Seized Assets Management के लिए ED ने CoinDCX से की साझेदारी
भारत में क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े अपराधों में वृद्धि को देखते हुए, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक, CoinDCX के साथ साझेदारी की है। इस सहयोग का उद्देश्य Seized Assets Management के लिए एक मजबूत और सुरक्षित तरीका सुनिश्चित करना है। ED और CoinDCX का यह कदम क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े फाइनेंशियल फ्रॉड और क्राइम्स से निपटने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
CoinDCX की सुरक्षा विशेषज्ञता
मुंबई में स्थित एक प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX भारत में 7 वर्षों से अधिक का अनुभव रखता है। इस साझेदारी के तहत, CoinDCX एक विशेष टीम नियुक्त करेगा, जो एडवांस्ड सिक्योरिटी प्रोटोकॉल से लैस होगी। इसके अलावा, कंपनी यह सुनिश्चित करेगी कि जब्त की गई असेट्स का स्टोरेज और मैनजमेंट सुरक्षित तरीके से हो, ताकि किसी भी प्रकार की धोखाधड़ी या हैकिंग से बचा जा सके। CoinDCX के अनुसार, वे मल्टी-सिग्नेचर और मल्टी-पार्टी कंप्यूटेशन (MPC) वॉलेट्स का उपयोग करेंगे।
Multi-Signature Wallets का अर्थ है कि Seized Assets को निकालने के लिए कई कीज की आवश्यकता होगी, जबकि Multi-party computation wallets में प्रत्येक डिवाइस पर प्राइवेट-कीज के अलग-अलग हिस्से होते हैं। इन सिक्योरिटी मेजर्स का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि एक ही पॉइंट पर फेल न हो, जिससे हैकिंग का जोखिम कम हो। इस प्रकार के सिक्योरिटी मेजर्स से फाइनेंशियल क्राइम्स की संभावना और क्रिप्टोकरेंसी की चोरी को काफी हद तक रोका जा सकेगा। अगर आप CoinDCX की सिक्योरिटी के साथ CoinDCX Account Opening Process को जानना चाहते हैं तो लिंक पर क्लिक करें
ED और CoinDCX के बीच सहयोग का उद्देश्य
यह साझेदारी उन बढ़ते हुए Crypto Scams को रोकने के लिए की गई है, जो हाल के वर्षों में भारतीय बाजार में देखे गए हैं। ED ने हाल ही में दिल्ली, जयपुर और मुंबई में एक बड़े पैमाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया था, जिसमें ₹600 करोड़ के क्रिप्टो फ्रॉड का पर्दाफाश हुआ था। इस ऑपरेशन के दौरान ED ने ₹2.18 करोड़ की संपत्ति जब्त की थी, जो स्कैम के मास्टरमाइंड, चिराग तोमर से प्राप्त हुई।
इस साझेदारी का उद्देश्य सिर्फ एक साथ मिलकर कार्रवाई करना नहीं है, बल्कि इसके माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी से जुड़े धोखाधड़ी के मामलों में निवेशकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना भी है। इस साझेदारी में CoinDCX के एक्सपीरियंस और टेक्निकल एक्सपर्टीज का लाभ उठाते हुए, ED अब जब्त की गई डिजिटल असेट्स को सुरक्षित रूप से स्टोर कर सकेगी, साथ ही कानूनी आवश्यकताओं का पालन भी सुनिश्चित करेगी।
कन्क्लूजन
ED और CoinDCX के बीच यह साझेदारी एक महत्वपूर्ण कदम है, जो भारतीय क्रिप्टोकरेंसी मार्केट में ट्रांसपेरेंसी और सिक्योरिटी बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। हालांकि भारत में क्रिप्टोकरेंसी की लोकप्रियता और उसके साथ जुड़ी धोखाधड़ी बढ़ रही है, लेकिन इस साझेदारी से यह संकेत मिलता है कि सरकारी एजेंसियां और प्राइवेट सेक्टर मिलकर इस स्पेस में सुधार लाने की दिशा में काम कर रहे हैं। यह कदम क्रिप्टो निवेशकों के लिए उम्मीद का कारण बन सकता है, क्योंकि अब उन्हें अपनी असेट्स की सिक्योरिटी के लिए एक स्ट्रांग और टेक्नोलॉजिकल एडवांस स्ट्रक्चर मिल रहा है।