WazirX Withdrawal, Impact of Madras High Court Decision
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WazirX Withdrawal के कैसे इम्पैक्ट करेगा Madras High Court Decision

Cryptocurrency को भारतीय क़ानून के तहत प्रॉपर्टी घोषित करने का क्या होगा प्रभाव

Madras High Court के द्वारा हाल ही में WazirX Hack से जुड़े मामले में निर्णय देते हुए क्रिप्टोकरेंसी को भारतीय कानून के तहत “संपत्ति (Property)” बताया था। इस बड़े बयान के अलावा भी इस फैसले में कुछ ऐसी बातें कही गयी है जिसके बाद यह माना जा रहा है कि WazirX Withdrawal पर भी इसका असर पड़ सकता है।

यह फैसला Rhutikumari v। Zanmai Labs Pvt Ltd केस में सुनाया गया है, जो इस Exchange पर एक निवेशक के XRP होल्डिंग्स को 2024 के साइबरअटैक के बाद फ्रीज़ करने से सम्बंधित था।

WazirX Withdrawal के कैसे इम्पैक्ट करेगा Madras High Court Decision

Source: यह इमेज Crypto Influencer Ajay Kashyap की X Post से ली गयी है। 

Madras High Court ने निर्णय में क्या कहा

जस्टिस N Anand Venkatesh ने 54 पेज के इस फैसले में कहा कि 

  • क्रिप्टोकरेंसी भारतीय क़ानून के तहत प्रॉपर्टी है।
  • भले ही WazirX की पैरेंट कंपनी Zettai Pte Ltd सिंगापुर में रजिस्टर है लेकिन जो ट्रांज़ैक्शन भारत में हुए वे भारतीय कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आयेंगे।
  • WazirX Hack में जिन फण्ड पर असर नहीं हुआ उनको Restructuring Scheme में शामिल करने पर सवाल उठाए।

Madras High Court के निर्णय में शामिल इन सभी ऑब्जरवेशन के कारण कई एनालिस्ट मान रहे हैं कि भारत में इसके आधार पर फिर से Singapore Restructuring Scheme पर सुनवाई हो सकती है।

Singapore Restructuring Scheme को क्यों बताया "Unsustainable"

इस केस में WazirX की पैरेंट कंपनी Zettai Pte Ltd (Singapore) ने अपने नुकसान को कवर करने के लिए Singapore High Court की परमिशन के बाद एक Restructuring Scheme लागू की थी, जिसके तहत सभी यूज़र्स को नुकसान में बराबर हिस्सा उठाना था।
हालांकि, Madras High Court ने इसे “Unsustainable” बताते हुए कहा कि यह योजना उन यूज़र्स पर लागू नहीं की जा सकती जिनकी होल्डिंग्स उस साइबरअटैक में प्रभावित नहीं हुई थीं।

कोर्ट ने यह पाया कि निवेशक के 3,532.30 XRP कॉइन इस अटैक से सुरक्षित थे, क्योंकि हमला केवल Ethereum और ERC-20 टोकन्स पर हुआ था। निर्णय के अनुसार, “What were subjected to cyber attack on 18.7.2024 were ERC-20 coins, which are completely different from the XRP holdings of the applicant।”

इसके बाद ऐसे निवेशक जिनके फंड अटैक में सुरक्षित थे फिर भी उन्हें WazirX से पूरा Withdrawal नहीं मिल पा रहा है, के बीच फिर से उम्मीद जागने लगी है । 

WazirX Withdrawal पर क्या हो सकता है असर

यह फैसला अब WazirX Withdrawal प्रक्रिया पर भी गहरा असर डाल सकता है। वर्तमान में कई यूज़र्स के फंड्स Singapore Restructuring Plan के तहत फ्रीज़ हैं। मगर अब, कोर्ट के इस निर्णय के बाद, उन निवेशकों को राहत मिल सकती है जिनके डिजिटल एसेट्स हैक या प्रभावित नहीं हुए थे।
यह निर्णय भारतीय न्यायालयों द्वारा क्रिप्टो एसेट्स को “Property Rights” के रूप में मान्यता देने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।

साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि WazirX Hack की घटना के समय Zanmai Labs, जो भारत में Financial Intelligence Unit (FIU) के तहत रजिस्टर्ड है, वही भारत में कानूनी रूप से क्रिप्टो लेनदेन हैंडल करने का अधिकार रखता है। 

इससे WazirX, Binance, और Zettai Pte Ltd के बीच लंबे समय से चल रहे अधिकार क्षेत्र विवाद पर भी महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है। गौरतलब है कि WazirX ने लम्बे समय के बाद हाल ही में भारत में अपनी सर्विस फिर से शुरू की है। 

भारतीय क्रिप्टो इकोसिस्टम को बदल सकता है यह मामला

क्रिप्टो स्पेस में अपने 6 वर्षों के अनुभव के आधार पर में यह कह सकता हूँ कि यह फैसला भारत में Crypto Legal Recognition की दिशा में एक माइलस्टोन साबित हो सकता है।
पहली बार किसी हाई कोर्ट ने क्रिप्टोकरेंसी को लीगल प्रॉपर्टी के रूप में स्पष्ट मान्यता दी है, जो आने वाले समय में टैक्सेशन, रेगुलेशन और एक्सचेंज ऑपरेशन के रेगुलेटरी स्ट्रक्चर को प्रभावित करेगी।

इस फैसले से यह संदेश जाता है कि भारत में Crypto Ownership को जुडिशल सिक्योरिटी मिल सकती है, बशर्ते कि निवेशक अपनी संपत्ति का लीगल सोर्स और ओनरशिप साबित कर सकें।

कन्क्लूज़न

Madras High Court का यह फैसला WazirX Withdrawal की दिशा भी बदल सकता है। जहाँ एक ओर यह निवेशकों को कानूनी सुरक्षा देता है, वहीं दूसरी ओर यह क्रिप्टो एक्सचेंजों पर ट्रांसपेरेंसी और कस्टोडियल जिम्मेदारी बढ़ाने का दबाव भी बनाता है।
अगर यह रुख आगे भी कायम रहा, तो आने वाले महीनों में भारत में क्रिप्टो एसेट्स की लीगल क्लैरिटी और इन्वेस्टर ट्रस्ट दोनों में वृद्धि देखने को मिल सकती है।

Disclaimer: क्रिप्टो मार्केट वोलेटाइल है किसी भी इन्वेस्टमेंट से पहले अपनी रिसर्च जरुर करें। यह आर्टिकल केवल एजुकेशनल पर्पस से लिखा गया है।

About the Author Ronak Ghatiya

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

Ronak Ghatiya एक उभरते हुए क्रिप्टो कंटेंट राइटर हैं, जिनका एजुकेशन और टेक्नोलॉजी में मजबूत बैकग्राउंड रहा है। उन्होंने पिछले 6 वर्ष में फाइनेंस, ब्लॉकचेन, Web3 और डिजिटल एसेट्स जैसे विषयों पर डेटा-ड्रिवन और SEO-अनुकूल कंटेंट लिखा है, जो नए और प्रोफेशनल रीडर्स दोनों के लिए उपयोगी साबित हुआ है। रोनक की लेखनी का फोकस जटिल तकनीकी टॉपिक्स को आसान भाषा में समझाना है, जिससे क्रिप्टो स्पेस में ट्रस्ट और क्लैरिटी बनी रहे।

उन्होंने CoinGabbar.com, Medium और अन्य क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए ब्लॉग्स और न्यूज़ स्टोरीज़ लिखी हैं, जिनमें क्रिएटिविटी और रिसर्च का संतुलन होता है। रोनक की स्टाइल डिटेल-ओरिएंटेड और रिस्पॉन्सिव है, और वह तेजी से बदलते क्रिप्टो परिदृश्य में एक विश्वसनीय आवाज़ बनने की ओर अग्रसर हैं। LinkedIn पर प्रोफ़ाइल देखें या उनके आर्टिकल्स यहाँ पढ़ें।

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Madras High Court ने हाल ही में दिए गए फैसले में कहा कि क्रिप्टोकरेंसी भारतीय कानून के तहत संपत्ति (Property) है, जिसे स्वामित्व में रखा जा सकता है और ट्रस्ट के रूप में होल्ड किया जा सकता है।
यह केस WazirX एक्सचेंज पर एक निवेशक के XRP होल्डिंग्स को 2024 के साइबरअटैक के बाद फ्रीज़ करने से जुड़ा था, जिसमें अदालत ने निवेशक के पक्ष में अंतरिम सुरक्षा दी।
कोर्ट ने कहा कि यह योजना उन यूज़र्स पर लागू नहीं की जा सकती जिनके फंड साइबरअटैक में प्रभावित नहीं हुए थे, इसलिए इसे Unsustainable माना गया।
इस फैसले के बाद उन यूज़र्स को राहत मिल सकती है जिनके डिजिटल एसेट्स हैक से प्रभावित नहीं हुए थे, क्योंकि अब उनके फंड Withdrawal की प्रक्रिया फिर से शुरू हो सकती है।
WazirX की पैरेंट कंपनी Zettai Pte Ltd सिंगापुर में रजिस्टर्ड है, लेकिन भारत में इसकी संचालन इकाई Zanmai Labs है, जो FIU के तहत रजिस्टर्ड है।
हाँ, कोर्ट के इस ऑब्जरवेशन से WazirX, Binance और Zettai के बीच चल रहे अधिकार क्षेत्र विवाद पर बड़ा असर पड़ सकता है।
Madras High Court के इस निर्णय से क्रिप्टोकरेंसी को भारतीय कानून के तहत प्रॉपर्टी के रूप में मान्यता मिली है, लेकिन इसे अब भी लीगल टेंडर नहीं माना गया है।
हाँ, यह फैसला भारत में क्रिप्टो एसेट्स की लीगल क्लैरिटी और इन्वेस्टर ट्रस्ट बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
हाँ, लंबे समय के बाद WazirX ने हाल ही में भारत में अपनी सर्विस दोबारा शुरू की है, और यह फैसला उसके संचालन को सकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है।
हाँ, कोर्ट ने माना कि क्रिप्टो एसेट्स प्रॉपर्टी हैं, इसलिए निवेशक जो वैध स्वामित्व और स्रोत साबित कर सकें, उन्हें अब कानूनी सुरक्षा मिल सकती है।