भारत में Crypto Investment किन किन तरीकों से किया जा सकता है?
जानिए कैसे करें क्रिप्टोकरेंसी में सेफ इन्वेस्टमेंट
Chainalysis की हाल ही में आई रिपोर्ट के अनुसार, भारत दुनिया भर में क्रिप्टो एडॉप्शन में नंबर 1 बन गया है। वही दूसरी और Crypto Exchange MEXC की 2025 में आई रिपोर्ट के अनुसार, एशिया में सबसे ज्यादा क्रिप्टो फ्रॉड या स्केम भारत में होते हैं। भारत में क्रिप्टोकरेंसी रेगुलेशन से जुड़ा कोई क़ानून नहीं है न ही कोई डेडिकेटेड इंस्टीट्यूशन बनाया गया है, जिसके कारण इन्वेस्टर यह समझ नहीं पाते कि क्रिप्टो ट्रेडिंग का सही तरीका और प्लेटफार्म कौन से हैं।
आज हम इस ब्लॉग में इसी सम्बन्ध में चर्चा करेंगे कि किस तरह से आप भारत में सेफ और लीगल तरीके क्रिप्टो में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
How to Invest in Crypto in India, क्या है सेफ तरीका
भारत में Digital Asstes की ट्रेडिंग और इन्वेटमेंट के बहुत से ऑप्शन अवेलेबल हैं, जिनके बारे में हम आगे बात करेंगे। लेकिन उससे पहले इन्वेस्टर्स के लिए यह जानना जरुरी है कि क्रिप्टो मार्केट बहुत वोलेटाइल है और इन्वेस्टमेंट से पहले आपको अपनी रिसर्च जरुर करना चाहिए। आइये अब उन तरीकों को जानते हैं, जिनके द्वारा आप भारत में क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग और इन्वेटमेंट कर सकते हैं,
भारत में क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट मुख्यतः तीन तरीकों से किया जा सकता है,
- Centralized Exchange का उपयोग करके
- Decentralized Exchange का उपयोग करके
- Foreign Investment Instrument जैसे Bitcoin या Ethereum ETF के द्वारा
आइये अब इन तीनों इन्वेटमेंट के तरीकों के बारे में संक्षेप में समझते हैं,
Centralized Exchange
यह ऐसे सर्विस प्रोवाइडर होते हैं, जिन पर आप नार्मल अकाउंट बनाकर इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग कर सकते हैं। इसमें आपके Digital Assets की कस्टडी प्लेटफार्म के पास होती है, आपको न वॉलेट बनाने की झन्झट होती है न ही Private Key संभालने जैसे काम्प्लेक्स काम करने पड़ते हैं। बिगिनर इन्वेस्टर के लिए Centralized Exchange बेस्ट ऑप्शन माने जाते हैं।
लाभ:
- Wallet या Private Key जैसी कॉम्प्लेक्सिटी से बचकर केवल इन्वेस्टिंग और ट्रेडिंग पर फोकस किया जा सकता है। बिगिनर यूज़र्स के लिए बेस्ट ऑप्शन।
- हर स्थिति में Customer Support अवेलेबल रहता है
- रेगुलेटर जैसे भारत में FIU के साथ मिलकर काम करते हैं, जिसके कारण आपको किसी तरह के रेगुलेटरी हर्डल को नहीं फेस करना पड़ता है।
लिमिटेशन:
- इसमें आपके डिजिटल एसेट्स की कस्टडी एक्सचेंज के पास होती है, एक्सचेंज में किसी भी तरह का सिक्योरिटी ब्रीच आपके एसेट्स को खतरे में डाल सकता है। उदाहरण के लिए WazirX Hack जैसी घटनाएँ, जिनका अब तक निवारण नहीं हुआ है।
- इसकी एक बड़ी लिमिटेशन यह है कि आपको ट्रेडिंग के लिए कम विकल्प मिलते हैं, केवल इन एक्सचेंज पर लिस्टेड टोकन को ही आप अपने पोर्टफोलियों में जोड़ सकते हैं।
क्रिप्टो स्पेस में अपने 6 वर्षों के अनुभव के आधार पर कह सकता हूँ कि अगर आप क्रिप्टोकरेंसी ट्रेडिंग में नए हैं और स्पॉट या फ्यूचर ट्रेडिंग में इंटरेस्ट रखते हैं तो आपके लिए Centralized Exchange का उपयोग करना सही होगा। लेकिन याद रहे केवल FIU रजिस्टर्ड CEX का ही उपयोग करें, गौरतलब है कि वर्तमान में 47 Crypto Exchange FIU के अंडर रजिस्टर्ड है।
लेकिन अगर आप हाई लेवरेज के साथ क्रिप्टो ट्रेडिंग पसंद करते हैं और सभी विकल्पों को एक्स्प्लोर करना चाहते हैं तो Decentralized Exchanges के बारे में जरुर जानना चाहिए।
Source: FIU Registered Crypto Exchange List की यह इमेज Indian Govt के Official Document से ली गयी है।
Decentralized Exchange
Decentralized Exchange ऐसे एक्सचेंज होते हैं, जो सीधे ऑन-चेन सेटलमेंट करते हैं और किसी सेन्ट्रल अथोरिटी पर डिपेंड नहीं रहते। इनकी खास बात यह होती है कि डिजिटल एसेट्स की कस्टडी इसमें आपके पास ही होती है। जिसके कारण इसमें हाई लेवल सिक्योरिटी मिलती है। हालांकि इसका यूज़र इंटरफ़ेस CEX के मुकाबले थोडा कठिन होता है लेकिन AsterDEX जैसे नए एक्सचेंज ने इसे आसान बनाया है। अगर आप सिक्योरिटी और हाई ट्रेडिंग ऑप्शन चाहते हैं तो DEX आपके लिए बेहतरीन विकल्प हैं।
लाभ:
- डिजिटल एसेट की कस्टडी आपके पास होती है, जिससे सिक्योरिटी रिस्क कम होता है।
- ट्रेडिंग के लिए ज्यादा विकल्प मिलते हैं, क्योंकि इसमें लिस्टिंग की जरुरत नहीं होती है। सिंपल लिक्विडिटी पूल का उपयोग करके ट्रेडिंग शुरू की जा सकती है।
- KYC की जरुरत नहीं होती है, जिसके कारण हाई लेवल प्राइवेसी मिलती है ।
लिमिटेशन:
- नए ट्रेडर्स के लिए यूजर इंटरफ़ेस मुश्किल होता है, इसके अलावा वॉलेट और सीड फ्रेज़ का उपयोग थोडा काम्प्लेक्स हो सकता है।
- ऑन चेन ट्रांज़ैक्शन होने के कारण कभी-कभी लेटेंसी और स्केलेबिलिटी की समस्या आती है, हालांकि Hyperliquid जैसे नए DEX 100,000+ TPS की स्पीड देते हैं।
- इसमें आपको किसी तरह का Customer Support अवेलेबल नहीं हो पाता है और आप पूरी तरह Discord या कम्युनिटी पर निर्भर होना होना पड़ता है।
- KYC न होने के कारण रेगुलेटरी अथोरिटी के साथ सामंजस्य बैठने की समस्या होती है।
क्रिप्टो स्पेस में अपने 6 वर्षों के अनुभव के आधार पर कह सकता हूँ कि अगर आप हाई लेवरेज, प्राइवेसी और इन्वेस्टमेंट के ज्यादा विकल्पों के साथ ट्रैड करना पसंद करते हैं तो आपको Decentralized Exchange को जरुर ट्राय करना चाहिए, लेकिन इसके साथ-साथ अपने वॉलेट की सुरक्षा का ध्यान रखना जरुरी है।
Crypto ETF का उपयोग करके
भारत में Crypto Investing के लिए CEX और DEX के अलावा तीसरा रास्ता Crypto ETF हैं, जो Bitcoin और Ethereum जैसे डिजिटल एसेट्स की प्राइस को ट्रैक करते हैं। हालांकि भारत में कोई लोकल Crypto ETF अवेलेबल नहीं है, लेकिन Liberalised Remittance Scheme के तहत आप इसमें इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। भारत में बहुत से प्लेटफार्म जैसे Angel One, Groww आदि International Account के माध्यम से US Crypto ETF तक एक्सेस देते हैं। जिनका उपयोग कर आप Bitcoin या Ethereum ETF में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
लाभ:
- किसी तरह का सिक्योरिटी रिस्क नहीं होता है, इंटरनेशनल स्टैण्डर्ड को फॉलो करने वाले इन्वेस्टमेंट फर्म आपके इन्वेस्टमेंट की सुरक्षा की गारंटी लेते हैं।
- रेगुलेटरी रिस्क नहीं होती है, क्योंकि इसमें आप किसी तरह का क्रिप्टो एसेट होल्ड नहीं करते हैं।
- वॉलेट या Private Key की सुरक्षा जैसी काम्प्लेक्स प्रोसेस को फॉलो नहीं करना पड़ता है।
लिमिटेशन:
- इन्वेस्टमेंट के लिए बहुत कम ऑप्शन अवेलेबल होते हैं, जैसे Bitcoin या Ethereum जैसे कुछ US SEC Approved ETF।
- हाई रिस्क-हाई प्रॉफिट एसेट्स में इन्वेस्टमेंट करना संभव नहीं है।
क्रिप्टो स्पेस में अपने 6 वर्षों के अनुभव के आधार पर कह सकता हूँ कि क्रिप्टो में इन्वेस्ट करने का सबसे सुरक्षित तरीका है, अगर आप केवल बड़े एसेट्स में इन्वेस्ट करना चाहते हैं तो Crypto Asset में इन्वेस्ट करना आपके लिए सबसे सही विकल्प है।
How to Invest in Crypto in India, कम्पलीट प्रोसेस
क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट से जुड़े इन तीनों तरह के प्लेटफार्म पर इन्वेस्टमेंट की प्रोसेस अलग-अलग होती है,
- CEX के लिए: किसी भी FIU Registered Crypto Exchange की वेबसाइट या एप्लीकेशन पर अकाउंट बना कर आप बैंक या क्रिप्टो वॉलेट के द्वारा हम एसेट डिपॉजिट कर सकते हैं। इस डिपॉजिट के साथ ही आप ट्रेडिंग करने में सक्षम हो जायेंगे।
- DEX के लिए: इस पर आपको ट्रेडिंग शुरू करने से पहले अपना Crypto Wallet इन्टीग्रेट करना होगा, इस इंटीग्रेशन के बाद आप किसी भी उपलब्ध ट्रेडिंग पेयर को चुन कर क्रिप्टो ट्रेडिंग कर सकते हैं।
- Crypto ETF के द्वारा: किसी ब्रोकरेज फर्म की वेबसाइट या एप्लीकेशन पर अकाउंट बनाकर आप इसे शुरू कर सकते हैं. इसके लिए आपको किसी तरह के वॉलेट या FIU कंप्लायंस का झंझट नहीं होता है।
क्रिप्टो ट्रेडिंग का तरीका बहुत आसान है, लेकिन इसमें वोलेटिलिटी बहुत हाई है, इन्वेस्टमेंट से पहले अपनी रिसर्च जरुर करें।
क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट प्लेटफार्म: Comparison Table
इन्वेस्टमेंट तरीका | लाभ (Pros) | सीमाएँ (Cons) | My Take |
Centralized Exchange (CEX) | Wallet या Private Key की झंझट नहीं Customer Support उपलब्ध FIU रेगुलेशन के तहत ऑपरेट करते हैं | कस्टडी Exchange के पास सिक्योरिटी ब्रीच का रिस्क (जैसे WazirX Hack) केवल लिस्टेड टोकन तक सीमित | Beginners के लिए बेस्ट, लेकिन केवल FIU रजिस्टर्ड CEX का उपयोग करें |
Decentralized Exchange (DEX) | कस्टडी यूज़र के पास (ज्यादा सिक्योरिटी) ज्यादा ट्रेडिंग विकल्प (Liquidity Pools) KYC की जरूरत नहीं, प्राइवेसी हाई | नया यूज़र इंटरफेस कठिन वॉलेट/सीड फ्रेज़ मैनेजमेंट जटिल ऑन-चेन स्केलेबिलिटी इश्यू - Customer Support नहीं | हाई लेवरेज, प्राइवेसी और ज्यादा विकल्प चाहने वालों के लिए बेहतर |
Crypto ETF | सिक्योरिटी रिस्क नहीं - रेगुलेटरी रिस्क नहीं (क्योंकि क्रिप्टो होल्ड नहीं करना)वॉलेट/Private Key की जरूरत नहीं | ऑप्शन बहुत लिमिटेड (Bitcoin, Ethereum जैसे बड़े एसेट्स) हाई रिस्क-हाई प्रॉफिट टोकन में इन्वेस्टमेंट संभव नहीं | सबसे सुरक्षित तरीका, बड़े एसेट्स में इन्वेस्ट करना चाहने वालों के लिए बेस्ट |
कन्क्लूज़न
भारत में क्रिप्टो इन्वेस्टमेंट के तीन मुख्य रास्ते हैं, Centralized Exchange, Decentralized Exchange और Crypto ETF। हर तरीका अपने फायदे और सीमाओं के साथ आता है। अगर आप बिगिनर हैं, तो FIU-रजिस्टर्ड Centralized Exchange आपके लिए सबसे आसान और सेफ विकल्प है। अगर आप एक्सपीरियंस्ड ट्रेडर हैं और प्राइवेसी, हाई लेवरेज या ज्यादा ट्रेडिंग विकल्प चाहते हैं, तो Decentralized Exchange बेहतर साबित होगा। वहीं, अगर आपका फोकस केवल लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टमेंट और बड़े एसेट्स (जैसे Bitcoin, Ethereum) पर है, तो Crypto ETF सबसे सुरक्षित और रेगुलेटरी-फ्रेंडली तरीका है।