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भारत के Web3 भविष्य पर Polygon और Anq टीम ने की PM एडवाइजर से मीटिंग

Polygon और Anq टीम ने डिजिटल एसेट्स पर PM एडवाइजर के साथ की मीटिंग

Polygon और Anq की संयुक्त टीम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के Economic Advisor Sanjeev Sanyal से मुलाकात की। इस चर्चा का मुख्य फोकस भारत की Digital स्ट्रेटेजी को मजबूत करना और Tokenization व Stablecoins जैसे उभरते मॉडल्स पर विचार करना था। यह बातचीत सरकार और इंडस्ट्री के बीच बढ़ते सहयोग का संकेत देती है। Polygon ग्लोबल ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट्स का अहम हिस्सा रहा है, जबकि Anq Finance स्थानीय डिजिटल सॉल्यूशन डेवलप कर रहा है। 

भारत के Web3 भविष्य पर Polygon और Anq टीम ने की PM एडवाइजर से मीटिंग

Source: यह इमेज Crypto India की X Post से ली गयी है। जिसकी लिंक यहां दी गई है। 

मीटिंग का मुख्य विषय, Tokenization का उपयोग

Meeting में Tokenization को भविष्य की बड़ी टेक्नोलॉजी के रूप में देखा गया। इसमें फाइनेंशियल और रियल एसेट्स को Digital रूप में बदलने की संभावनाओं पर जोर दिया गया। एनालिस्ट का मानना है कि इससे तेज, सिक्योर और ट्रांसपेरेंट ट्रांज़ैक्शन संभव होंगे। India जैसे बड़े मार्केट में यह मॉडल इकोनॉमिक डेवलपमेंट को तेज कर सकता है।

Stablecoins पर अहम बातचीत

Meeting में Stablecoins को आसान और फ़ास्ट Digital पेमेंट का एक अच्छा तरीका बताया गया। Polygon और Anq ने संजीव सान्याल को एक रिपोर्ट दी, जिसमें सुझाव था कि Stablecoins के लिए ऐसा सिस्टम बनाया जाए जो सुरक्षित हो और साफ नियमों पर काम करे, ताकि लोग इन्हें भरोसे से इस्तेमाल कर सकें।

भारत की बदलती क्रिप्टो पॉलिसी

चर्चा के दौरान भारत की मौजूदा क्रिप्टो पॉलिसी का भी मुद्दा उठा, जहाँ 30% टैक्स और TDS नियम यूज़र्स के लिए मुश्किलें बढ़ाते हैं। मीटिंग से संकेत मिला कि सरकार और इंडस्ट्री के बीच बातचीत बेहतर हो रही है, जिससे आगे चलकर नियम आसान हो सकते हैं। Polygon पहले से कई भारतीय प्रोजेक्ट्स में काम कर रहा है।

Tokenization के उपयोग और फायदे

मीटिंग में बताया गया कि Tokenization बैंकिंग, सप्लाई चेन, बीमा और सरकारी कामों में चीज़ों को आसान और ट्रांसपेरेंट बना सकता है। एनालिस्ट का कहना था कि सही सिस्टम बनने पर काम तेज़ और भरोसेमंद होंगे। Stablecoins को भी इस डिजिटल मॉडल का महत्वपूर्ण हिस्सा माना गया, जो ट्रांज़ैक्शन को सरल बना सकते हैं।

Web3 का भविष्य और संभावनाएँ

Polygon और Anq का मानना है कि भारत को Web3 के लिए सुरक्षित, सरल और यूज़र-फ़्रेंडली स्ट्रक्चर की जरूरत है। यदि नियम स्पष्ट हों, तो इस टेक्नोलॉजी का उपयोग तेजी से बढ़ सकता है। Tokenization और Stablecoins दोनों भारत के डिजिटल भविष्य के महत्वपूर्ण आधार माने जा रहे हैं।

नियमों में बदलाव और नए निवेश के अवसर

मीटिंग से यह भी संकेत मिला कि भारत जल्द ही डिजिटल एसेट्स से जुड़ी नई पॉलिसी तैयार कर सकता है। यदि ऐसा हुआ, तो इंटरनेशनल कंपनियाँ भारत में निवेश बढ़ा सकती हैं। इससे देश डिजिटल इनोवेशन में तेजी से आगे बढ़ सकता है और ब्लॉकचेन उपयोग को ग्लोबल लेवल पर मजबूत कर सकता है।

कन्क्लूजन 

यह मीटिंग दिखाती है कि भारत डिजिटल बदलाव की ओर तेजी से बढ़ रहा है। अगर देश में Tokenization को अपनाया जाता है, तो कई काम पहले से ज्यादा आसान और तेज़ हो सकते हैं। Stablecoins भी पेमेंट को ज्यादा सरल और मॉडर्न बना सकते हैं। अब आगे बनने वाली पॉलिसी तय करेंगी कि ये बदलाव कितनी जल्दी लोगों तक पहुंचते हैं, लेकिन शुरुआत उम्मीद देने वाली है।

About the Author Akansha Vyas

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

आकांक्षा व्यास एक स्किल्ड क्रिप्टो राइटर हैं, जिनके पास 7 वर्षों का अनुभव है और वे ब्लॉकचेन और Web3 के कॉम्पलेक्स टॉपिक्स को सरल और समझने योग्य बनाने में एक्सपर्ट हैं। वे डीप रिसर्च के साथ आर्टिकल्स, ब्लॉग और न्यूज़ लिखती हैं, जिनमें SEO पर विशेष ध्यान दिया जाता है ताकि रीडर्स का जुड़ाव बढ़ सके।

आकांक्षा की राइटिंग क्रिएटिव एक्सप्रेशन और एनालिटिकल अप्रोच का एक बेहतरीन मिश्रण है, जो रीडर्स को जटिल विषयों को स्पष्टता के साथ समझने में मदद करता है। क्रिप्टो स्पेस के प्रति उनकी गहरी रुचि उन्हें इस उद्योग में एक अच्छे राइटर के रूप में स्थापित कर रही है। अपने कंटेंट के माध्यम से, उनका उद्देश्य रीडर्स को क्रिप्टो की तेजी से बदलती दुनिया में गाइड करना है।

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दोनों टीमों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक सलाहकार संजीव सान्याल से मुलाकात की।
Tokenization और Stablecoins जैसे डिजिटल मॉडलों पर चर्चा मुख्य फोकस था।
वास्तविक और वित्तीय संपत्तियों को डिजिटल रूप में बदलने की प्रक्रिया को Tokenization कहते हैं।
क्योंकि Stablecoins तेज़, सरल और भरोसेमंद डिजिटल भुगतान को संभव बनाते हैं।
30% टैक्स और TDS नियम यूज़र्स और इंडस्ट्री दोनों के लिए मुश्किलें पैदा करते हैं।
बैंकिंग, सप्लाई चेन, बीमा और सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और गति बढ़ा सकता है।
Polygon कई भारतीय संस्थागत प्रोजेक्ट्स में तकनीकी समाधान प्रदान कर रहा है।
साफ नियम, सुरक्षित सिस्टम और यूज़र-फ्रेंडली ढांचा जरूरी है।
अंतरराष्ट्रीय निवेश बढ़ सकता है और डिजिटल अर्थव्यवस्था मजबूत हो सकती है।
हाँ, यह मीटिंग भारत में Web3 और डिजिटल एसेट्स के भविष्य को मजबूत संकेत देती है।