भारत ने Binance की जांच की, पाकिस्तान क्रिप्टो लिंक का मामला
भारत सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी के पोटेंशियल मिसयूज को लेकर एक इम्पोर्टेन्ट स्टेप लिया है। हाल ही में भारत के इंटेलिजेंस और साइबर एजेंसियों ने Crypto Exchange Binance की भूमिका की जांच की है। जांच का फोकस पॉइंट पाकिस्तान से जुड़े इलीगल ट्रांजैक्शनों को लेकर है, जिनमें टेरर फंडिंग या इलीगल फाइनेंशियल नेटवर्क के ज़रिए फंड ट्रांसफर की आशंका जताई जा रही है।
जांच में पाया गया है कि कुछ डिजिटल वॉलेट्स के ज़रिए पाकिस्तान से भारत में ट्रांजैक्शन किए गए हैं। यह ट्रांजैक्शन रेगुलेटरी फ्रेमवर्क से बाहर थे और इनमें Know Your Customer या Anti-Money Laundering प्रोटोकॉल की कमी पाई गई।

Source – Crypto India X Post
जाने कैसे सामने आया मामला?
यह केस तब सामने आया जब भारतीय एजेंसियों ने एक सस्पिशिस फंड ट्रांसफर ट्रेल को ट्रैक किया, जो पाकिस्तान से शुरू होकर भारत में समाप्त हुआ। फंड ट्रैकिंग के दौरान यह पता चला कि इन ट्रांजैक्शन का माध्यम Binance Exchange था। कुछ टाइम से Binance भारत सरकार की नजर में है क्योंकि यह कई बार भारतीय रेगुलेशन को बाईपासिंग करता पाया गया है। फरवरी 2024 में भी भारत के Financial Intelligence Unit ने बईनेंस सहित कुछ अन्य ग्लोबल एक्सचेंजों को नोटिस भेजा था, जिसमें उनके संचालन को अनरजिस्टर्ड और सस्पिशिस बताया गया था।
भारत में Virtual Digital Asset ट्रांजैक्शन के लिए एक क्लियर टैक्स और कंप्लायंस फ्रेमवर्क है। ऐसे में जब कोई एक्सचेंज बिना लोकल रजिस्ट्रेशन या जांच के ऑपरेट करता है, तो वह नेशनल सिक्योरिटी के लिए खतरा बन सकता है।
Binance को चाहिए ट्रांसपेरेंसी और लोकल कंप्लायंस
Binance जैसी ग्लोबल कंपनी का इस तरह से जांच के घेरे में आना केवल एक रेगुलेटरी इशू नहीं है, यह ट्रस्ट और ट्रांसपेरेंसी से भी जुड़ा सवाल है। जब एक एक्सचेंज पर टेरर लिंक, फंड ट्रेल और पाकिस्तान जैसे सेंसिटिव देशों से जुड़े ट्रांजैक्शन का शक हो, तो उसे हल्के में नहीं लिया जा सकता।
Binance को न केवल भारतीय नियमों का पालन करना चाहिए, बल्कि उसे पब्लिक और अथॉरिटीज के साथ ओपन कम्युनिकेशन भी रखना चाहिए। ऐसे केसों में चुप्पी या स्लो रिस्पॉन्स कंपनी की क्रेडिट को और गिरा सकता है। भारत जैसे देश जहां क्रिप्टो रेगुलेशन डेवलप हो रहा है, वहां Binance जैसी बड़ी कंपनियों की रिस्पांसिबिलिटी और भी बढ़ जाती है।
क्या यह ग्लोबल ट्रेंड का हिस्सा है?
यह पहली बार नहीं है जब Binance को लेकर कोई देश अलर्ट हुआ है। अमेरिका, यूके, जापान और जर्मनी जैसी कई सरकारें Binance के खिलाफ कार्रवाई कर चुकी हैं। विशेष रूप से AML और KYC को लेकर कई बार Binance पर फाइन लगाया गया है या टेम्पररी फॉर्म में बैन किया गया है। हाल ही में अमेरिका में Binance के पूर्व CEO Changpeng Zhao को एक क्रिमिनल केस में दोषी पाया गया और कंपनी को हैवी फाइन देना पड़ा। इससे यह भी साफ हो गया कि, Binance को अब केवल टेक्नोलॉजिकल प्लेटफॉर्म नहीं, बल्कि एक रिस्पांसिबल फाइनेंशियल एंटिटी के फॉर्म में कार्य करना होगा।
भारत सरकार इस मुद्दे को लेकर सीरियस है और यह पॉसिबल है कि सभी विदेशी क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए रजिस्ट्रेशन और लोकल ऑफिस की इनएविटेबिलिटी लागू की जाए। इससे ना सिर्फ यूज़र्स की सिक्योरिटी बढ़ेगी, बल्कि क्रिप्टो सेक्टर को भी एक लीगल स्ट्रक्चर मिलेगा।
कन्क्लूजन
भारत की यह जांच इस ओर संकेत करती है कि अब देश अपनी डिजिटल बाउंड्रीज पर भी उतना ही अलर्ट है, जितना ज्योग्राफिकल बाउंड्रीज पर। Binance पर चल रही जांच से यह भी क्लियर होता है कि, ग्लोबल क्रिप्टो एक्सचेंज अब बिना अकाउंटेबिलिटी के भारत में ऑपरेट नहीं कर सकेंगे। अगर Binance भारत सरकार के साथ कोलैबोरेशन करता है, तो यह भारत में उसके फ्यूचर को स्टेबल बना सकता है। लेकिन अगर वही पुराना रुख जारी रहता है, तो न केवल बैन की पॉसिबिलिटीज बढ़ेगी, बल्कि यूज़र्स का भरोसा भी डगमगा सकता है। क्रिप्टो का फ्यूचर ट्रांसपेरेंसी, ट्रस्ट और टेक्नोलॉजी तीनों से जुड़ा है और Binance को अब इन तीनों मानकों पर खरा उतरना होगा।