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Revised Income Tax Bill, क्रिप्टो यूजर्स के लिए कंप्लायंस का वक्त

भारत में टैक्स नियम अब पहले से कहीं ज्यादा सख्त और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन हो चुके हैं। Revised Income Tax Bill और हालिया Finance Ministry की कार्रवाइयों ने साफ कर दिया है कि क्रिप्टो इन्वेस्टर्स के लिए अब “बाद में देखते हैं” वाला रवैया बेहद महंगा साबित हो सकता है। बीते दिन विदेशी संपत्ति पर वित्त मंत्रालय ने बड़ा खुलासा किया है।

ताज़ा आंकड़ों के मुताबिक, फाइनेंशियल इयर 2024–25 में फॉरेन असेट्स और इनकम का खुलासा करने वालों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोतरी हुई है। India’s Finance Ministry ने ₹29,208 करोड़ की Hidden Foreign Assets और ₹1,089 करोड़ की Additional Foreign Income का खुलासा किया है। इसके साथ ही, टैक्स डिपार्टमेंट ने क्रिप्टो से जुड़ी लगभग ₹630 करोड़ की अनडिक्लेयर इनकम भी पकड़ी है।

Revised Income Tax Bill - ANI

Source - यह इमेज ANI की X पोस्ट से ली गई है।

क्रिप्टो इनकम पर सख्त कार्रवाई

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, 44,000 से ज्यादा नोटिस उन लोगों को भेजे गए हैं, जिन्होंने अपने Virtual Digital Assets (VDAs) से हुई कमाई को टैक्स रिटर्न में सही से दर्ज नहीं किया। CBDT अब Project Insight और Non-Filer Monitoring System (NMS) जैसी AI-बेस्ड टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहा है, जिससे क्रिप्टो ट्रांजैक्शन्स और टैक्स फाइलिंग के बीच तुरंत मिलान हो जाता है।

मेरे अनुभव में, पहले क्रिप्टो इन्वेस्टर्स मानते थे कि फॉरेन एक्सचेंज या P2P डील्स से होने वाले ट्रांजैक्शन्स टैक्स डिपार्टमेंट की नज़र में नहीं आएंगे। लेकिन अब Revised Income Tax Bill और डेटा-शेयरिंग एग्रीमेंट्स के बाद, यह सोच पूरी तरह गलत है।

फॉरेन असेट्स खुलासे का रिकॉर्ड

इस साल 2.31 लाख टैक्सपेयर्स ने विदेशी संपत्ति और आय की जानकारी दी, जो पिछले साल के मुकाबले 45% ज्यादा है। नवंबर 2024 में शुरू हुई टार्गेटेड कंप्लायंस कैंपेन ने 30,000 से ज्यादा लोगों को अपनी रिटर्न अपडेट करने के लिए प्रेरित किया।

इस बड़े खुलासे में 5,483 टैक्सपेयर्स ने बकाया रिटर्न फाइल करते हुए ₹29,208 करोड़ विदेशी संपत्ति और ₹1,089 करोड़ की अतिरिक्त विदेशी आय की जानकारी दी। इससे साफ है कि सरकार अब ट्रांसपेरेंसी के मामले में कोई ढिलाई नहीं बरत रही।

CoinSwitch की यूजर्स को चेतावनी

लोकप्रिय क्रिप्टो प्लेटफॉर्म CoinSwitch ने अपने यूजर्स को मेल भेजकर आगाह किया है कि नॉन-कंप्लायंट प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करना या टैक्स रिपोर्टिंग में लापरवाही करना सबसे बड़ी गलती है। एक्सचेंज की और से मेल में साफ लिखा गया है, “अब टैक्स चोरी पकड़ना आसान हो गया है और टैक्स लायबिलिटी तेजी से बढ़ सकती है, जिससे प्रॉफिट भी खत्म हो सकता है।”

उन्होंने यूजर्स को सलाह दी है कि वे अपने TDS सर्टिफिकेट्स और P&L रिपोर्ट तुरंत डाउनलोड करें और 15 सितंबर 2025 की नई टैक्स फाइलिंग डेडलाइन से पहले अपनी रिटर्न फाइल कर लें।

Revised Income Tax Bill पर मेरा ओपिनियन

मैं बतौर क्रिप्टो और टैक्स मार्केट पर लंबे समय से नज़र रख रहा हूँ, ऐसे में मेरा मानना है कि इस वक्त क्रिप्टो यूजर्स के लिए तीन कदम बेहद जरूरी हैं:

  1. ट्रांजैक्शन रिकॉर्ड क्लीन करें - हर खरीद, बिक्री, स्टेकिंग रिवॉर्ड और एयरड्रॉप को डेट-वाइज और वैल्यू-वाइज नोट करें।
  2. Revised Income Tax Bill की धाराएं समझें - इसमें डिजिटल एसेट्स के टैक्सेशन को लेकर कोई भी ग्रे एरिया नहीं छोड़ा गया है।
  3. प्रोफेशनल हेल्प लें - अगर रिपोर्टिंग को लेकर जरा भी संदेह है तो किसी चार्टर्ड अकाउंटेंट या टैक्स एडवाइजर की मदद लें।

मेरे अनुभव में, कई इन्वेस्टर्स तब मुश्किल में फंसते हैं जब टैक्स विभाग उनके खिलाफ नोटिस भेज देता है और वे उसके बाद डॉक्यूमेंट इकट्ठा करना शुरू करते हैं। यह स्ट्रेटेजी आज के माहौल में सुसाइडल है। हालाँकि क्रिप्टो यूजर्स को Revised Income Tax Bill में Crypto के लिए उम्मीद ढेर सारी थी, जो काफी हद तक पूरी होती नहीं दिखी।

Revised Income Tax Bill का प्रभाव

Revised Income Tax Bill सिर्फ एक रिवाइज्ड डॉक्यूमेंट नहीं है, बल्कि यह भारत की टैक्स पॉलिसी में टेक्नीकल और रेगुलेटरी बदलाव का संकेत है। इसमें डिजिटल एसेट्स की मॉनिटरिंग, फॉरेन असेट्स रिपोर्टिंग और डेटा-शेयरिंग के प्रोविजन को इंटरनेशनल स्टैंडर्ड्स के अनुरूप किया गया है।

क्रिप्टो यूजर्स के लिए इसका सीधा अर्थ है, चाहे ट्रांजैक्शन भारत में हो या विदेश में, टैक्स डिपार्टमेंट को उसकी जानकारी मिलने की संभावना बहुत ज्यादा है।

अब क्या करें क्रिप्टो यूजर्स?

  • डेडलाइन को नजरअंदाज न करें - 15 सितंबर 2025 के बाद लेट फाइलिंग पर भारी पेनल्टी लगेगी।
  • सभी क्रिप्टो इनकम डिक्लेयर करें - ट्रेडिंग, होल्डिंग, माइनिंग, स्टेकिंग, या एयरड्रॉप, सब कुछ।
  • स्रोत और समय का रिकॉर्ड रखें - भविष्य में टैक्स ऑडिट के समय यह सबसे बड़ा बचाव होता है।
  • Revised Income Tax Bill को पढ़ें या समझें - ताकि आने वाले सालों में टैक्स कंप्लायंस आसान हो।
कन्क्लूजन

भारत में टैक्स सिस्टम अब डेटा और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन हो चुका है, और Revised Income Tax Bill इसका सबसे बड़ा सबूत है। जब सरकार ₹29,208 करोड़ विदेशी संपत्ति और ₹1,089 करोड़ विदेशी आय का पता लगा सकती है, तो यह मान लेना कि क्रिप्टो ट्रांजैक्शन्स छिप जाएंगे, एक खतरनाक गलतफहमी है। क्रिप्टो इन्वेस्टर्स के पास अब केवल एक ही रास्ता है, ट्रांसपेरेंसी और समय पर टैक्स रिपोर्टिंग, जिससे वे बिना डर के अपने इन्वेस्टमेंट ग्रोथ पर फोकस कर सकें।

डिस्क्लेमर - यह जानकारी आपको केवल एजुकेटेड करने के लिए है, आप खुद भी रिसर्च (DYOR) अवश्य करें। अधिक जानकारी के लिए आप Income Tax Department की अधिकारिक वेबसाईट पर विजिट करें।

Rohit TripathiRohit Tripathi
Rohit Tripathi
रोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास टेक्नोलॉजी और डिजिटल मीडिया में 13+ वर्षों का अनुभव है। बीते कुछ वर्षों से वह विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी, ऑन-चेन एनालिटिक्स, DeFi इकोसिस्टम और टोकनॉमिक्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। रोहित की विशेषज्ञता SEO-अनुकूल, डेटा-ड्रिवन कंटेंट और इंडस्ट्री-केंद्रित रिसर्च लेख तैयार करने में है। वह वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। उनकी लेखनी में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देना सर्वोपरि है। वे ऑन-चेन टूल्स और विश्वसनीय मार्केट डेटा का प्रयोग करते हुए प्रत्येक लेख को फैक्ट-आधारित बनाते हैं। हिंदी भाषी रीडर्स के लिए उनका मिशन है: “हाई-क्वालिटी, फैक्चुअल और यूज़र-फर्स्ट क्रिप्टो कंटेंट उपलब्ध कराना।” LinkedIn पर प्रोफ़ाइल देखें | रोहित के लेख पढ़ें-
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