Goa Land Scam में क्रिप्टो की एंट्री, ED ने कसा शिकंजा
Goa Land Scam में नया मोड़, क्रिप्टो की हुई एंट्री
भारत के पर्यटन राज्य Goa में चल रहे कथित Goa Land Scam ने अब एक नया मोड़ ले लिया है। अब इस घोटाले की जांच का दायरा सिर्फ फर्जी जमीन सौदों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि इसमें क्रिप्टोकरेंसी की एंट्री ने पूरे केस को और जटिल बना दिया है। Enforcement Directorate (ED) ने मंगलवार को गोवा, नई दिल्ली और चंडीगढ़ में एक साथ छापेमारी की और इस दौरान 1.5 लाख कीमत के USDT फ्रीज़ किए गए।
यह पहली बार है जब किसी जमीन घोटाले में इतनी बड़ी मात्रा में क्रिप्टो असेट्स जब्त की गई है। ED का यह कदम न केवल आर्थिक अपराधों पर सख्ती का संकेत है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अब मनी लॉन्ड्रिंग के नए रास्ते डिजिटल वर्ल्ड तक फैल चुके हैं।
Source - यह इमेज ED की X Post से ली गई है।
ED की छापेमारी, गोवा से दिल्ली तक फैला नेटवर्क
Enforcement Directorate ने अपनी कार्रवाई Prevention of Money Laundering Act (PMLA), 2002 के तहत की। इस ऑपरेशन में एजेंसी ने Umar Zahoor Shah, Neeraj Sharma और Rajesh Kumar के ठिकानों पर तलाशी ली, ये सभी कथित रूप से कंपनियों Ms Thinking of You और Purple Martini Entertainment से जुड़े हुए हैं।
इन स्थानों से ED को कई Crypto Wallets, फर्जी एग्रीमेंट्स और डिजिटल रिकॉर्ड्स मिले, जो कथित तौर पर जमीन खरीद-फरोख्त में निवेश किए गए काले धन से जुड़े हैं। इन वॉलेट्स में रखी गई लगभग 1.5 लाख USDT वैल्यू की क्रिप्टोकरेंसी को फ्रीज़ कर दिया गया।
जांच एजेंसी के मुताबिक, संदिग्धों ने गोवा की Anjuna Comunidade की जमीनों को फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर हड़पने की साजिश रची थी। उन्होंने जाली कागज़ों के सहारे सरकारी अधिकारियों को भ्रमित कर भूमि का म्यूटेशन अपने नाम कराया और फिर उसे तीसरे पक्ष को बेचकर भारी रकम जुटाई। यही रकम कथित रूप से क्रिप्टो में इनवेस्ट की गई थी ताकि पैसे के ट्रैक को छिपाया जा सके।
Goa Land Scam, नकली दस्तावेज़ों से करोड़ों की जमीन हड़पी गई
Goa Land Scam का यह मामला अगस्त में तब सुर्खियों में आया था जब ED ने Shivshankar Mayekar नामक व्यक्ति और उसके साथियों के खिलाफ जांच शुरू की। एजेंसी ने पाया कि इन लोगों ने अपने रिश्तेदारों और दोस्तों के नाम पर जमीनें हड़पकर, उन्हें Anjuna और Assagao जैसे प्रीमियम पर्यटन इलाकों में बेचा।
बाद में, जांच में सामने आया कि इन संपत्तियों का मूल्य कई करोड़ रुपये में था। Mayekar को 1 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था। अब हालिया छापेमारी में ED को MoU, लीज़ एग्रीमेंट्स और अन्य दस्तावेज मिले हैं जो जमीन हड़पने और मनी ट्रांसफर से जुड़ी गतिविधियों को दर्शाते हैं।
ED के बयान के मुताबिक, “जांच में सामने आया है कि कई आरोपी व्यक्तियों ने फर्जी कंपनियों और क्रिप्टो ट्रांज़ैक्शन के जरिए अवैध संपत्तियों को छिपाने की कोशिश की थी।” यह घटनाक्रम यह भी दिखाता है कि Goa Land Scam केवल एक लोकल रियल एस्टेट फ्रॉड नहीं, बल्कि एक इंटर-स्टेट और डिजिटल फाइनेंस क्राइम नेटवर्क का हिस्सा बन चुका है।
क्रिप्टो का इस्तेमाल, मनी लॉन्ड्रिंग का नया रास्ता
इस मामले का सबसे दिलचस्प पहलू यह है कि इसमें क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल हुआ है। जहां पहले मनी लॉन्ड्रिंग के लिए नकदी या फर्जी बैंक ट्रांज़ैक्शन का सहारा लिया जाता था, अब अपराधी USDT और अन्य डिजिटल टोकन का उपयोग कर रहे हैं।
क्रिप्टो लेनदेन ब्लॉकचेन पर रिकॉर्ड होते हैं, ऐसे में उनकी वास्तविक पहचान छिपाने की टेक्नोलॉजी ने जांच एजेंसियों के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। यही कारण है कि ED अब अपने डिजिटल ट्रेसिंग टूल्स को अपग्रेड कर रही है ताकि इस तरह के फाइनेंशियल क्राइम्स का पता लगाया जा सके।
यह मामला इस बात का उदाहरण है कि किस तरह Goa Land Scam जैसे ट्रेडिशनल फ्रॉड के मामलों में अब आधुनिक तकनीक और डिजिटल मुद्रा का इस्तेमाल अपराध छिपाने के लिए किया जा रहा है।
Goa Land Scam एक चेतावनी है
मेरे अनुसार, Goa Land Scam सिर्फ एक कानूनी केस नहीं, बल्कि यह देश की डिजिटल फाइनेंस मॉनिटरिंग सिस्टम के लिए एक गंभीर चेतावनी है। जब पारंपरिक अपराध क्रिप्टोकरेंसी जैसे आधुनिक साधनों के साथ जुड़ जाते हैं, तो जांच एजेंसियों को और भी परिष्कृत दृष्टिकोण अपनाना पड़ता है।
यह जरूरी है कि सरकार और रेगुलेटरी बॉडीज़ क्रिप्टो ट्रांज़ैक्शन की ट्रांसपेरेंसी बढ़ाने पर ध्यान दें। अगर ऐसे मामलों पर समय रहते कंट्रोल नहीं किया गया, तो भविष्य में रियल एस्टेट, मनी लॉन्ड्रिंग और क्रिप्टो स्कैम्स का कॉम्बिनेशन भारत की फाइनेंस स्टेबिलिटी के लिए बड़ा खतरा बन सकता है।
कन्क्लूजन
ED की हालिया कार्रवाई ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि अब अपराध केवल जमीन या नकदी तक सीमित नहीं हैं, बल्कि उनका विस्तार डिजिटल असेट्स तक हो गया है। Goa Land Scam की जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, वैसे-वैसे नए नाम और कंपनियां सामने आ रही हैं।
अभी यह कहना जल्दबाज़ी होगी कि यह पूरा नेटवर्क कितना बड़ा है, लेकिन यह साफ है कि यह मामला भारत में क्रिप्टो और रियल एस्टेट फ्रॉड के संगम का सबसे बड़ा उदाहरण बनकर उभर रहा है।
आने वाले हफ्तों में ED की रिपोर्ट्स यह तय करेंगी कि इस घोटाले का असली मास्टरमाइंड कौन है, लेकिन एक बात तय है, Goa Land Scam ने भारत की एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग व्यवस्था की सबसे बड़ी परीक्षा शुरू कर दी है।