Binance Token Delisting, FLM, KDA और PERP पर गिरी गाज
Binance प्लेटफ़ॉर्म से FLM, KDA और PERP हुए डिलिस्ट
क्रिप्टो दुनिया में हलचल तब मच गई जब Binance ने अपने प्लेटफ़ॉर्म से तीन प्रमुख टोकन, Flamingo (FLM), Kadena (KDA), और Perpetual Protocol (PERP) को डीलिस्ट करने का ऐलान किया। एक्सचेंज ने कहा कि यह निर्णय उसके नियमित एसेट रिव्यू प्रोसेस के बाद लिया गया है, जिसमें यह जांच की जाती है कि कौन से डिजिटल एसेट्स अब भी हाई स्टैंडर्ड और इंडस्ट्री आवश्यकताओं पर खरे उतरते हैं। बाइनेंस का यह कदम पूरे मार्केट में हलचल पैदा कर रहा है क्योंकि कई निवेशक इन टोकनों में एक्टिव थे।

Source - यह इमेज Binance की X Post से ली गई है।
Binance Token Delisting का कारण क्या है?
दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज ने अपने आधिकारिक बयान में स्पष्ट किया है कि हर टोकन को लिस्टेड रहने के लिए कुछ मानकों पर खरा उतरना आवश्यक होता है। इन मानकों में प्रोजेक्ट टीम की प्रतिबद्धता, डेवलपमेंट एक्टिविटी की क्वालिटी, ट्रेडिंग वॉल्यूम, नेटवर्क सिक्योरिटी और ट्रांसपेरेंसी शामिल हैं।
कंपनी ने कहा, “जब कोई टोकन इन मानकों को पूरा नहीं करता या इंडस्ट्री लैंडस्केप बदलता है, तो हम विस्तृत समीक्षा करते हैं और आवश्यक होने पर डीलिस्टिंग का निर्णय लेते हैं।”
बाइनेंस की Token Delisting का सबसे बड़ा कारण बताया गया है कि FLM, KDA और PERP हालिया रिव्यू में इन मानकों पर पूरी तरह खरे नहीं उतरे। इसके अलावा, बाइनेंस ने यह भी बताया कि टीम रिस्पॉन्सिवनेस और कम्युनिटी एंगेजमेंट में भी गिरावट देखी गई थी।
कब और कैसे हटाए जाएंगे ये टोकन?
क्रिप्टो एक्सचेंज ने अपनी टाइमलाइन भी स्पष्ट कर दी है।
- 11 नवंबर 2025, 03:00 (UTC) से इन तीनों टोकनों के स्पॉट ट्रेडिंग पेयर्स को बंद कर दिया जाएगा।
- 12 नवंबर 2025 से इन टोकनों के सभी ट्रेडिंग ऑर्डर और बॉट्स ऑटोमैटिकली हटा दिए जाएंगे।
- 13 नवंबर के बाद इन टोकनों की डिपॉज़िट स्वीकार नहीं की जाएगी, और
- 12 जनवरी 2026 के बाद इनकी विड्रॉल सुविधा भी बंद कर दी जाएगी।
Binance Token Delisting के बाद यूजर्स केवल अपने मौजूदा बैलेंस को देख पाएंगे, लेकिन नए लेनदेन नहीं कर सकेंगे। बाइनेंस ने यह भी बताया कि अगर ज़रूरत पड़ी तो इन टोकनों को Stablecoins में कन्वर्ट करने का विकल्प बाद में दिया जा सकता है।
Token Delisting का प्रभाव मार्केट पर
क्रिप्टो एक्सचेंज पर किसी टोकन की डीलिस्टिंग अक्सर उसके मार्केट प्राइस पर निगेटिव इम्पैक्ट डालती है। जैसे ही बाइनेंस ने यह घोषणा की, Flamingo, Kadena और PERP तीनों टोकनों में गिरावट देखी गई।
एनालिस्ट्स का मानना है कि बाइनेंस की Token Delisting का सीधा असर इन प्रोजेक्ट्स की कम्युनिटी पर पड़ेगा। जहाँ निवेशकों में भरोसा कम हो सकता है, खासकर तब जब ये टोकन Binance जैसे प्रमुख प्लेटफ़ॉर्म से हटाए जा रहे हैं।
हालांकि बाइनेंस ने स्पष्ट किया है कि यह निर्णय किसी “सिक्योरिटी थ्रेट” के कारण नहीं, बल्कि क्वालिटी स्टैंडर्ड्स और लिक्विडिटी पैरामीटर्स पर आधारित है।
यूज़र्स को क्या कदम उठाने चाहिए?
बाइनेंस ने अपने सभी उपयोगकर्ताओं को सलाह दी है कि वे तुरंत कार्रवाई करें:
- अपने ट्रेडिंग बॉट्स और स्पॉट ऑर्डर कैंसल करें।
- Simple Earn, Margin Trading, Dual Investment और Loan Services से जुड़े इन टोकनों को पहले से रिडीम कर लें।
- जो यूज़र्स Margin Accounts में इन टोकनों को होल्ड कर रहे हैं, उन्हें इन्हें Spot Wallets में ट्रांसफर करने की सलाह दी गई है।
Binance Token Delisting के दौरान अगर किसी यूज़र के पास लंबित लोन या ओपन पोज़िशन होगी, तो प्लेटफ़ॉर्म उन्हें ऑटो-क्लोज कर सकता है। Binance ने यह भी स्पष्ट किया कि डीलिस्टिंग के दौरान किसी भी नुकसान के लिए वह ज़िम्मेदार नहीं होगा।
Binance की ट्रांसपेरेंसी और सिक्योरिटी पॉलिसी
बाइनेंस का कहना है कि उसकी प्राथमिकता यूज़र्स की सिक्योरिटी और ट्रांसपेरेंसी बनाए रखना है। एक्सचेंज लगातार उन प्रोजेक्ट्स को हटाने का निर्णय लेता है जो उसकी एथिकल और टेक्निकल गाइडलाइन्स का पालन नहीं करते।
कंपनी ने कहा, “हम यूज़र्स को हाई लेवल की सुरक्षा और सेवाएं देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इंडस्ट्री के विकास के साथ हम अपने मानकों को भी लगातार अपडेट करते रहेंगे।”
इससे साफ है कि बाइनेंस की Token Delisting सिर्फ टेक्नीकल या मार्केट कारणों पर आधारित नहीं है, बल्कि यह उसके लंबे समय तक चलने वाले सस्टेनेबल ग्रोथ मॉडल का हिस्सा है।
मार्केट की हेल्थ के लिए ज़रूरी डिलिस्टिंग का कदम
अपने 13 सालों के बतौर डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर राइटर के तौर पर काम करने के अनुभव से कहूँ तो, मेरे अनुसार Binance का यह कदम मार्केट की हेल्थ के लिए ज़रूरी है। क्रिप्टो दुनिया में सैकड़ों टोकन आते-जाते रहते हैं, लेकिन हर प्रोजेक्ट उतना भरोसेमंद नहीं होता। अगर किसी एक्सचेंज को अपनी विश्वसनीयता और यूज़र सेफ्टी बनाए रखनी है, तो उसे समय-समय पर ऐसे निर्णय लेने ही पड़ते हैं। हालांकि, यह भी ज़रूरी है कि बाइनेंस जैसे दिग्गज प्लेटफ़ॉर्म्स इन प्रोजेक्ट्स को पहले से चेतावनी दें ताकि निवेशक तैयार रह सकें।
कन्क्लूजन
बाइनेंस की Token Delisting से यह स्पष्ट संदेश जाता है कि अब एक्सचेंज किसी भी प्रोजेक्ट के प्रति लचीला रवैया नहीं अपनाएगा। जो टोकन ट्रांसपेरेंसी, डेवलपमेंट और कम्युनिटी सपोर्ट में कमी दिखाएंगे, उन्हें बाइनेंस से हटाया जा सकता है। Flamingo, Kadena और PERP की डीलिस्टिंग यह दिखाती है कि क्रिप्टो मार्केट अब और भी परिपक्व हो रहा है, जहाँ गुणवत्ता वाले प्रोजेक्ट्स ही टिक पाएंगे।
