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Ethereum Classic क्या है, जानें इसकी पूरी जानकारी

Ethereum Classic: एक विकेंद्रीकृत ब्लॉकचेन का ओरिजिनल रूप

Ethereum Classic एक ओपन-सोर्स और विकेंद्रीकृत ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म है, जिसे 2015 में पेश किया गया था। यह प्लेटफॉर्म स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और डिसेंट्रलाइज़्ड एप्लिकेशन्स (dApps) के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह दरअसल Ethereum का मूल संस्करण है, जिसे एक विशेष तकनीकी और वैचारिक मतभेद के बाद स्वतंत्र रूप से चलाया गया। इस लेख में हम इसके इतिहास, फीचर्स, अंतर, सिक्योरिटी और भविष्य की संभावनाओं पर बात करेंगे।

इतिहास: कैसे बना Ethereum Classic

जब 2015 में Ethereum लॉन्च हुआ, तो यह क्रिप्टो और ब्लॉकचेन दुनिया में एक नई शुरुआत मानी गई। लेकिन 2016 में DAO हैक ने इस नेटवर्क की नींव को हिला दिया। लगभग 3.6 मिलियन ईथर चोरी हो गए थे। इस हैक के समाधान को लेकर समुदाय दो हिस्सों में बंट गया।

एक ग्रुप ने नेटवर्क को हार्ड फोर्क करके हैक किए गए फंड्स को वापस लाने का फैसला किया। वहीं, दूसरे ग्रुप ने कहा कि ब्लॉकचेन को “इम्म्यूटेबल” यानी अपरिवर्तनीय रहना चाहिए। यही ग्रुप बाद में Ethereum Classic नाम से जाना गया, जिसने मूल चेन को बनाए रखा और कोई बदलाव नहीं किया।

मुख्य अंतर: Ethereum और Ethereum Classic

Ethereum Classic

दोनों नेटवर्क एक जैसे दिखते हैं लेकिन विचार और टेक्नोलॉजी में काफी फर्क है:


  1. गवर्नेंस मॉडल
    Ethereum में डेवलपमेंट मुख्य रूप से एक सेंट्रल टीम द्वारा होता है। जबकि Ethereum Classic में कम्युनिटी-ड्रिवन निर्णय होते हैं।


  2. कंसेंसस अल्गोरिदम
    Ethereum ने PoS में ट्रांजिशन कर लिया है। इसके विपरीत, Ethereum Classic अभी भी Proof-of-Work (PoW) अल्गोरिदम को अपनाता है।


  3. डेवलपर कम्युनिटी और स्पीड
    Ethereum में डेवलपमेंट ज्यादा तेज़ और फंडेड होता है, जबकि Ethereum Classic Price का विकास धीमा है, लेकिन यह ओपन और स्वतंत्र है।

Ethereum Classic की प्रमुख विशेषताएं


  • स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और dApps सपोर्ट: यह प्लेटफॉर्म बिना किसी थर्ड पार्टी के स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स को निष्पादित करता है।


    Proof-of-Work आधारित सिक्योरिटी: PoW मॉडल नेटवर्क को हैक से बचाने में मदद करता है।


  • कम्युनिटी-ड्रिवन विकास: कोई भी डेवलपर इसमें योगदान दे सकता है।


  • डू-ऑक्रेसी सिस्टम: यहाँ निर्णय करने वाले वही होते हैं जो काम करते हैं।

टोकनॉमिक्स और माइनिंग

Ethereum Classic का नेटिव टोकन ETC है जिसकी कुल सप्लाई 210 मिलियन है। इसका उपयोग ट्रांज़ैक्शन फीस, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और dApps में होता है। इसकी सप्लाई फिक्स है और इसमें Ethereum की तरह नई मिंटिंग नहीं होती।

माइनिंग में उपयोगकर्ता नेटवर्क को सुरक्षित बनाते हैं और इसके बदले गैस फीस के रूप में उन्हें इनाम मिलता है।

सिक्योरिटी और विश्वसनीयता

2020 में Ethereum Classic को 51% अटैक का सामना करना पड़ा था। इसके बाद, नेटवर्क की सिक्योरिटी को अपग्रेड किया गया। आज यह नेटवर्क PoW आधारित सबसे सुरक्षित स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट प्लेटफॉर्म्स में गिना जाता है।

भविष्य की संभावनाएँ

हालांकि Ethereum Classic की ग्रोथ Ethereum के मुकाबले धीमी रही है, लेकिन इसकी स्थिरता और डिसेंट्रलाइजेशन पर फोकस इसे एक अलग पहचान देता है। जो उपयोगकर्ता पारंपरिक और स्थायी ब्लॉकचेन सिस्टम में विश्वास करते हैं, उनके लिए यह एक उपयुक्त विकल्प है।

निष्कर्ष

Ethereum Classic ने यह साबित किया है कि डिसेंट्रलाइजेशन और ब्लॉकचेन की मूल भावना को कायम रखा जा सकता है। यह एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो तकनीकी स्वतंत्रता और नेटवर्क की पारदर्शिता को प्राथमिकता देता है। इसके फिक्स सप्लाई मॉडल, मजबूत सिक्योरिटी और ओपन कम्युनिटी इसे दीर्घकालीन दृष्टि से एक मजबूत विकल्प बनाते हैं।

कन्क्लूजन 

Ethereum Classic क्रिप्टो वर्ल्ड में एक महत्वपूर्ण ब्लॉकचेन है, जो Ethereum के ओरिजनल वर्जन को बनाए रखते हुए डिसेंट्रलाइजेशन और PoW Consensus के मजबूत ट्रेडिशन को लाइव रखता है। यह स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स और dApps के लिए एक सुरक्षित प्लेटफार्म प्रदान करता है और इसकी कम्युनिटी इंस्पायर्ड गवर्नेंस इसे Ethereum से अलग करता है। इसके अलावा, Ethereum Classic का सिक्योरिटी और स्टेबिलिटी पर फोकस करना इसे अन्य ब्लॉकचेन नेटवर्क्स से अलग बनाता है।

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