Shiba Inu के Shibarium Plasma Bridge का सिक्योर वर्जन हुआ लॉन्च
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Shiba Inu ने लॉन्च किया Shibarium Plasma Bridge का सिक्योर वर्जन

Shiba Inu ने अपने Layer-2 नेटवर्क को किया अपग्रेड

Shiba Inu ने अपने Layer-2 नेटवर्क Shibarium Plasma Bridge को सुरक्षा के नए लेवल पर अपग्रेड करते हुए फिर से एक्टिव कर दिया है। इस बार डेवलपमेंट टीम ने “सिक्योरिटी-फर्स्ट” एप्रोच अपनाते हुए दो बड़े सेफगार्ड, Blacklist Mechanism और 7-Day Withdrawal Delay जोड़े हैं। इन फीचर्स का उद्देश्य है यूज़र्स, वेलिडेटर्स और लिक्विडिटी को किसी भी प्रकार की दुर्भावनापूर्ण गतिविधि से बचाना।

Shibarium Plasma Bridge -The Shib X Post

Source - यह इमेज The Shib की X Post से ली गई है। 

Shibarium Plasma Bridge की वापसी, सुरक्षा की नई परिभाषा

शिबेरियम का Plasma Bridge Ethereum Mainnet और Shibarium Layer-2 Network के बीच टोकन ट्रांसफर को सक्षम बनाता है। यह Shiba Inu Ecosystem में गैस और गवर्नेंस टोकन BONE को दोनों नेटवर्क्स के बीच मूव करने की सुविधा देता है। Shiba Inu के डेवलपर Kaal Dhairya ने पुष्टि की कि ब्रिज को दोबारा शुरू करने से पहले “एक व्यापक समीक्षा और कई सिक्योरिटी अपग्रेड” किए गए हैं।

अब यूज़र BONE को “एक और भी सिक्योर, स्ट्रांग और ट्रस्टेबल” अनुभव के साथ ट्रांसफर कर सकेंगे। नया सिस्टम एक Dual-Defense मॉडल पर आधारित है जो प्रिवेंटिव और रिस्पॉन्सिव सिक्योरिटी दोनों को जोड़ता है। यह मॉडल नेटवर्क लिक्विडिटी की सुरक्षा सुनिश्चित करता है और साथ ही ब्रिज की फ़ंक्शनलिटी को बनाए रखता है ताकि वैध यूज़र्स बिना रुकावट के ट्रांजैक्शन कर सकें।

7-Day Delay और Blacklist Mechanism से कैसे बढ़ी सुरक्षा

Shibarium Plasma Bridge के नए वर्जन में हर BONE Plasma withdrawal को फाइनल होने से पहले 7 दिनों की अनिवार्य डिले से गुजरना होगा। इस दौरान ट्रांजैक्शंस पर नज़र रखी जाएगी ताकि किसी भी तरह की असामान्यता या संभावित धोखाधड़ी को समय रहते रोका जा सके।

Kaal Dhairya ने कहा Plasma की असली ताकत है फ्रॉड-रेसिस्टेंस। यह 7-दिन की डिले उसी फीचर को मजबूत करता है और सिक्योरिटी टीम को निगरानी और प्रतिक्रिया का पर्याप्त समय देता है। इसके अलावा, डेवलपमेंट टीम ने एक नया ब्लैकलिस्टिंग सिस्टम भी लागू किया है जो सस्पिशियस या मलिशियस एड्रेस को रियल टाइम में ब्लॉक करने की सुविधा देता है। यह मैकेनिज्म न केवल धोखाधड़ी के प्रयासों को रोकता है बल्कि बार-बार होने वाले अटैक्स के जोखिम को भी कम करता है।

दोनों फीचर्स मिलकर एक टू-टियर सिक्योरिटी फ्रेमवर्क बनाते हैं जो Shibarium Plasma Bridge को ब्रिज-संबंधित एक्सप्लॉइट्स से कहीं ज्यादा सुरक्षित बनाता है। यह वही समस्या है जो हाल के वर्षों में कई Layer-2 और DeFi नेटवर्क्स को प्रभावित करती आई है।

Hexens Audits और Public Testing से बढ़ा भरोसा

Shiba Inu Team ने ब्रिज को फिर से शुरू करने से पहले इसे कई लेवल्स पर टेस्ट किया। Dhairya के अनुसार, टीम ने Unit Tests, Simulation Testing और Puppynet पर पब्लिक डिप्लॉयमेंट जैसे चरणों में सिस्टम को परखा। इससे यह सुनिश्चित किया गया कि ब्रिज हर प्रकार की नेटवर्क कंडीशन में स्थिर और सुरक्षित बना रहे। इन टेस्ट्स के बाद, प्रोजेक्ट को एक स्वतंत्र साइबरसिक्योरिटी कंपनी Hexens द्वारा ऑडिट किया गया। Hexens Blockchain Protocols की सिक्योरिटी जांच में विशेषज्ञ मानी जाती है।

इस थर्ड-पार्टी वेलिडेशन से न केवल Shibarium Plasma Bridge की विश्वसनीयता बढ़ी बल्कि यह भी साबित हुआ कि Shiba Inu टीम अपने इन्फ्रास्ट्रक्चर को लगातार मजबूत और ट्रांसपेरेंट बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस पूरे अपग्रेड के बाद अब ब्रिज एक Enterprise-Grade Security Layer के साथ काम कर रहा है, जिससे न केवल यूज़र्स बल्कि डेवलपर्स को भी भरोसा मिल रहा है।

भविष्य की दिशा, नए टोकन और यूज़र रिकवरी प्रोग्राम

अब जबकि BONE Bridging दोबारा शुरू हो चुकी है, टीम ने यह भी बताया है कि अगले चरण में Shibarium Plasma Bridge पर अन्य टोकन सपोर्ट भी जोड़ा जाएगा। प्रत्येक नए टोकन के लिए वही सिक्योरिटी प्रोटोकॉल, टेस्टिंग और ऑडिट प्रक्रिया अपनाई जाएगी जैसी BONE के लिए की गई थी।

इसके साथ ही Shiba Inu डेवलपर्स user repayment program को अंतिम रूप दे रहे हैं, जिससे पहले के प्रभावित यूज़र्स को मुआवजा दिया जाएगा। Dhairya ने कहा “हर नया Safeguard, हर अतिरिक्त चेक और हां, यह 7-दिन की डिले, सबका मकसद सिर्फ एक है कम्युनिटी की सुरक्षा।” यह बयान दर्शाता है कि Shiba Inu सिर्फ डेवलपमेंट पर नहीं, बल्कि यूज़र ट्रस्ट को बनाए रखने पर भी गहराई से फोकस कर रहा है।

Shibarium Plasma Bridge Web3 के लिए एक मिसाल

क्रिप्टो मार्केट में बतौर निवेशक के तौर पर में पिछले 6 सालों से क्रिप्टो मार्केट से जुड़ा हूँ और पिछले 13 सालों से फाइनेंस मार्केट में राइटर के तौर पर काम कर रहा हूँ। मेरे विचार में Shiba Inu का यह कदम Web3 इकोसिस्टम में एक बड़ा उदाहरण पेश करता है। जहां अन्य प्रोजेक्ट्स अक्सर “फास्ट डिप्लॉयमेंट” पर ध्यान देते हैं, वहीं Shibarium ने सिक्योरिटी और ट्रांसपेरेंसी को सर्वोच्च प्राथमिकता दी है।

वैसे तो Shibarium Bridge Hack के बाद नए सिक्योरिटी अपग्रेड जारी हुए है लेकिन दो बड़े सेफगार्ड ब्लैकलिस्टिंग और टाइम-डिले के साथ Plasma Bridge का  सिक्योर वर्जन लॉन्च होना दिखाते हैं कि Shibarium टीम ने यूज़र प्रोटेक्शन को सिर्फ “टेक्निकल अपडेट” नहीं बल्कि “कम्युनिटी प्रिंसिपल” बना दिया है।

इस कदम से यह उम्मीद की जा सकती है कि आने वाले महीनों में अन्य Layer-2 प्रोजेक्ट्स भी इसी तरह के सिक्योरिटी फ्रेमवर्क अपनाएंगे। यह न केवल Shiba Inu इकोसिस्टम की विश्वसनीयता बढ़ाएगा, बल्कि पूरे क्रिप्टो स्पेस को अधिक जिम्मेदार दिशा देगा।

कन्क्लूजन  

Shiba Inu का Shibarium Plasma Bridge अपग्रेड ब्लॉकचेन सिक्योरिटी के क्षेत्र में एक नई मिसाल है। ब्लैकलिस्ट सिस्टम, 7-दिन की विड्रॉल डिले और Hexens ऑडिट जैसे उपाय इसे “कंस्यूमर-फ्रेंडली और हाई-सिक्योर” ब्रिज बनाते हैं। इस अपडेट ने Shibarium को एक ऐसी Layer-2 सॉल्यूशन के रूप में स्थापित किया है जो DeFi और Cross-Chain ऐप्स दोनों के लिए अधिक स्थिर और भरोसेमंद वातावरण प्रदान करता है।

Shibarium Plasma Bridge की यह सिक्योरिटी-सेंट्रिक वापसी यह साबित करती है कि Shiba Inu सिर्फ एक मीमकॉइन नहीं रहा, यह अब एक कम्युनिटी-ड्रिवन, टेक्नोलॉजी-फोकस्ड ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट बन चुका है जो भविष्य के लिए सुरक्षित रास्ता तैयार कर रहा है।

About the Author Rohit Tripathi

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

रोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास टेक्नोलॉजी और डिजिटल मीडिया में 13+ वर्षों का अनुभव है। बीते कुछ वर्षों से वह विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी, ऑन-चेन एनालिटिक्स, DeFi इकोसिस्टम और टोकनॉमिक्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। रोहित की विशेषज्ञता SEO-अनुकूल, डेटा-ड्रिवन कंटेंट और इंडस्ट्री-केंद्रित रिसर्च लेख तैयार करने में है।

वह वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। उनकी लेखनी में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देना सर्वोपरि है। वे ऑन-चेन टूल्स और विश्वसनीय मार्केट डेटा का प्रयोग करते हुए प्रत्येक लेख को फैक्ट-आधारित बनाते हैं। हिंदी भाषी रीडर्स के लिए उनका मिशन है: “हाई-क्वालिटी, फैक्चुअल और यूज़र-फर्स्ट क्रिप्टो कंटेंट उपलब्ध कराना।”

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Shibarium Plasma Bridge एक Layer-2 कनेक्शन सिस्टम है जो Ethereum Mainnet और Shibarium नेटवर्क के बीच BONE टोकन ट्रांसफर को सक्षम बनाता है, जिससे तेज़ और किफायती ट्रांजैक्शन संभव होते हैं।
इसे सुरक्षा को मजबूत करने के लिए फिर से लॉन्च किया गया है। नए वर्जन में blacklist mechanism और seven-day withdrawal delay जैसी सुविधाएं जोड़ी गई हैं ताकि यूज़र्स और वेलिडेटर्स को संभावित फ्रॉड से बचाया जा सके।
अब हर BONE withdrawal पर सात दिन की अनिवार्य देरी होगी, जिससे डेवलपर्स और सिक्योरिटी टीम को समय मिलेगा कि किसी संदिग्ध ट्रांजैक्शन की जांच की जा सके और आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
यह फीचर संदिग्ध या मालिशियस एड्रेस को रियल-टाइम में ब्लॉक करता है, जिससे ब्रिज लेयर पर किसी भी गलत गतिविधि को तुरंत रोका जा सके और इकोसिस्टम की सुरक्षा बनी रहे।
इस ब्रिज को पब्लिक रिलीज़ से पहले Hexens नाम की साइबरसिक्योरिटी कंपनी ने ऑडिट किया है। साथ ही, डेवलपमेंट टीम ने यूनिट टेस्टिंग, नेटवर्क सिमुलेशन और Puppynet पर लाइव टेस्ट किए।
BONE टोकन Shibarium नेटवर्क का gas और governance टोकन है। Plasma Bridge का सिक्योर अपडेट इस टोकन की cross-chain liquidity और उपयोगिता को और मज़बूत बनाता है।
हाँ, Shiba Inu डेवलपर्स ने पुष्टि की है कि जल्द ही अन्य टोकन्स को भी Shibarium Plasma Bridge में जोड़ा जाएगा, और हर टोकन के लिए वही सुरक्षा मानक अपनाए जाएंगे।
Hexens का स्वतंत्र ऑडिट यह सुनिश्चित करता है कि ब्रिज का सिक्योरिटी मॉडल पारदर्शी, प्रभावी और किसी भी संभावित एक्सप्लॉइट से सुरक्षित है। इससे यूज़र्स का भरोसा बढ़ता है।
पहले वर्जन में कुछ सिक्योरिटी कमजोरियां पाई गई थीं, जिनके कारण डेवलपर्स ने ब्रिज को अस्थायी रूप से ऑफलाइन कर दिया था। अब इन्हें पूरी तरह ठीक कर दिया गया है।
यह अपडेट Shibarium को एक अधिक सुरक्षित और community-first Layer-2 नेटवर्क के रूप में स्थापित करता है, जिससे DeFi और cross-chain एप्लिकेशन के लिए इसका उपयोग बढ़ेगा।