Crypto Crash
Blockchain News

Crypto Crash 2025, टॉप कॉइन्स की कीमतें गिरीं, निवेशकों में हड़कंप

Crypto Crash, क्रिप्टो मार्केट में आज गिरावट, क्या जल्द होगा बाउंस बैक

क्रिप्टो मार्केट एक बार फिर भारी प्रेशर में है। जहां निवेशकों को हाल ही में रिकवरी की उम्मीद थी, लेकिन अब हालात उलटते नज़र आ रहे हैं। Bitcoin और Ethereum जैसी बड़ी करेंसीज़ में गिरावट दिख रही है। ग्लोबल मार्केट में पैसों की कमी, बड़े निवेशकों का पैसा निकालना और व्हेल्स की बढ़ती एक्टिविटी से Market अस्थिर हो गया है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि यह गिरावट आने वाले दिनों में और बढ़ सकती है। फिलहाल क्रिप्टो मार्केट “रेड अलर्ट” मोड में है और निवेशकों को सावधानी से कदम बढ़ाने की जरूरत है।

प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी की मौजूदा कीमतें

Bitcoin Price - खबर लिखते समय Bitcoin Price $104,230.02 थी, जिसमें 24 घंटे में 3.13% की गिरावट हुई।

Ethereum Price - वर्तमान में Ethereum Price $3,496.06 थी, जो पिछले 24 घंटे में 6.34% नीचे गई।

Tether Price - Tether Price $0.9997 दर्ज की गई, जिसमें 0.01% की मामूली गिरावट देखी गई।

XRP Price - XRP Price $2.25 रही, जो 24 घंटे में 7.37% नीचे गिरी।

BNB Price - BNB Price $950.95 थी, जो 8.42% नीचे गिरा।

Solana Price - Solana Price $157.65 थी, जिसमें 10.81% की भारी गिरावट दर्ज हुई।

Crypto Crash 2025, टॉप कॉइन्स की कीमतें गिरीं, निवेशकों में हड़कंप

Source: यह इमेज CoinMarketCap Website से ली गई है। जिसकी लिंक यहां दी गई है।  

क्या हुआ 10 अक्टूबर को?

शुक्रवार, 10 अक्टूबर को क्रिप्टोकरेंसीज़ में एक बड़ी गिरावट दर्ज की गई, जिससे निवेशकों को अरबों डॉलर का नुकसान हुआ। इस गिरावट की वजह Donald Trump का चीन पर 100% टैरिफ लगाने का बयान रहा, जिससे Crypto Crash हुआ। इसके चलते क्रिप्टो Market से अरबों डॉलर गायब हो गए और पूरी इंडस्ट्री झटके में आ गई।

आइए जानते हैं इस गिरावट के पीछे छिपे के कारण 

1. ग्लोबल लिक्विडिटी में कमी से बढ़ा प्रेशर 

दुनिया भर के सेंट्रल बैंकों ने अब तक अपनी पॉलिसी में बदलाव नहीं किया है। “Higher-for-longer” इंटरेस्ट रेट की पॉलिसी जारी है और लिक्विडिटी धीरे-धीरे कम की जा रही है। यही लिक्विडिटी क्रिप्टो मार्केट के लिए एक बड़ी Tailwind होती है। जब यह घटती है, तो Crypto Crash जैसी स्थितियां बनती हैं क्योंकि जोखिम भरे एसेट्स पर निवेशक भरोसा कम कर देते हैं।

2. इंस्टीट्यूशनल निवेशकों को प्रॉफिट 

हाल के दिनों में इंस्टीट्यूशनल निवेशकों द्वारा बड़ी मात्रा में फंड निकाले जा रहे हैं। कई ETFs और निवेश ट्रैकर्स में नेट आउटफ्लो दिखा है। इसका मतलब है कि इंस्टीट्यूशनल निवेशक अब अपने प्रॉफिट को सुरक्षित एसेट्स में शिफ्ट कर रहे हैं। यह ट्रेंड अक्सर किसी बड़े Market Correction या Crypto Crash से पहले देखा जाता है।

3. Altcoin Market में लिक्विडिटी की भारी कमी

Bitcoin अभी थोड़ा स्थिर दिख रहा है, लेकिन बाकी Altcoins पर भारी प्रेशर है। छोटे टोकन यानी लो-कैप कॉइन्स की कीमतें तेजी से गिर रही हैं क्योंकि Market में खरीदारों की कमी है। जब Bitcoin कुछ प्रतिशत गिरता है, तो Altcoins की कीमतें कई गुना ज्यादा नीचे चली जाती हैं। हाल के 24 घंटों में कई बड़े निवेशकों ने अपनी ट्रेडिंग पोज़िशन बंद की हैं, जिससे Market और गिर गया है। यही वजह है कि निवेशकों में अब नए Crypto Crash का डर बढ़ता जा रहा है।

4. व्हेल्स कर रही हैं एक्सचेंजों में ट्रांसफर

एक्सचेंज फ्लोज़ से यह पता चला है कि बड़ी व्हेल एड्रेसेज़ अपने कॉइन्स को एक्सचेंज में डिपॉज़िट कर रही हैं। यह कदम आमतौर पर तब उठाया जाता है जब वे Market में सेल करने की तैयारी कर रही होती हैं। यानी, बड़ी मात्रा में एक्सचेंज डिपॉजिट्स यह साबित कर रहे हैं कि Market में “डिस्ट्रिब्यूशन फेज़” शुरू हो चुका है। इसका मतलब है कि व्हेल्स अब खरीद नहीं, बल्कि बेचने के लिए तैयारी कर रही हैं जो एक और चेतावनी है कि Crypto Crash नजदीक है।

5. क्या यह स्थिरता किसी बड़ी गिरावट का संकेत है

Bitcoin की वोलैटिलिटी इंडेक्स में फिलहाल काफी कंप्रेशन दिख रहा है, यानी मार्केट में “शांति से पहले का तूफान” जैसी स्थिति है। जब वोलैटिलिटी लंबे समय तक दबती है, तो बाद में आने वाली मूवमेंट्स बेहद तेज़ होती हैं। मौजूदा Macro-Economic Backdrop को देखते हुए, इसकी दिशा नीचे की ओर ज्यादा संभावित दिख रही है।

मेरे 7 साल के क्रिप्टो मार्केट अनुभव के आधार पर, यह गिरावट एक जरूरी करेक्शन लगती है न कि अंत। ऐसे समय में मैंने अक्सर देखा है कि मजबूत प्रोजेक्ट्स लंबी गिरावट के बाद और ज्यादा पावरफुल वापसी करते हैं। समझदारी यही है कि रिस्क मैनेजमेंट को प्राथमिकता दें और घबराएँ नहीं।

कन्क्लूजन 

क्रिप्टो मार्केट इस समय बेहद नाज़ुक स्थिति में है। मार्केट में पैसे का फ्लो कम हो रहा है, बड़े निवेशक अपने फंड निकाल रहे हैं और व्हेल्स यानी बड़े होल्डर्स लगातार अपने कॉइन बेचने की तैयारी में हैं। ये सब संकेत बताते हैं कि आने वाले दिनों में मार्केट में और Crypto Crash देखने को मिल सकता है। ऐसे में निवेशकों को सावधानी से ट्रेड करना चाहिए और बिना प्लान के कोई बड़ा जोखिम नहीं लेना चाहिए।

डिस्कलेमर: यह जानकारी केवल एजुकेट करने और सूचनात्मक उद्देश्यों के लिए है। यह किसी प्रकार की फाइनेंशियल सलाह नहीं है। क्रिप्टो मार्केट ज्यादा वोलैटाइल है, निवेश से पहले स्वयं रिसर्च करें।

About the Author Akansha Vyas

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

आकांक्षा व्यास एक स्किल्ड क्रिप्टो राइटर हैं, जिनके पास 7 वर्षों का अनुभव है और वे ब्लॉकचेन और Web3 के कॉम्पलेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने योग्य बनाने में एक्सपर्ट हैं। वे डीप रिसर्च के साथ आर्टिकल्स, ब्लॉग और न्यूज़ लिखती हैं, जिनमें SEO पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि रीडर्स का जुड़ाव बढ़ सके।

आकांक्षा की राइटिंग क्रिएटिव एक्सप्रेशन और एनालिटिकल अप्रोच का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो रीडर्स को जटिल विषयों को स्पष्टता के साथ समझने में मदद करता है। क्रिप्टो स्पेस के प्रति उनकी गहरी रुचि उन्हें इस उद्योग में एक अच्छे राइटर के रूप में स्थापित कर रही है। अपने कंटेंट के माध्यम से, उनका उद्देश्य रीडर्स को क्रिप्टो की तेजी से बदलती दुनिया में गाइड करना है।

LEAVE A REPLY
Please enter your comment!
Please enter your name here

और ब्लॉकचेन खबरें
Frequently Asked Questions
{{$alt}} Explore Our FAQs

Find quick answers to commonly asked questions and understand how things work around here.

Donald Trump के चीन पर 100% टैरिफ लगाने के बयान और ग्लोबल लिक्विडिटी की कमी से बाजार में भारी गिरावट दर्ज हुई।
इस रिपोर्ट के अनुसार, Bitcoin की कीमत $104,230.02 रही, जो 24 घंटे में 3.13% नीचे आई।
Ethereum की कीमत $3,496.06 रही, जिसमें 6.34% की गिरावट देखी गई।
हाँ, वर्तमान स्ट्रक्चर और लिक्विडिटी की स्थिति को देखते हुए मार्केट में और करेक्शन की संभावना है।
यह दर्शाता है कि बड़ी होल्डर एड्रेसेज़ मार्केट में सेल करने की तैयारी कर रही हैं, जो गिरावट का संकेत है।
Altcoins में 15-25% तक की गिरावट देखी गई, खासकर लो-कैप टोकन्स में।
लिक्विडिटी घटने पर निवेशक जोखिम भरे एसेट्स से पैसा निकाल लेते हैं, जिससे मार्केट में Crash जैसी स्थिति बनती है।
संभावना है कि यह गिरावट कुछ समय के लिए हो, लेकिन अगर macro-economic स्थिति नहीं सुधरी तो और नीचे जा सकता है।
हाँ, कई ETFs में नेट आउटफ्लो देखने को मिल रहा है जिससे संकेत मिलता है कि वे सुरक्षित एसेट्स की ओर जा रहे हैं।
फिलहाल सतर्क रहना, लिमिटेड एक्सपोज़र रखना और panic selling से बचना सबसे बेहतर रणनीति है।