महत्वपूर्ण बदलाव का प्रस्ताव है। जिसमे शामिल है कि,जब तक डिजिटल एसेट को बेचा नहीं जाता, तब तक उस पर टैक्स नहीं लगेगा। 

यह बिल उन डेवलपर्स को टैक्स रिपोर्टिंग से छूट देने की बात करता है जो डिसेंट्रलाइज्ड प्रोटोकॉल पर काम करते हैं, क्योंकि ऐसे प्रोटोकॉल में डेवलपर्स का फंड्स या नेटवर्क पर कोई कंट्रोल नहीं होता, फिर भी उन्हें मनी ट्रांसमिशन सर्विस की तरह माना जाता है। Standalone Crypto Tax Bill एक ऐसा प्रपोज्ड लॉ है जो केवल क्रिप्टोकरेंसी पर टैक्स से जुड़े नियमों पर फोकस होता है। इसे किसी बड़े बजट या इकनोमिक बिल में शामिल नहीं किया जाता, बल्कि इसे इंडीपेंडेड रूप से पेश किया जाता है।

इस नए बिल के अमेरिकी सदन में पेश होने के बाद भारतीय निवेशक भी काफी उत्साहित दिख रहे हैं। निवेशक उम्मीद कर रहे हैं कि भारत सरकार भी जल्द से जल्द इसी तरह का कोई कदम उठाएगी, जिससे Crypto Tax Indiaमें बदलाव हो और निवेशकों को राहत मिले।

कन्क्लूजन 

Standalone Crypto Tax Bill इस दिशा में एक साहसी और नेसेसरी प्रयास है। जिससे क्रिप्टो की दुनिया में इन्वेस्टर्स की सक्रीय भागीदारी बढ़ेगी। अमेरिका की प्रेजेंट टैक्स पॉलिसी डिजिटल इनोवेशन की गति से मेल नहीं खा रही थी। इससे ना केवल इन्वेस्टर्स को नुकसान हो रहा था बल्कि देश की टेक्नीकल पार्टीसिपेशन पर भी इम्पैक्ट पड़ रहा था। 

Cynthia Lummis का यह बिल ब्यूरोक्रेटिक इंट्रीकेसीज को कम करता है और डिजिटल टेक्नोलॉजी की रियलिटी को समझते हुए प्रैक्टिकल नियम बनाता है। अगर यह प्रपोजल कानून बनता है, तो यह न केवल टैक्स सिस्टम को इजी बनाएगा, बल्कि डिजिटल असेट्स में  ट्रांसपेरेंसी, विश्वास और इनोवेशन को भी गति देगा।  

Rohit TripathiRohit Tripathi
Rohit Tripathi
Hindi Content Writer
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