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DeepSeek की एंट्री के बाद SC ने की AI रेगुलेशन की मांग

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट Dinesh Jotwani ने भारत सरकार से Artificial Intelligence के क्षेत्र में स्ट्रिक्ट पॉलिसी बनाने की अपील की है, खासकर जब से चीनी AI स्टार्टअप DeepSeek AI ने अमेरिकन टेक दिग्गजों जैसे OpenAI और Google को चैलेंज देना शुरू किया है। जोतवानी का कहना है कि AI में भारत के कॉम्पीटिशन को बनाए रखने के लिए जरूरी है कि सरकार इस क्षेत्र में इन्वेस्टमेंट बढ़ाए, अफोर्डेबल सॉल्यूशन डेवलप करे और डेटा सेफ्टी, प्राइवेसी और रिस्पांसिबिलिटी से जुड़े स्ट्रांग रूल्स बनाएं।

DeepSeek, अफोर्डेबल AI का नया आयाम

DeepSeek एक चीनी AI स्टार्टअप है, जिसने अपने एडवांस्ड AI मॉडल के जरिए भारतीय टेक इंडस्ट्री और क्रिप्टोकरेंसी के क्षेत्र में हलचल मचा दी है। इसने ओपन-सोर्स टेक्नोलॉजी और सस्ते Chips का इस्तेमाल करते हुए अपने AI सिस्टम को सिर्फ $6 मिलियन में तैयार किया, जो OpenAI के O1 मॉडल की तुलना में केवल 2% प्राइस पर उपलब्ध है। यह मॉडल अफोर्डेबल रेट्स पर उपलब्ध होने के कारण भारतीय मार्केट में तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और भारत जैसे डेवलपिंग देशों के लिए इसे अपनाना काफी आसान हो गया है।

AI में इन्वेस्टमेंट और स्ट्रांग लॉ की है आवश्यकता

Dinesh Jotwani ने चेतावनी दी है कि DeepSeek जैसे मॉडल भारत के लिए एक मौका तो हैं, लेकिन अगर भारत ने AI को रेगुलेट नहीं किया और जरूरी लीगल फ्रेमवर्क नहीं तैयार किया, तो यह देश को पीछे छोड़ सकता है। उन्होंने कहा, “भारत को एक स्ट्रांग और ओवरआल AI रेगुलेशन की आवश्यकता है, जो डेटा सेफ्टी, प्राइवेसी और इंटेलेक्चुअल प्रॉपर्टीज के राइट्स को सही तरीके से सुनिश्चित करें।” जोतवानी ने यह भी कहा कि भारत को AI में रिसर्च और डेवलपमेंट में इन्वेस्टमेंट बढ़ाना होगा, ताकि वह इस तेजी से बदलते क्षेत्र में सबसे आगे रहे।

इसके साथ ही उन्होंने भारतीय सरकार से इंटरनेशनल बॉडीज के साथ कोलैबोरेशन बढ़ाने और AI मॉडल को स्ट्रांग ट्रेड सीक्रेट लॉ के तहत सेफ्टी देने की डिमांड की है। उनका कहना था कि AI से जुड़ी पॉलिसी और सेफ्टी के मुद्दे पर सरकार को जल्द डिसीजन लेना चाहिए, ताकि भारत इस क्षेत्र में पीछे न रहे।

हालांकि, इस दिशा में इलेक्ट्रॉनिक्स और इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री द्वारा कुछ सिफारिशें की गई हैं, लेकिन अब तक सरकार ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। AI को लेकर बनी “ट्रेड सीक्रेट प्रोटेक्शन बिल” भी आज तक एक पेंडिंग प्रपोज़ल बना हुआ है। अब समय आ गया है कि भारत सरकार इन चैलेंजेस का सही सॉल्यूशन निकाले और AI के फ्यूचर को सुरक्षित और समृद्ध बनाए।

कन्क्लूजन 

भारत के लिए Artificial Intelligence के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए अब केवल टेक्निकल डेवलपमेंट ही नहीं, बल्कि एक स्ट्रांग लॉ और रेगुलेटरी फ्रेमवर्क की भी आवश्यकता है। यदि सरकार जल्द ही स्ट्रांग और प्रभावी कदम नहीं उठाती, तो भारत के लिए AI की दौड़ में पीछे रह जाने का खतरा बढ़ सकता है। देश को न केवल अपनी टेक्निकल पॉवर को बढ़ाना होगा, बल्कि इसके साथ ही डेटा सेफ्टी और प्राइवेसी जैसे सेंसेटिव मुद्दों पर भी ख़ास ध्यान देना होगा। AI में इन्वेस्टमेंट, स्ट्रांग रेगुलेशन और ग्लोबल कोलैबोरेशन से ही भारत इस क्षेत्र में अपनी लीडिंग पोजीशन बनाए रख सकता है।

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