COINS Act 2025, भारत में क्रिप्टो रेगुलेशन की नई शुरुआत
भारत में क्रिप्टो रेगुलेशन को लेकर लंबे समय से अनिश्चितता बनी हुई है, कुछ समय पहले भी यह खबर सामने आई थी की भारत सरकार Cryptocurrency पर जल्द कानून बना सकती है। अब इसे लेकर एक बार फिर से एक नई उम्मीद सामने आई है। Web3 वेंचर फर्म Hashed Emergent और नीति सलाहकार समूह Blackdot Policy ने मिलकर INDIA’S First Model Crypto Law COINS Act 2025 पेश किया है। यह प्रस्तावित कानून भारत में डिजिटल असेट्स के लिए एक क्लियर और प्रोग्रेसिव रेगुलेटरी फ्रेमवर्क प्रदान करने की कोशिश है।
Source: Sapna Singh X Account
COINS Act 2025 क्या है
COINS Act 2025 एक प्रस्तावित कानून है जिसे सरकार ने अभी लागू नहीं किया है, लेकिन यह क्रिप्टो से जुड़ी नीतियों को बेहतर बनाने का एक सुझाव है। COINS Act 2025 में ऐसे आसान और सुधारात्मक नियम बताए गए हैं जो वर्तमान सख्त क्रिप्टो नियमों से काफी अलग और यूज़र-फ्रेंडली हैं।
COINS Act के प्रमुख बिंदु
- सेल्फ-कस्टडी को मौलिक अधिकार के रूप में मान्यता - यानी कोई भी व्यक्ति अपने क्रिप्टो एसेट्स को अपने पास सुरक्षित रखने के लिए स्वतंत्र होगा।
- P2P ट्रांजैक्शन्स के लिए अनिवार्य KYC नहीं - जब दो व्यक्ति आपस में क्रिप्टो का ट्रांज़ैक्शन करते हैं, तो उन्हें जबरदस्ती KYC से नहीं गुजरना पड़ेगा।
- डेवलपर्स को कोड के दुरुपयोग से कानूनी सुरक्षा - अगर कोई ओपन-सोर्स कोड का गलत इस्तेमाल करता है, तो डेवलपर्स को उसके लिए दोषी नहीं ठहराया जाएगा।
- Bitcoin को राष्ट्रीय रिजर्व में शामिल करने का सुझाव : भूटान जैसे देशों की तरह, भारत भी बिटकॉइन को अपने फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व में शामिल कर सकता है।
- नया रेगुलेटर CARA (Crypto Assets Regulatory Authority) - COINS Act के अनुसार, क्रिप्टो के लिए RBI या SEBI नहीं, बल्कि एक नया स्वतंत्र रेगुलेटर होना चाहिए।
- 2 साल तक टैक्स और विदेशी मुद्रा (FEMA) में छूट - इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए स्टार्टअप्स और बिल्डर्स को शुरुआती 2 साल में टैक्स और नियमों से राहत देने की सिफारिश की गई है।
आगे की राह क्या है
Hashed Emergent जल्द ही भारत Web3 Association के साथ एक कार्यक्रम करेगा, जहाँ COINS Act 2025 की तुलना सरकार की दूसरी नीतियों से की जाएगी। वहीं Blackdot Policy इस कानून को सरकार के डिपार्टमेंट जैसे वित्त मंत्रालय, SEBI और RBI के सामने रखने की योजना बना रहा है, ताकि इस पर चर्चा हो सके।
COINS Act को लेकर यूजर्स की उम्मीदें बढ़ गई है। इस Cryptocurrency India Law से यूजर्स उम्मीद कर रहे हैं कि कानून स्पष्ट रूप से ये बताए कि कौन-कौन सी क्रिप्टोकरेंसी वैध मानी जाएंगी, किन एक्सचेंजों को ऑफिशियल मान्यता दी जाएगी और भारत में कौन-कौन सी क्रिप्टो एक्टिविटीज जैसे स्टेकिंग, माइनिंग, NFT ट्रेडिंग इत्यादि कानूनी रूप से स्वीकार्य होंगी। इससे इन्वेस्टर्स और यूजर्स को बेहतर समझ और सुरक्षा मिलेगी।
क्या COINS Act भारत में अप्लाई हो सकता है?
COINS Act 2025 एक सुझाव वाला कानून है, जिसे सरकार ने अभी तक लागू नहीं किया है। अगर सरकार चाहे तो इसे मंजूरी देकर लागू कर सकती है। यह भारत में क्रिप्टो नियमों को आसान और बेहतर बनाने में मदद कर सकता है, खासकर जब मौजूदा नियम काफी उलझे हुए हैं।
COINS Act और भारत सरकार की क्रिप्टो पॉलिसी की तुलना
COINS Act 2025 | भारत सरकार की मौजूदा क्रिप्टो पॉलिसी |
सेल्फ-कस्टडी को अधिकार माना गया है। | सेल्फ-कस्टडी को लेकर कोई स्पष्ट कानूनी सुरक्षा नहीं। |
P2P (Peer-to-Peer) ट्रांज़ैक्शन में कोई जबरदस्ती KYC नहीं। | सभी क्रिप्टो ट्रांज़ैक्शन में KYC अनिवार्य। |
डेवलपर्स को कोड के दुरुपयोग से सुरक्षा। | डेवलपर्स पर AML/CFT नियमों के तहत जिम्मेदारी। |
Bitcoin को राष्ट्रीय रिज़र्व में शामिल करने का सुझाव। | Bitcoin को रिज़र्व एसेट नहीं माना गया। |
नया इंडिपेंडेंट क्रिप्टो रेगुलेटर (CARA) प्रस्तावित। | मौजूदा नियंत्रण RBI, SEBI, FIU के पास है। |
क्रिप्टो पर 2 साल की टैक्स और नियमों में छूट। | 30% टैक्स + 1% TDS लागू, कोई राहत नहीं। |
यूरोपीय संघ (MiCA) और सिंगापुर मॉडल से इंस्पायर। | कोई ग्लोबल मॉडल की ऑफिशियल रूप से नकल नहीं। |
क्या यह भारत में रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को क्लियर करता है?
हाँ, COINS Act डिजिटल एसेट्स के लिए एक साफ और समझने लायक स्ट्रक्चर पेश करता है। इसमें ऐसे नियम सुझाए गए हैं जो खुद अपनी क्रिप्टो को संभालने का हक देते हैं, टैक्स को आसान बनाते हैं और बिना ज़रूरी KYC के P2P ट्रांज़ैक्शन की सुविधा देते हैं। अभी भारत में क्रिप्टो से जुड़े नियम बहुत उलझे और सख्त हैं। COINS Act का उद्देश्य इन्हें आसान, साफ और सभी के लिए समझने लायक बनाना है, जिससे यूज़र्स और बिज़नेस को फायदा हो।
कन्क्लूजन
COINS Act 2025 एक आसान, साफ और क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए अनुकूल कानून का सुझाव है। यह भारत के मौजूदा नियमों से कहीं बेहतर, लिक्विडेट और आगे की सोच वाला है। अगर सरकार इस मॉडल को अपनाती है, तो भारत में क्रिप्टो से जुड़ी नई टेक्नोलॉजी, स्टार्टअप और निवेश को बड़ा फायदा मिल सकता है।