Bitcoin Based Abacus Market Exit Scam,यूजर्स के फंड गायब
Darknet और Bitcoin पर बेस पॉपुलर प्लेटफॉर्म Abacus Market Exit Scam का मामला सामने आया है। दुनिया भर के हजारों यूज़र्स इस मार्केटप्लेस के ज़रिये ट्रांजैक्शन करते है, जिसमें डिजिटल पेमेंट का माध्यम Bitcoin है।
हाल ही में यह रिपोर्ट सामने आई कि Abacus Market के एडमिन्स अचानक प्लेटफॉर्म से गायब हो गए हैं और यूज़र्स द्वारा निकासी के लिए भेजी गई राशि को ट्रांसफर नहीं किया गया। इससे जुड़ी हजारों शिकायतें सोशल मीडिया, क्रिप्टो फोरम्स और डार्कनेट प्लेटफॉर्म्स पर सामने आई हैं। यह मामला केवल एक टेक्निकल फेलियर नहीं बल्कि एक well planned, Abacus Market Exit Scam प्रतीत हो रहा है, जिसने लाखों डॉलर के क्रिप्टो फंड्स को गायब कर दिया।

Source – ForkLog X Post
अचानक क्लोज हुआ सिस्टम, यूज़र्स रह गए दंग
Abacus Market के यूज़र्स ने पिछले कुछ दिनों से रिपोर्ट करना शुरू किया था कि, वे अपने फंड्स निकालने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन Exit पूरी नहीं हो रही है। कुछ यूज़र्स को Pending स्टेटस दिखाई दे रहा था, वहीं कुछ को लॉगइन में प्रॉब्लम आने लगी थी।
कुछ ही समय बाद प्लेटफॉर्म पूरी तरह से क्लोज हो गया और एडमिन पैनल्स, कॉन्टैक्ट ईमेल्स और कस्टमर कम्युनिकेशन सिस्टम ऑफ़लाइन हो गए। टेक्निकल एनालिस्ट्स और साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स के अनुसार, Abacus Market Exit Scam एक क्लासिक Exit Scam है, जो पहले से प्लान किया गया था। इसी तरह की स्ट्रेटेजी पहले भी कई क्रिप्टो प्लेटफॉर्म्स जैसे Evolution Market और Empire Market में देखी जा चुकी है।
क्या है आगे की राह?
फिलहाल, किसी भी यूज़र को उनके फंड वापस मिलने की पॉसिबिलिटी बहुत कम है। एक्सपर्ट्स के अकॉर्डिंग, जो बिटकॉइन इस स्कैम में गायब हुए हैं, वे मिक्सिंग वॉलेट्स और प्राइवेट कीज़ के ज़रिये पूरी तरह अनट्रेस हो चुके होंगे।
कुछ साइबर लॉ एक्सपर्ट्स का मानना है कि इंटरपोल जैसी एजेंसियां अगर चाहें तो लॉजिस्टिक कोलैबोरेशन से इस केस को ट्रैक कर सकती हैं, लेकिन इसमें समय और संसाधन दोनों की काफी मांग होगी। भारत, अमेरिका, जर्मनी और नीदरलैंड्स के कुछ साइबर एक्सपर्ट्स इस Abacus Market Exit Scam पर इन्वेस्टीगेशन की मांग कर रहे हैं, क्योंकि यह एक इंटरनेशनल फाइनेंशियल फ्रॉड है।
डिसेंट्रलाइजेशन की दुनिया में रिस्पांसिबिलिटी कौन ले?
एक क्रिप्टो राइटर के तौर पर मुझे लगता है कि, Abacus Market Exit Scam केवल एक टेक्निकल फ्रॉड नहीं है, यह डिसेंट्रलाइजेशन की आड़ में चल रहे अराजक ऑपरेशन्स की पोल खोलता है। जब तक किसी प्लेटफॉर्म के पीछे अकाउंटेबिलिटी तय नहीं की जाएगी, तब तक यह कहना कि क्रिप्टो स्वतंत्र है सही नहीं होगा।
हमारे पास कानून, रेगुलेशन और सुपरविजन का स्ट्रक्चर अभी भी सफिशिएंट नहीं है, खासकर डार्कनेट बेस ऐसे प्लेटफॉर्म्स को लेकर। इसी वजह से Abacus Market जैसे स्कैम दोबारा और बड़ी स्केल पर हो सकते हैं।
पहले भी हो चुके हैं ऐसे Exit Scams
Abacus Market Exit Scam कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले बड़े डार्कनेट प्लेटफॉर्म्स यूज़र्स का पैसा लेकर अचानक गायब हो चुके हैं। बीते साल दिसंबर 2024 में बड़ी कार्यवाई करते हुए Delhi-National Capital Region से CBI ने Crypto Scam का खुलासा कर, 3 आरोपीयों गिरफ्तार किया था। आरोपियों ने Local Law Enforcement Officials के रूप में अपनी पहचान छिपाकर Bitcoin के जरिए 260 करोड़ रुपये (30.6 मिलियन डॉलर) का Scam किया था। हर बार स्कैमर्स वही पुराना मेथड अपनाते हैं पहले ट्रैफिक बढ़ाओ, भरोसा बनाओ, फिर अचानक प्लेटफॉर्म को क्लोज कर करोड़ों डॉलर लेकर फरार हो जाओ।
कन्क्लूजन
Abacus Market Exit Scam ने एक बार फिर यह प्रूफ कर दिया है कि, डिजिटल फ्रीडम के साथ डिजिटल रिस्पांसिबिलिटी भी उतनी ही ज़रूरी है। जब तक यूजर्स अंधविश्वास में आकर बिना जांचे परखे प्लेटफॉर्म्स पर निवेश करेंगे, ऐसे स्कैम्स का अंत नहीं होगा। सरकारों और इंटरनेशनल एजेंसियों को चाहिए कि वे ऐसे मार्केटप्लेस पर कड़ी निगरानी रखें और एक ग्लोबल रेगुलेशन फ्रेमवर्क डेवलप करें। क्रिप्टो की दुनिया में टेक्नोलॉजी फ़ास्ट है, लेकिन ट्रस्ट की नींव अब भी कमजोर है।