
400 Indian Crypto Traders पर टैक्स चोरी के आरोप में जांच के आदेश
दुनिया के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज Binance से जुड़े हैं ये क्रिप्टो वॉलेट
Indian IT Department अब क्रिप्टोकरेंसी को टैक्स चोरी का माध्यम बनने से रोकने के लिए गंभीर हो चुका है। इसी क्रम में इसने 400 से ज्यादा Indian Crypto Traders की जाँच शुरू की है। इन पर दुनिया के सबसे बड़े Cryptocurrency Exchange Binance पर मौजूद डिजिटल एसेट्स की जानकारी छुपाने और कैपिटल गेन टैक्स से बचने के प्रयास का आरोप है।
Source: यह इमेज Bitinning की Official X Post से ली गयी है।
क्या है मामला
भारत में डायरेक्ट टैक्स से जुडी सर्वोच्च संस्था Central Board of Direct Tax (CBDT) ने 400 बड़े Indian Crypto Traders की जांच के आदेश दिए हैं। इन Indian Crypto Traders पर वर्ष 2022-23 और 2024-25 के बीच Binance पर अपने डिजिटल एसेट्स को छुपाने का आरोप है। ऐसा माना जा रहा है, इन्होनें इस ग़लतफ़हमी में कि Offshore Platform पर बिना IT Department की नज़रों में आये क्रिप्टोकरेंसी छुपाये जा सकते हैं, अपने एसेट डिसक्लोज नहीं किए।
CBDT ने 17 अक्टूबर तक इस जांच को पूरा करने के आदेश दिए हैं। जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह टैक्स चोरी कितनी बड़ी है।
IT Department की नज़र में कैसे आये ये Indian Crypto Traders
अब भारत में बिना Financial Intelligence Unit (FIU-IND) के साथ Registration के बिना किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज के लिए काम करना गैरकानूनी है। FIU Registered प्लेटफार्म को भारत सरकार के साथ मांगी गयी जानकारी शेयर करना जरुरी है।
चूँकि Binance अब भारत में "Reporting Entity with FIU" के रूप में रजिस्टर्ड है, इसलिए इस Offshore Exchange को भी मांगी गयी जानकारी शेयर करना जरुरी है। इसी क्रम में प्राप्त डाटा की प्रोसेसिंग के दौरान इन Indian Crypto Traders के वॉलेट की पहचान की गयी है।
जांच के बाद ही स्पष्ट होगा कि यह क्रिप्टो वॉलेट किससे जुड़े हैं।
FIU Compliance से नेशनल सिक्योरिटी और क्रिप्टो ट्रेडिंग के बीच बैलेंस
क्रिप्टोकरेंसी, Web3 और Metaverse जैसे उभरते हुए ट्रेंड्स के लिए फ्यूल की तरह है। इनका उपयोग डिजिटल वर्ल्ड में फ़िएट करेंसी की तरह किया जाता है। जैसे Sandbox जैसे Metaverse Game में वर्चुअल लैंड और वर्चुअल एसेट पर्चेस करने के लिए। इस तरह से यह सिर्फ ट्रेडिंग तक सीमित नहीं है, बल्कि फ्यूचर ट्रेंड्स के इंटीग्रल पार्ट की तरह है।
दूसरी और क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी में प्राइवेसी एक वैल्यू है। लेकिन इस प्राइवेसी और Anonymity का उपयोग आपराधिक तत्वों द्वारा आतंकवाद, टैक्स चोरी, हवाला जैसे गैरकानूनी कार्यों में भी किया जा सकता है। 22 अप्रैल 2025 को हुए पहलगाम अटैक में भी फण्ड ट्रान्सफर के लिए क्रिप्टोकरेंसी के उपयोग की बात सामने आई थी।
FIU और भारत की अन्य एजेंसियों द्वारा नियमों का पालन न करने वाले Indian Crypto Traders पर की जा रही यह कार्यवाही, OECD Crypto Reporting Framework को अपनाना आदि क्रिप्टोकरेंसी के इस आपराधिक दुरूपयोग को रोकने के लिए मजबूत प्रयास माने जा सकते हैं।
क्रिप्टो नहीं है अब ब्लाइंड स्पॉट
मैं पिछले 6 वर्षों से फाइनेंस और Cryptocurrency से रिलेटेड न्यूज़ कवर कर रहा हूँ, एक समय था जब क्रिप्टोकरेंसी को टैक्स से बचने और अघोषित संपत्ति छुपाने के साधन के रूप में देखा जाने लगा था। लेकिन Financial Intelligence Unit अब इसे लेकर सख्त हो चुकी है। हाल ही में इसके द्वारा नियमों का पालन न करने के कारण FIU ने 25 Offshore Crypto Exchanges पर बड़ी कार्यवाही की थी।
भारत सरकार की इन कड़ी कार्यवाहियों और टैक्स डिपार्टमेंट के प्रयासों से अब भारत में Cryptocurrency ब्लाइंड स्पॉट की तरह नहीं रह गया है।
कन्क्लूज़न
भारत सरकार का भले ही Cryptocurrency के रेगुलेशन को लेकर रुख स्पष्ट न हो लेकिन IT Department द्वारा की जा रही कार्यवाही से यह स्पष्ट है कि अब इसका दुरूपयोग संभव नहीं है।
भारत सरकार की डिजिटल एसेट्स को लेकर एक बड़ी चिंता इसका प्राइवेट और Anonymous Nature है। लेकिन अब स्पष्ट होता जा रहा है कि यदि सभी स्टेकहोल्डर्स साथ आये तो इसका गलत उपयोग रोका जाना संभव है।
लेकिन भारत द्वारा क्रिप्टो ट्रेडिंग पर लगाया गया भारी भरकम 30% टैक्स भी Indian Crypto Traders के द्वारा टैक्स चोरी का कारण बनता है। भारत सरकार को Cryptocurrency Tax Reduction पर भी विचार करना चाहिए।
Disclaimer: यह जानकारी केवल एजुकेशनल पर्पस से दी गयी है, क्रिप्टो मार्केट में निवेश से पहले अपनी रिसर्च जरुर करें।