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Libra Scandal में US Court का बड़ा आदेश, $57.65 M किए फ्रीज़  

क्रिप्टोकरेंसी इन्वेस्टर्स के लिए एक राहत भरी खबर तब सामने आई है, हाल ही में Libra Scandal से जुड़े मामले पर कार्यवाही करते हुए USA के एक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने इस Scandal से जुड़े करीब $57.65 मिलियन फंड को अस्थायी रूप से फ्रीज करने दिया है। इस बारे में ब्लॉकचेन एनालिस्ट और इंटेलिजेंस कंपनी Arkham द्वारा X पोस्ट पर दी गयी जानकारी में बताया गया कि फ्रीज़ की गयी यह राशि दो Solana Wallets में मौजूद थी जिसे Circle Platform पर होल्ड किया गया था। अदालत ने यह आदेश Burwick Law की याचिका पर दिया, जो इस स्कैंडल के पीड़ित इन्वेस्टर्स की ओर से इस मामले की पैरवी कर रहे हैं।   

Libra Scandal

यह फैसला 28 मई को Southern District of New York (SDNY) कोर्ट द्वारा दिया गया। अदालत ने कहा कि 9 जून को अगली सुनवाई में तय होगा कि ये फंड्स आगे भी फ्रीज रहेंगे या नहीं। यह कार्रवाई ऐसे समय पर हुई है जब इस घोटाले में शामिल कई कंपनियों और व्यक्तियों पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। आरोप है कि इन लोगों ने LIBRA Memecoin का उपयोग करके इन्वेस्टर्स को गुमराह किया और $100 मिलियन से ज्यादा की ठगी की।

क्या था LIBRA Scandal?

LIBRA एक Memecoin है जिसे कुछ प्रमोटर्स ने एक ऐसे डिजिटल प्रोजेक्ट के रूप में पेश किया, जो अर्जेंटीना के छोटे बिज़नेस और इनोवेटिव प्रोजेक्ट्स में इन्वेस्टमेंट के टूल के रूप में उपयोग किया जाने वाला था। इस कॉइन को अर्जेंटीना के राष्ट्रपति Javier Milei ने भी अपने सोशल मीडिया हैंडल X पर शेयर किया, जिससे लोगों में इसको लेकर उत्साह और भरोसा बढ़ा और इसकी वैल्यू में अचानक जबरदस्त तेजी देखी गयी। हालांकि Javier Milei ने Libra से जुड़ी पोस्ट कुछ ही देर में हटा दी और इसके बाद कुछ घंटों में ही इस टोकन की कीमत 94% तक गिर गई। रिपोर्ट्स के अनुसार, Libra Scandal में 15,000 से अधिक वॉलेट्स को $1,000 या उससे अधिक का नुकसान हुआ, जबकि कुल नुकसान $251 मिलियन से अधिक आंका गया था।

इस स्कैंडल का इम्पैक्ट केवल इकोनोमिक नहीं रहा, बल्कि अर्जेंटीना के प्रेसिडेंट के इन्वोल्वमेंट के कारण इसने राजनीतिक रूप भी ले लिया। यहाँ तक की President Milei द्वारा किए गए प्रमोशन की वजह से विपक्ष ने उनकी इंपीचमेंट तक की मांग कर दी। हालांकि यह मांग ज्यादा आगे नहीं बढ़ी, लेकिन जनता का उनमें भरोसा ज़रूर डगमगाया।

Libra Scandal की जांच की स्थिति

जब इस स्कैंडल में राष्ट्रपति का नाम उछला, तो अर्जेंटीना की राजनीति में हड़कंप मच गया। जिसके बाद फरवरी 2025 में अर्जेंटीना सरकार ने Unit of Taskforce Investigation (UTI) नाम से स्पेशल इन्वेस्टीगेशन कमिटी बनाई। इस टास्क फोर्स द्वारा LIBRA Scandal की हाई लेवल जांच शुरू की गयी।

लेकिन हैरानी की बात यह रही कि मई 2025 में President Javier Milei और Justice Minister Mariano Cúneo Libarona ने एक डिक्री जारी करके अचानक इस टास्क फोर्स को भंग कर दिया और Libra Scandal की जांच अचानक बंद कर दी गयी। सरकार का कहना था कि टीम ने अपना काम पूरा कर लिया है, जबकि विपक्ष ने आरोप लगाया कि यह फैसला सच को दबाने के लिए लिया गया है।

इस सब के बावजूद अमेरिकी कोर्ट के इस फैसले ने Libra Scandal से प्रभावित इन्वेस्टर्स के मन में आशा की एक नयी किरण जगाई है।   

लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों की क्रिप्टो क्राइम पर बढ़ती हुई सख्ती

दुनिया भर में क्रिप्टोकरेंसी के एडॉप्शन के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन इस तरह के स्कैंडल और स्कैम इन्वेस्टर्स के मन में दुविधा पैदा करते हैं। ऐसे में अमेरिकी कोर्ट द्वारा Libra Scandal से जुड़े USDC फंड्स को फ्रीज करना यह संकेत देता है कि अब दुनिया भर की कानून प्रवर्तन एजेंसियां क्रिप्टो स्कैम्स के खिलाफ और ज्यादा एक्टिव हो रही हैं। पहले जहां इस तरह के मामलों में इन्वेस्टर हाथ मलते रह जाते थे, अब कानूनी कार्रवाई जल्दी और मजबूत तरीके से हो रही है। चाहे Bybit Hack से जुड़े 38 मिलियन डॉलर को Germany द्वारा रिकवर किया गया हो या OG Bitcoiner के वॉलेट से चोरी किए गए फण्ड को ZachXBT द्वारा फ्रीज किया गया हो, इस तरह की हर सकारात्मक कार्यवाही क्रिप्टो इन्वेस्टर्स के विश्वास को और बढ़ा रही है।     

इस तरह के मामलों से यह बात साफ होती है कि यदि सरकार के सभी अंग मिलकर एक्शन ले, तो क्रिप्टो सेक्टर से जुड़ी इस तरह की बड़ी समस्याओं से निपटा जा सकता है। हालांकि LIBRA Scandal जैसे स्कैम्स से बचाव तभी संभव है जब क्रिप्टोकरेंसी को लेकर स्पष्ट रेगुलेशंस हों, ट्रांजैक्शन्स का रिकॉर्ड ट्रांसपेरेंट हो और जांच एजेंसियां क्रिप्टो और ब्लॉकचेन से जुड़ी तकनीकी विशेषज्ञता रखती हो।

जिस तेजी से क्रिप्टो एडॉप्शन बढ़ रहा है सरकारों, प्राइवेट इन्वेस्टीगेशन फर्म्स, लॉ एन्फोर्समेंट एजेंसियों को साथ आकर इस तरह के मामलों में तेजी से कार्यवाही करने की आवश्यकता भी स्पष्ट रूप से महसूस की जा रही है। अगर ऐसा होता है  तो आने वाले समय में क्रिप्टोकरेंसी एक सेफ इन्वेस्टमेंट एसेट और एक रेगुलेटेड कमोडिटी के रूप में और अधिक कैपिटल आकर्षित कर सकती है, जिससे ग्लोबल लेवल पर क्रिप्टो का इकोसिस्टम भी मजबूत होगा।

कन्क्लूज़न

LIBRA Scandal के मामले में हुई इस कार्यवाही ने यह साबित किया है कि अब क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अपराधों पर विश्व भर का जस्टिस सिस्टम भी मजबूती से कदम उठा रहा है। इसके साथ ही यह विश्वास भी धीरे धीरे निवेशकों के बीच मजबूत होता जा रहा है कि अब इस तरह के ग्लोबल अपराधों पर भी सख्त कार्यवाही संभव है।  

हालांकि क्रिप्टो को लेकर स्पष्ट कानून, मजबूत रेगुलेशन और तकनीकी रूप से सक्षम लॉ इन्फोर्समेंट एजेंसियां बेहद जरूरी हैं। इसके साथ ही प्राइवेट एजेंसियों की बढ़ती भूमिका को भी नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता, अतः जरुरी है की क्रिप्टो क्राइम को लेकर पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप का एक सिस्टम विकसित किया जाए।   

Ronak GhatiyaRonak Ghatiya
Ronak Ghatiya
Hindi Content Writer
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