क्या India के Crypto Adoption का Telegram को मिला फायदा?
साल 2025 के पहले क्वार्टर में Telegram ने एक और बड़ी छलांग लगाई है। अब यह दुनिया का आठवां सबसे ज़्यादा डाउनलोड किया जाने वाला मोबाइल ऐप बन चुका है। Meta के प्रमुख ऐप्स जैसे Instagram, WhatsApp, Facebook और Threads के डाउनलोड्स में गिरावट आई है, जबकि Telegram ने तेजी से अपनी पकड़ मजबूत की है।
यह सफलता सिर्फ एक मोबाइल ऐप की नहीं, बल्कि एक डिजिटल रिवोल्यूशन का संकेत है, जिसकी जड़ें भारत में गहराई से फैली हुई हैं और जिसका सीधा संबंध Satoshi Nakamoto की क्रिप्टो विज़न से भी जुड़ता है। गौरतलब है कि हाल ही में जब से Satoshi Nakamoto 11th Richest Person बने, तब से उनके बारे में चर्चाएँ फिर तेज हो गई है।
Telegram की उड़ान और Meta की गिरावट
इस उपलब्धि का जश्न मनाते हुए Telegram के फाउंडर Pavel Durov ने X पर कहा था कि, “Meta ऐप्स डाउन हो रही हैं, जबकि Pavel Durov का प्लेटफ़ॉर्म ऊपर जा रहा है।” उन्होंने इसे “Meta इकोसिस्टम से दूरी” का प्रतीक बताया।
Instagram, जो कभी दुनिया का सबसे ज्यादा डाउनलोड किया जाने वाला ऐप था, अब TikTok के बाद दूसरे स्थान पर है। वहीं WhatsApp, Facebook और Threads ने भी रैंकिंग में गिरावट दर्ज की है। Telegram ने Snapchat और Threads को पछाड़ते हुए आठवां स्थान हासिल कर लिया है।
भारत में Crypto Revolution का केंद्र बना Telegram
Telegram की लोकप्रियता का एक बड़ा कारण है भारत में बढ़ती हुई क्रिप्टो एक्टिविटी। Chainalysis की Global Crypto Adoption Index के अनुसार, भारत लगातार दूसरे साल दुनिया का नंबर वन क्रिप्टो अडॉप्टर बना रहा है।
Pavel Durov का प्लेटफ़ॉर्म इस ग्रोथ में एक मुख्य भूमिका निभा रहा है। भारत में यह चौथा सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन चुका है। Q3 2023 में आधे से ज्यादा भारतीय सोशल मीडिया यूज़र्स ने इसे कम से कम एक बार इस्तेमाल किया था।
क्यों बना Telegram क्रिप्टो कम्युनिटी की पहली पसंद?
Pavel Durov का प्लेटफ़ॉर्म ने खुद को एक ऐसा प्लेटफ़ॉर्म साबित किया है जो Web3 और डिसेंट्रलाइज़ेशन को खुले तौर पर अपनाता है। दूसरी ओर WhatsApp और Facebook जैसे ऐप्स ने रेगुलेटरी प्रेशर के चलते क्रिप्टो से दूरी बना रखी है। Telegram के पास कई ऐसे फीचर्स हैं जो DeFi और NFT कम्युनिटीज़ के लिए परफेक्ट हैं:
- ओपन चैनल्स
- एन्क्रिप्टेड चैट्स
- बॉट्स के ज़रिए क्रिप्टो ट्रांजैक्शन
- बिना सेंसरशिप के कम्युनिकेशन
यह सब कुछ उस विज़न को प्रतिबिंबित करता है जिसे कभी Satoshi Nakamoto ने Bitcoin के माध्यम से दुनिया के सामने रखा था, जो एक ऐसा फाइनेंशियल फ्रेमवर्क जो सेंसरशिप-फ्री हो और लोगों को शक्ति दे।
भारतीय यूज़र्स और नए क्रिप्टो निवेशक
Chainalysis के Eric Jardine के अनुसार, “भारत में क्रिप्टो बैन और रेगुलेटरी चुनौतियों के बावजूद Pavel Durov के प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए नए यूज़र्स स्पेस में एंटर कर रहे हैं।” यह डेटा बताता है कि भारत में लोग क्रिप्टो को अपनाने के लिए उन रास्तों को चुन रहे हैं जो ट्रेडिशनल रूल्स से परे हैं और Telegram इसमें अग्रणी है।
कंटेंट मॉडरेशन से दूर, असली फ्रीडम
Telegram की सफलता का एक और पहलू है उसका अनरिस्ट्रिक्टेड नेचर। जहां Meta जैसे प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट मॉडरेशन, ऐड पॉलिसीज़ और फैक्ट-चेकिंग का बोझ है, वहीं Telegram पर बातचीत कहीं ज़्यादा इंडिपेंडेंट है।
हाल ही में Meta ने अपने प्लेटफॉर्म्स से इंडिपेंडेंट फैक्ट-चेकर्स को हटाकर कम्युनिटी-बेस्ड फैक्ट-चेकिंग लागू की, जिससे भारी आलोचना हुई। Zuckerberg के बयान और ट्रम्प की फ्री स्पीच पॉलिसीज़ के चलते यूज़र्स का भरोसा Meta से हटकर Telegram की तरफ बढ़ रहा है।
Satoshi Nakamoto की आइडियोलॉजी का विस्तार
एक क्रिप्टो राईटर होने के नाते मैं मानता हूँ कि Pavel Durov के प्लेटफ़ॉर्म की बढ़ती क्रिप्टो-इंगेजमेंट और डिसेंट्रलाइज़ेशन की प्रतिबद्धता को Satoshi Nakamoto के मूल सिद्धांतों की निरंतरता कहा जा सकता है। Nakamoto ने जब Bitcoin लॉन्च किया था, तब उनका लक्ष्य था एक ऐसा सिस्टम बनाना जो बिना किसी मिडीएटर के पूरी तरह इंडिपेंडेंट हो।
आज Telegram उस विचारधारा को आगे बढ़ा रहा है, एक ऐसा प्लैटफ़ॉर्म बनकर जो न केवल कम्युनिकेशन का माध्यम है, बल्कि क्रिप्टो इकोनॉमी का इंजन भी।
कन्क्लूजन
Telegram की रैंकिंग में उछाल सिर्फ एक टेक्नीकल अचीवमेंट नहीं है। यह दर्शाता है कि दुनिया, विशेषकर भारत, अब उन प्लेटफॉर्म्स की तलाश में है जो फ्रीडम, डिसेंट्रलाइज़ेशन और प्राइवेसी को प्राथमिकता देते हैं।
Satoshi Nakamoto की अनुपस्थिति के बावजूद, उनका विज़न अब भी जिंदा है और Pavel Durov का प्लेटफ़ॉर्म उसका सबसे मजबूत वाहक बनकर उभर रहा है।
India का क्रिप्टो अडॉप्शन जितना बढ़ेगा, Telegram उतना ही मज़बूत होगा। और यही कारण है कि Telegram अब केवल एक मैसेजिंग ऐप नहीं, बल्कि क्रिप्टो रिवोल्यूशन का केंद्र बन चुका है।