OctaFX Ponzi Scam का आरोपी Spain में हुआ गिरफ्तार
OctaFX Ponzi Scam, ₹2,385 करोड़ की क्रिप्टो जब्त
Enforcement Directorate (ED) ने शुक्रवार को एक बड़े खुलासे में कहा कि OctaFX Ponzi Scam के संबंध में करीब ₹2,385 करोड़ मूल्य की क्रिप्टो असेट्स अटैच की गयी हैं और कथित मास्टरमाइंड Pavel Prozorov को स्पेन से गिरफ्तार किया गया है। जांच में यह सामने आया है कि यह घोटाला मल्टीनेशनल नेटवर्क की मदद से भारतीय निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचाने वाला एक योजनाबद्ध फ्रॉड था।
Source - यह इमेज ANI की X Post से ली गई है।
ED की कार्रवाई और गिरफ्तारियों की कहानी
ED की X Post के अनुसार ने बताया कि OctaFX Ponzi Scam के तहत निवेशकों को फॉरेक्स और क्रिप्टो ट्रेडिंग के नाम पर लुभाया गया। प्रारंभिक निवेशकों को छोटे रिटर्न दिखाकर भरोसा बनने के बाद बड़े दायरे में धन जुटाया गया। एजेंसी के अनुसार जुलाई 2022 से अप्रैल 2023 के बीच भारत से करीब ₹1,875 करोड़ जुटाये गए और इसपर लगभग ₹800 करोड़ का लाभ दर्शाया गया।
PMLA के तहत जारी प्रोविजनल ऑर्डर के जरिए ₹2,385 करोड़ बराबर क्रिप्टोकरेंसी अटैच की गयी हैं, साथ ही कुल मिलाकर अब तक ₹2,681 करोड़ की परिसंपत्तियाँ, 19 अचल संपत्ति और स्पेन में एक लक्ज़री यॉट जब्त किए जा चुके हैं। ED ने दो चार्जशीट भी दायर कर दी हैं जिनमें कुल 55 संस्थाएँ आरोपी करार दी गयी हैं।
ग्लोबल नेटवर्क, कैसे पैसे विदेश गए और किस तरह की रणनीति अपनाई गयी
जांच में सामने आया कि OctaFX Ponzi Scam को इंटरनेशनल लेवल पर फैला हुआ नेटवर्क चलाता था, जहाँ मार्केटिंग BVI में, सर्वर और बैक-ऑफिस स्पेन में, पेमेंट गेटवे एस्टोनिया में, टेक्निकल सपोर्ट जॉर्जिया से और होल्डिंग कंपनी साइप्रस में। भारत से आने वाले फंड UPI तथा लोकल बैंक ट्रांसफर से म्यूल अकाउंट्स में भेजे गए और फिर फर्जी इम्पोर्ट-इंस्ट्रक्शन के जरिए विदेश ट्रांसफर किए गए।
ED के अनुसार इन फंडों को नकली सॉफ़्टवेयर व आरएंडडी सर्विसेज के नाम पर Prozorov के नियंत्रित संस्थाओं को स्थानांतरित किया गया। कुछ रकम बाद में FDI के रूप में भारत वापिस दाखिल की गयी, यानी पैसे को सफेद दिखाने की कोशिश की गयी।
OctaFX Ponzi Scam से निवेशकों पर असर और रेगुलेटरी सबक
इस केस से स्पष्ट है कि डिजिटल प्लेटफॉर्मों पर भरोसे का लाभ उठाकर बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी की जा सकती है। OctaFX Ponzi Scam ने दिखाया कि कैसे आधुनिक पेमेंट साधन और क्रिप्टो-इंडस्ट्री का दुरुपयोग कर मनी लॉन्ड्रिंग की जाती है। प्रभावित निवेशकों ने कई बार छोटे रिटर्न देख कर और प्रचार सामग्री देखकर और प्रमोटरों के भरोसे में आकर धन जमा किया। अब ED की कार्रवाई से कुछ रकम जब्त हुई है, पर पीड़ितों की उनके पैसे या मुआवजा पाने की राह अभी लंबी नजर आती है।
रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को मजबूत करना है अनिवार्य
अपने 13 सालों के बतौर क्रिप्टो राइटर होने के अनुभव से कहूँ तो मेरे विचार में OctaFX Ponzi Scam सिर्फ एक कंपनी का घोटाला नहीं रह गया, यह एक चेतावनी है कि डिजिटल फाइनेशियल प्रोडक्ट्स तथा क्रिप्टो-सहायक साधनों की बढ़ती पहुँच के साथ रेगुलेटरी फ्रेमवर्क को मजबूत करना अनिवार्य है।
निवेशको में जागरूकता महत्त्वपूर्ण है, पर साथ ही प्लेटफॉर्म की ट्रांसपेरेंसी, KYC-सख्ती और शिकायत का तुरंत समाधान भी जरूरी हैं। सरकारों और नियामक संस्थाओं को मिलकर ऐसे इंटरनेशनल नेटवर्क्स की पहचान, ट्रैकिंग तथा क्विक लीगल सपोर्ट के लिए ग्लोबल कंसेंसस बनानी होगी। इस केस से यह भी साफ होता है कि सिर्फ घरेलू नियम काफी नहीं, क्रॉस-बॉर्डर इन्वेस्टीगेशन और ज्वाइंट ऑपरेशंस का नेटवर्क जरूरी है।
गौरतलब है कि ED इस समय लगातार ऐसे मामले में तेजी से कार्रवाही कर रहा है, जहाँ कहीं न कहीं क्रिप्टोकरेंसी से जुड़ी लिंक नजर आ रही है इससे पहले हाल ही में Goa Land Scam में ED ने शिकंजा कसा था। यह बताता है कि भारत में सरकारी एजेंसिया लगातार क्रिप्टोकरेंसी को न केवल ट्रेक कर रही है, बल्कि इलीगल ट्रांजेक्शन पर सख्त कार्रवाही भी कर रही है।
आगे क्या होगा, मुकदमों और रिकवरी की राह
ED ने इस मामले में कई ठोस कदम उठाये हैं, प्रॉपर्टी अटैच, आरोपियों पर चार्जशीट और एक्सप्लोरेटरी कोलैबोरेशन के तहत विदेशी एजेंसियों से संपर्क। अब प्राथमिक चुनौती ये तय करना होगी कि जब्त धन से निवेशकों को किस हद तक राहत दी जा सकती है और क्या इंटरनेशनल एसेट्स रिकवरी संभव होगी। कोर्ट के फैसलों के बाद, जिन आरोपियों के खिलाफ सबूत मजबूत होंगे, उन पर दंडात्मक कार्रवाई और आय की रिकवरी के उपाय लागू होंगे। साथ ही नियामक एजेंसियाँ फाइनेशियल एजुकेशन तथा फ्रॉड-रिपोर्टिंग चैनलों को सशक्त करेंगी।
कन्क्लूजन
OctaFX Ponzi Scam की जांच और Prozorov की गिरफ्तारी यह दर्शाती है कि डिजिटल फ्रॉड्स के खिलाफ क्विक और निर्णायक कार्रवाई संभव है, जब जांच एजेंसियाँ और विदेशी सहयोग एक साथ काम करते हैं। हालांकि निवेशकों का नुकसान और विश्वास की कमी लंबे समय में आर्थिक नुकसान पहुँचा सकती है, पर गिरफ्तारी और जब्ती की कार्रवाई एक सकारात्मक कदम है। भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए टेक्नोलॉजी आधारित निगरानी, सख्त KYC, शिकायत का तेजी से सॉल्यूशन और ग्लोबल लीगल कोऑर्डिनेशन अनिवार्य होंगे।