Blockchain में Fork क्या हैं, Hard Fork और Soft Fork जानिए
ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी ने हमारे डिजिटल ट्रस्ट की डेफिनेशन को बदल दिया है। Blockchain की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं में से एक Immutability कई बार प्रॉब्लम भी बन जाती है, खासकर तब प्रोटोकॉल में कोई परिवर्तन करना हो, या कोई नए फीचर ब्लॉकचेन से जोड़ने हो। ब्लॉकचेन डेवलपर्स ने इसका सॉल्यूशन Fork के रूप में निकाला है, यह एक ऐसी प्रोसेस होती है जिससे ब्लॉकचेन की Layer 1 में ही नए अपडेट किए जाने संभव हुए।
इस ब्लॉग में हम विस्तार से समझेंगे कि Fork क्या होता है, इसके प्रकार कौन-कौन से हैं और ये क्रिप्टोकरेंसी, स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट, NFT या Web3 बेस्ड सिस्टम्स को कैसे प्रभावित करते हैं?
Blockchain में Fork क्या होते हैं?
Blockchain में Fork उस स्थिति को कहते हैं जब एक मौजूदा Blockchain में ऐसा बदलाव किया जाता है कि ब्लॉकचेन के पुराने और नए वर्जन के बीच कंपैटिबिलिटी नहीं रह जाती। यह बदलाव टेक्निकल कारणों या कम्युनिटी के बीच किसी डिसिजन को लेकर सहमती नहीं बन पाने की वजह से भी होता है, जैसा की Ethereum और Ethereum Classic के मामले में हमने देखा है।
हर Blockchain एक ओपन-सोर्स कोड पर बेस्ड होती है जिसे डेवलपर्स अपडेट कर सकते हैं, लेकिन जब तक ये अपडेट सभी नोड्स द्वारा अडॉप्ट नहीं किया जाता, तब तक बदलाव मान्य नहीं होता है, ऐसी स्थिति में Fork की जरुरत पैदा होती है।
Fork क्यों होते हैं?
Fork ब्लॉकचेन में एवोल्यूशन की प्रोसेस है। इसके मुख्य कारण निम्नलिखित हो सकते हैं:
- सिस्टम में रिफार्म: जैसे ट्रांज़ैक्शन की स्पीड या सिक्योरिटी बढ़ाने के लिए
- नए फीचर्स जोड़ना: जैसे स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट सपोर्ट या NFT मिन्टिंग जैसी केपेबिलिटी जोड़ना
- कम्युनिटी में भविष्य को लेकर मतभेद: जैसे कुछ यूज़र्स किसी पॉलिसी से सहमत नहीं हो
- बग्स या सिक्योरिटी इशूज़ को फिक्स करना
उदाहरण के लिए, जब The Merge Fork के द्वारा Ethereum नेटवर्क को अपडेट किया गया ताकि वह Proof of Stake पर शिफ्ट हो सके, वह एक बड़ा और सोचा-समझा Fork था।
Fork के प्रकार: Hard Fork vs Soft Fork
Hard Fork क्या होता है?
Hard Fork एक ऐसा बदलाव है जिसमें नेटवर्क में पुराने रूल के साथ चलने वाले नोड्स और अपडेट के बाद बनने वाले नोड्स के बीच कोई कम्युनिकेशन नहीं रह जाता। इस तरह से Blockchain दो अलग अलग भागों में बाँट जाती है और The Merge Fork के बाद EthereumPoW और Ethereum 2.0 दो अलग-अलग Blockchain Network अस्तित्व में आये। Hard Fork के बाद,
- Compatibility नहीं रहती: पुराने वर्ज़न को अपडेट किए बिना नई Chain से नहीं जोड़ा जा सकता है
- नए टोकन बन सकते हैं: जैसे Bitcoin Cash, Bitcoin के एक Hard Fork के बाद बना था
- कम्युनिटी भी बट जाती है: कुछ पुराने नेटवर्क पर रहते हैं, कुछ नए पर
जैसे: 2017 में Bitcoin से Bitcoin Cash का बनने का कारण एक Hard Fork था, जिसका उद्देश्य ट्रांज़ैक्शन स्पीड और फीस की समस्या को हल करना था।
Soft Fork क्या होता है?
Soft Fork एक ऐसा अपडेट है जिसमें पुराने नोड्स नए Chain को अडॉप्ट कर सकते हैं, लेकिन इसमें कुछ लिमिटेशन भी होती है, इसलिए इसे Backward-compatible अपडेट भी कहा जाता है।
Soft Fork में नए रूल्स पुराने रूल्स के Subset ही होते हैं, कंपैटिबिलिटी बनी रहती है, लेकिन पुराने नोड्स पूरी तरह नए रूल्स फॉलो नहीं कर पाते हैं। Soft Fork के बाद Blockchain Network को दो भागों में नहीं बाँटता है।
इसका एक प्राइम एक्साम्प्ल 2015 में Bitcoin में हुआ Segregated Witness (SegWit) अपडेट है, जो एक Soft Fork था, जिससे ट्रांज़ैक्शन डेटा को ऑप्टिमाइज़ किया गया था।
Fork का क्रिप्टोकरेंसी यूज़र्स पर इम्पैक्ट
Fork सिर्फ डेवलपर्स के लिए नहीं होता, इसका इम्पैक्ट सीधे उन यूज़र्स पर भी पड़ता है जो उससे जुड़े टोकन का इस्तेमाल करते हैं।
- यूज़र को नए टोकन मिल सकते हैं: कई बार Hard Fork के बाद यूज़र्स को नए नेटवर्क का भी टोकन मिलता है, जैसे Bitcoin Cash Airdrop।
- वॉलेट अपडेट ज़रूरी होता है: Soft या Hard Fork के बाद कुछ वॉलेट्स को नए Chain को सपोर्ट करने के लिए नए अपडेट करने पड़ सकते हैं।
- NFT और Smart Contracts पर असर: Fork होने के बाद कोई पुराना NFT या Smart Contracts नए Chain पर एक्सिक्यूट नहीं हो सकता, जब तक कि उसे मैन्युअली माइग्रेट न किया जाए
Governance और Community Consensus का रोल
Fork अक्सर इस बात पर निर्भर करता है कि ब्लॉकचेन कम्युनिटी किसी बदलाव पर कितना सहमत है। यही Web3 की एक बड़ी ताकत भी है, इसी के कारण इसमें Decision-making सिर्फ किसी एक संस्था के हाथ में नहीं होती है।
हालाँकि, यह डिसेंट्रलाइजेशन कभी-कभी विवाद का कारण भी बन सकता है। उदाहरण के लिए, Ethereum का DAO Hack (2016) के बाद किया गया Hard Fork, जिससे Ethereum और Ethereum Classic अलग हो गए।
Fork और Web3
जैसे-जैसे Web3 और डिसेंट्रलाइज़्ड एप्लिकेशन का विकास हो रहा है, Forks का रोल और भी महत्वपूर्ण हो गया है। इनका सर्वाधिक महत्त्व यह है कि यह Blockchain में नए इनोवेशन और नई टेक्नोलॉजी के इन्टीग्रेशन का रास्ता खोलते हैं, जिसके कारण लगातार बदलते समय के साथ ब्लॉकचेन में भी आवश्यक बदलाव होते रहते हैं।
साथ ही, Layer-2 और Interoperability प्रोटोकॉल्स जैसे Polkadot, Cosmos और zk-rollups के आने से अब Forks की ज़रूरत धीरे-धीरे घट रही है, क्योंकि ये नए इनोवेशन सिस्टम को अधिक मोडुलर और अपग्रेडेबल बनाते जा रहे हैं।
Blockchain Technology के डेवलपमेंट में Forks की भूमिका बदलाव के वाहक के रूप में है। एक समझदारी से किया गया Fork की ब्लॉकचेन इकोसिस्टम को और मज़बूत बना सकता है, जबकि गलत तरीके से किया गया Fork पूरी कम्युनिटी और प्रोजेक्ट में बिखराव का भी कारण बन सकता है।