WazirX News, Binance डील और रीस्ट्रक्चरिंग प्लान पर कोर्ट की सख्ती
WazirX News - दिल्ली हाईकोर्ट ने भारतीय क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX को आर्डर दिया है कि वह Binance के साथ हुए अपने समझौते और कंपनी के WazirX Restructuring Plan की पूरी जानकारी कोर्ट में पेश करें। यह आर्डर 6 अगस्त 2025 को दिया गया, जो कि जुलाई 2024 में हुए $235 मिलियन के साइबर अटैक के बाद सामने आए गंभीर आरोपों और फाइनेंशियल गड़बड़ी की जांच का हिस्सा है।
Source: यह इमेज BITCOIN EXPERT INDIA X Account से ली है, जिसकी लिंक यहां दी गई है।
इस मामले की सुनवाई Justice Sachin Dutta की अदालत में हुई, जहां Zettai Pte Ltd (WazirX की सिंगापुर स्थित पैरेंट कंपनी) को एक हफ्ते के अंदर Binance के साथ हुए करार और सिंगापुर कोर्ट में चल रहे WazirX Restructuring Plan से जुड़े डाक्यूमेंट्स पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।
यह आर्डर Advocate Jaiveer Bains द्वारा दायर याचिका पर दिसंबर 2024 में शुरू हुई जांच के सिलसिले में दिया गया है। कोर्ट ने फरवरी 2025 तक स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था, जिसे लेकर अब जांच और गहराती जा रही है।
Binance और WazirX के बीच पुराना विवाद फिर से गर्माया
हालांकि Binance और WazirX के बीच 2019 में पार्टनरशिप की खबरें सामने आई थीं, पर Binance अब दावा कर रहा है कि उसने WazirX को ना तो कभी खरीदा, न ही उस पर कंट्रोल रखा। दूसरी ओर, WazirX Exchange पर आरोप है कि वह Binance के साथ हुए समझौते को स्पष्ट नहीं कर रहा, जिससे मालिकाना हक और दायित्वों को लेकर भ्रम बना हुआ है।
हैकिंग और रीस्ट्रक्चरिंग के बीच फंसा WazirX
जुलाई 2024 में WazirX Hack के बाद कंपनी के सामने बहुत बड़ी फाइनेंशियल परेशानियां खड़ी हो गई थी। इसके बाद WazirX Exchange ने रीस्ट्रक्चरिंग की प्रोसेस शुरू की, जिसे पहले सिंगापुर की अदालत ने खारिज कर दिया था। लेकिन हाल ही में कोर्ट ने फिर से वोटिंग कराने के आर्डर दिए और 6 अगस्त 2025 को दूसरी बार वोटिंग पूरी हुई।
इस बार बड़ी संख्या में लेंडर्स ने हिस्सा लिया। पहले राउंड में केवल 3.3% लेंडर्स ने हिस्सा लिया था, जबकि अब वोटिंग एक सुरक्षित प्लेटफॉर्म Kroll Issuer Services पर हुई, जिसे Alvarez & Marsal जैसी स्वतंत्र कंसल्टिंग कंपनी द्वारा वेरीफाई किया जा रहा है।
कोर्ट की सख्ती और रेगुलेटर्स एजेंसियों की एंट्री
दिल्ली हाईकोर्ट ने रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज ऑफ़ इंडिया (SEBI) को भी मामले में शामिल किया है। दोनों आर्गेनाइजेशन को यह बताना होगा कि उन्होंने WazirX के अगेन्स्ट अब तक क्या कदम उठाए हैं और क्रिप्टो एक्सचेंजों के लिए उनके पास क्या रेगुलेटरी फ्रेमवर्क है।
Petitioner Kunal Dhadiwal ने कोर्ट के आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि यह फैसला आम यूजर्स के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक अहम कदम है।
क्रिप्टो फ्रॉड की जांच के लिए विशेष जांच दल (SIT) की डिमांड तेज़
WazirX के लेंडर्स चाहते हैं कि एक विशेष जांच दल (SIT) बनाया जाए, जिसमें साइबर क्राइम, इकोनॉमिक क्राइम्स और फाइनेंशियल फ्रॉड के एक्सपर्ट शामिल हों। यह टीम इंटरनेशनल एजेंसियों के साथ मिलकर साइबर अटैक और अन्य संभावित अनियमितताओं की जांच करेगी।
निवेशकों का सपोर्ट और भविष्य की दिशा
2025 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फाइनेंशियल रिसर्च द्वारा किए गए एक सर्वे में पाया गया कि 92% भारतीय क्रिप्टो निवेशक मानते हैं कि इस सेक्टर में स्पष्ट रेगुलेशन जरूरी है। बतौर क्रिप्टो सेक्टर एक्सपर्ट होने से मेरा मानना है कि यह डेटा भारत में रेगुलेटरी बदलावों के लिए जनता के सपोर्ट को दर्शाता है। अगली सुनवाई 26 अगस्त 2025 को है, जिसमें RBI अधिकारियों की मौजूदगी जरुरी होगी। यह मामला सिर्फ WazirX की साख ही नहीं, बल्कि भारत के पूरे क्रिप्टो इकोसिस्टम की दिशा तय कर सकता है।
कन्क्लूजन
दिल्ली हाईकोर्ट का यह फैसला भारत में क्रिप्टो कंपनियों के लिए ईमानदारी और स्पष्ट तरीके से काम करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। अब सबकी नजर इस पर है कि WazirX कोर्ट के आदेशों का कितना पालन करता है और Binance के साथ उसका असली रिश्ता क्या है। यह मामला आने वाले समय में यह तय कर सकता है कि भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग कितनी सुरक्षित और भरोसेमंद बन पाएगी।