Shark Radhika Gupta का Crypto पर बायन, क्या इन्वेस्टर्स के लिए है बड़ा संकेत
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Shark Radhika Gupta का Crypto पर बायन, निवेशकों में उत्साह

Edelweiss Mutual Fund की MD की क्रिप्टो पर प्रतिक्रिया

भारत की म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री और तेजी से बढ़ती क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया के बीच एक नई बहस छिड़ गई है। एक प्रसिद्ध Finfluencer ने हाल ही में यह दावा किया कि भारतीय म्यूचुअल फंड्स ने रिटेल इन्वेस्टर्स को सोना, चांदी, क्रिप्टोकरेंसी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसी एसेट्स में बड़े मुनाफे से वंचित कर दिया।

उन्होंने कहा कि Mutual Fund मैनेजर्स ने सिर्फ SIP और ‘Buy on Dip’ जैसी रणनीतियों पर ध्यान दिया, जबकि असली रिटर्न्स क्रिप्टो, गोल्ड और टेक सेक्टर से आए। इस विवाद ने सोशल मीडिया पर जोर पकड़ लिया और इसी बीच Edelweiss Mutual Fund की MD और CEO Radhika Gupta ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उनका जवाब न सिर्फ म्यूचुअल फंड्स के बचाव में था, बल्कि इसमें Crypto के भविष्य की दिशा की झलक भी छिपी थी।

Radhika Gupta X Post

Source - यह इमेज Radhika Gupta की X Post से ली गई है।

Radhika Gupta का जवाब, म्यूचुअल फंड्स पीछे नहीं, तैयार हैं

Radhika Gupta ने इस दावे को “गलत” बताया और कहा कि इंडस्ट्री पहले से ही निवेशकों को डायवर्स ऑप्शन देती है, जिसमें सोना, चांदी, अमेरिकी टेक्नोलॉजी, चीन, ASEAN और उभरते बाजारों के फंड शामिल हैं।

उन्होंने कहा कि Edelweiss ने 2022 में एक multi-asset combo product लॉन्च किया था जो निवेशकों को अलग-अलग एसेट क्लास में एक्सपोजर देता है। उनका तर्क था, Mutual Funds में पहले से ऐसे कई विकल्प हैं जो ग्लोबल मार्केट की रैलियों से फायदा उठाने में सक्षम हैं।

लेकिन सबसे दिलचस्प हिस्सा तब आया जब Radhika Gupta ने क्रिप्टोकरेंसी पर टिप्पणी की। उन्होंने इनडायरेक्टली कहा कि “Mutual Funds को फिलहाल क्रिप्टो प्रोडक्ट लॉन्च करने की अनुमति नहीं है, क्योंकि भारतीय रेगुलेटर्स अभी इस पर सख्त नियंत्रण रखे हुए हैं।” यानी उन्होंने साफ इशारा दिया, Crypto पर दरवाज़ा फिलहाल बंद है, लेकिन इंडस्ट्री बाहर खड़ी तैयार है।

क्रिप्टोकरेंसी को लेकर संकेत, भविष्य की संभावनाएं

Radhika Gupta का यह बयान क्रिप्टो इन्वेस्टर्स के लिए बेहद अहम है। उन्होंने बताया कि RBI की विदेशी निवेश पर पाबंदियों के बावजूद, AMCs (Asset Management Companies) ने GIFT City के जरिए LRS (Liberalized Remittance Scheme) के तहत वैकल्पिक निवेश मार्ग तैयार किए हैं।

इसका सीधा मतलब है कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री Crypto से जुड़े ग्लोबल असेट्स में अप्रत्यक्ष रूप से एक्सपोज़र देने की दिशा में काम कर रही है। Edelweiss या WhiteOak जैसे फंड हाउस फिलहाल सीधे Crypto में निवेश नहीं कर सकते, लेकिन वे Blockchain Technology, Web3 कंपनियों और ग्लोबल डिजिटल एसेट इंडेक्स फंड्स के जरिए इस क्षेत्र से जुड़ रहे हैं।

WhiteOak Mutual Fund के CEO Aashish P Sommaiyaa ने भी कहा कि NASDAQ और FANG स्टॉक्स से जुड़े फंड्स 2011 से मौजूद हैं, और सोना-चांदी जैसे एसेट्स को बाद में अनुमति मिलने पर जोड़ा गया। यह दिखाता है कि जब भी नियामक अनुमति देगा, क्रिप्टो म्यूचुअल फंड्स का रास्ता खुल सकता है।

क्या भारत Crypto Mutual Funds के लिए तैयार है?

क्रिप्टोकरेंसी आज एक ऑप्शनल इन्वेस्टमेंट नहीं, बल्कि एक ग्लोबल फाइनेंशियल मूवमेंट बन चुकी है। Bitcoin और Ethereum जैसे डिजिटल एसेट्स ने 2025 में रिकॉर्ड हाई बनाए हैं। ऐसे में, निवेशक चाहते हैं कि उन्हें भी इन अवसरों का लाभ सुरक्षित माध्यम से मिले और म्यूचुअल फंड्स इसके लिए आदर्श रास्ता हो सकते हैं।

Radhika Gupta के बयान से यह संकेत मिला कि इंडस्ट्री के अंदर क्रिप्टो निवेश की दिशा में संरचनात्मक तैयारी चल रही है।  हालाँकि, यह कदम तभी संभव होगा जब, SEBI और RBI क्रिप्टो नियमों को स्पष्ट करेंगे, टैक्सेशन और रिपोर्टिंग ढांचे को सरल बनाया जाएगा और इन्वेस्टर्स के प्रोटेक्शन के लिए कस्टोडियल फ्रेमवर्क तैयार होगा।

भारत में अगर ये तीनों बिंदु पूरी होती हैं, तो आने वाले दो सालों में क्रिप्टो-लिंक्ड म्यूचुअल फंड्स की शुरुआत संभव है। और यही वह दिशा है, जिसकी झलक Radhika Gupta के बयान में दिखाई दी।

म्यूचुअल फंड्स vs बनाम क्रिप्टो, निवेश का नया युग

क्रिप्टो और Mutual Funds के बीच सबसे बड़ा अंतर ट्रांसपेरेंसी और रिस्क है। जहां Mutual Funds रेगुलेटेड और ट्रांसपेरेंट इन्वेस्टमेंट हैं, वहीं क्रिप्टो पूरी तरह मार्केट सेंटीमेंट और ग्लोबल न्यूज़ पर निर्भर करता है। Radhika Gupta का संदेश यहाँ संतुलित है, वह क्रिप्टो को नकार नहीं रहीं, लेकिन यह भी कह रही हैं कि निवेशक को अंधाधुंध रिटर्न के बजाय स्ट्रक्चर्ड एसेट एलोकेशन पर ध्यान देना चाहिए।

उनके शब्दों में “Mutual funds are like a financial food court, you choose what fits your appetite.” यानी निवेशक को खुद यह तय करना है कि क्रिप्टोकरेंसी जैसी हाई-वोलैटिलिटी एसेट्स उसके जोखिम प्रोफाइल के अनुकूल हैं या नहीं।

Edelweiss CEO के बयान में दिखती है भारत के क्रिप्टो निवेश के भविष्य की झलक

अपने 13 सालों के ग्लोबल फाइनेंशियल मार्केट को बतौर राइटर कवर करने के अनुभव से कहूँ तो मेरे नज़रिए से, Radhika Gupta का बायन भारत के Crypto निवेश के भविष्य की झलक है। वह यह स्वीकार कर रही हैं कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री क्रिप्टोकरेंसी निवेश से पीछे नहीं है, बस रेगुलेटरी ग्रीन सिग्नल का इंतज़ार है।

उनका बयान यह भी बताता है कि भारत की वित्तीय संस्थाएँ अब डिजिटल एसेट्स की ओर सकारात्मक रुख अपना रही हैं। और जब भी SEBI या RBI क्रिप्टो निवेश को अनुमति देंगे, Edelweiss जैसी संस्थाएँ सबसे पहले इसमें उतरेंगी।

कन्क्लूजन 

Radhika Gupta का Crypto पर बायन फिलहाल एक बचाव नहीं, बल्कि भविष्य की दिशा है। यह दिखाता है कि भारतीय म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री न केवल Crypto की क्षमता को समझती है, बल्कि आने वाले डिजिटल एसेट युग के लिए तैयारी भी कर रही है। 

निवेशकों के लिए यह संकेत है कि Crypto को अब मुख्यधारा निवेश से बाहर नहीं समझा जा सकता। म्यूचुअल फंड्स भविष्य में इसका विनियमित और सुरक्षित रूप पेश कर सकते हैं। और जब वह समय आएगा, भारत क्रिप्टो निवेश के नए युग में प्रवेश करेगा।

About the Author Rohit Tripathi

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

रोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास टेक्नोलॉजी और डिजिटल मीडिया में 13+ वर्षों का अनुभव है। बीते कुछ वर्षों से वह विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी, ऑन-चेन एनालिटिक्स, DeFi इकोसिस्टम और टोकनॉमिक्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। रोहित की विशेषज्ञता SEO-अनुकूल, डेटा-ड्रिवन कंटेंट और इंडस्ट्री-केंद्रित रिसर्च लेख तैयार करने में है।

वह वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। उनकी लेखनी में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देना सर्वोपरि है। वे ऑन-चेन टूल्स और विश्वसनीय मार्केट डेटा का प्रयोग करते हुए प्रत्येक लेख को फैक्ट-आधारित बनाते हैं। हिंदी भाषी रीडर्स के लिए उनका मिशन है: “हाई-क्वालिटी, फैक्चुअल और यूज़र-फर्स्ट क्रिप्टो कंटेंट उपलब्ध कराना।”

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यह बयान उस विवाद से जुड़ा है जिसमें एक प्रसिद्ध finfluencer ने दावा किया कि भारतीय म्यूचुअल फंड्स ने रिटेल इन्वेस्टर्स को सोना, चांदी, क्रिप्टो और AI स्टॉक्स की रैलियों से वंचित कर दिया।
Radhika Gupta ने इस दावे को गलत बताया और कहा कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री पहले से ही निवेशकों को गोल्ड, सिल्वर, US टेक और उभरते बाजारों जैसे विकल्प प्रदान करती है।
हाँ, उन्होंने कहा कि फिलहाल म्यूचुअल फंड्स को सीधे क्रिप्टो प्रोडक्ट लॉन्च करने की अनुमति नहीं है क्योंकि भारतीय रेगुलेटर्स इस पर सख्त नियंत्रण रखे हुए हैं।
Radhika Gupta ने संकेत दिया कि इंडस्ट्री क्रिप्टो निवेश की दिशा में तैयार है। AMCs GIFT City और LRS स्कीम के ज़रिए वैकल्पिक निवेश मार्ग बना रही हैं।
सीधे तौर पर नहीं, लेकिन Edelweiss जैसे फंड हाउस ब्लॉकचेन, Web3 और डिजिटल एसेट इंडेक्स फंड्स के ज़रिए अप्रत्यक्ष एक्सपोज़र दे रहे हैं।
Aashish P Sommaiyaa ने कहा कि NASDAQ और FANG स्टॉक्स से जुड़े फंड्स 2011 से मौजूद हैं और नियामक अनुमति मिलने पर क्रिप्टो फंड्स भी संभव हैं।
हाँ, जब SEBI और RBI क्रिप्टो नियमों को स्पष्ट करेंगे और टैक्स फ्रेमवर्क सरल होगा, तब क्रिप्टो-लिंक्ड म्यूचुअल फंड्स लॉन्च किए जा सकते हैं।
उनका संदेश साफ है — इंडस्ट्री क्रिप्टो को नकार नहीं रही, बल्कि नियामक ग्रीन सिग्नल मिलते ही इसे मुख्यधारा निवेश विकल्प में बदलने को तैयार है।
हाँ, Radhika Gupta मानती हैं कि दोनों का संतुलन संभव है, बशर्ते निवेशक अपने रिस्क प्रोफाइल और एसेट एलोकेशन को समझें।
काफी हद तक हाँ, उनका बयान दिखाता है कि भारत की वित्तीय संस्थाएँ अब क्रिप्टो निवेश को लेकर अधिक परिपक्व और रणनीतिक दृष्टिकोण अपना रही हैं।