Blockchain में Token क्या हैं, इनके प्रकार और स्टैण्डर्ड जानिए
जब हम ब्लॉकचेन की बात करते हैं, तो ज़्यादातर लोगों के दिमाग में सिर्फ Bitcoin या Ethereum जैसी क्रिप्टोकरेंसी ही आती है। लेकिन सच्चाई यह है कि ब्लॉकचेन केवल डिजिटल करेंसी तक सीमित नहीं रही है बल्कि अब यह एक पूरे डिजिटल इकोसिस्टम में बदल चुकी है। इस इकोसिस्टम में Token की भूमिका एक डिजिटल एसेट के रूप में होती है, जिसका उपयोग किसी एसेट की वैल्यू, उनपर अधिकार या एक्सेस दर्शाने के लिए किया जाता है। DApps, DeFi, NFT, गेमिंग या गवर्नेंस इन सभी क्षेत्रों में Token ही वह कड़ी हैं जो यूज़र को नेटवर्क से जोड़ती हैं।
Token और Coin में क्या अंतर है?
Blockchain में टोकन को समझने से पहले यह जानना जरुरी है कि टोकन और कॉइन में क्या अंतर होता है या कोई अंतर होता भी है या नहीं।
एक कॉइन किसी ब्लॉकचेन का ओरिजिनल एसेट होता है, जैसे Bitcoin Blockchain पर BTC या Ethereum Network पर ETH। जबकि टोकन किसी पहले से मौजूद ब्लॉकचेन पर बनाए जाते हैं और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स की मदद से काम करते हैं।
जैसे Ethereum Network पर USDT, LINK और UNI जैसे टोकन बनाए गए हैं जबकि ETH इसका कॉइन है। कह सकते हैं कि कॉइन नेटवर्क का इंजन है, वहीं टोकन उस नेटवर्क पर चलने वाले DApps के फ्यूल की तरह होते हैं।
Token कैसे काम करते हैं?
टोकन का काम करने का तरीका उसके Smart Contract पर निर्भर करता है। ये स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट Blockchain पर एक बार डिप्लॉय हो जाने के बाद अपने तय नियमों के अनुसार काम करते हैं। इन नियमों में टोकन की टोटल सप्लाई, टोकेनोमिक्स, उनके ट्रान्सफर होने का तरीका और बर्न या मिंट की प्रोसेस कैसे होगी, यह सब शामिल होता है। चूंकि यह कोड ब्लॉकचेन पर लिखा जाता है इसलिए इसमें ट्रांसपेरेंसी रहती है और यह मैनीपुलेशन से सिक्योर बनी रहती है। यही वजह है कि टोकन का उपयोग फ़ास्ट और ट्रस्टलेस ट्रांज़ैक्शन के लिए किया जाता है।
Blockchain Token कितने प्रकार के होते हैं?
ब्लॉकचेन टोकन को उनकी यूटिलिटी और नेचर के आधार पर इन प्रकारों में बांटा जा सकता है:
- Fungible Token
- सभी टोकन एक जैसे होते हैं, जिन्हें आपस में एक्सचेंज किया जा सकता है।
- उदाहरण: USDT, DAI, AAVE
- आमतौर पर ERC-20 जैसे स्टैंडर्ड पर आधारित होते हैं।
- Non-Fungible Token / NFT
- हर टोकन यूनिक होता है और एक-दूसरे से बदला नहीं जा सकता।
- उपयोग: डिजिटल आर्ट, गेम आइटम्स, वर्चुअल लैंड।
- उदाहरण: BAYC, Decentraland NFTs, CryptoPunks
- Governance Token
- टोकन होल्डर को वोटिंग राइट्स देता है।
- DAO या प्रोटोकॉल के भविष्य से जुड़े फैसलों में पार्टिसिपेशन।
- उदाहरण: UNI (Uniswap), COMP (Compound), Sahara AI
- Utility Token
- किसी DApp या प्रोडक्ट में सुविधाओं के लिए उपयोग होते हैं।
- एक्सेस, पेमेंट या सब्सक्रिप्शन जैसी सेवाओं के लिए ज़रूरी।
- उदाहरण: TON, SAND, BNB
- Security Token
- इन्वेस्टमेंट आधारित टोकन जो ट्रेडिशनल एसेट्स (जैसे स्टॉक्स, बॉन्ड्स) होते हैं।
- अक्सर रेगुलेटेड होते हैं और इन्हें लीगल परमिशन की आवश्यकता होती है।
- उदाहरण: tZERO, INX
Token Standards क्या होते हैं?
जब किसी ब्लॉकचेन पर टोकन बनाए जाते हैं, तो यह ज़रूरी होता है कि वे एक स्टैण्डर्ड को फॉलो करें ताकि वे वॉलेट, एक्सचेंज और DApps के साथ सुचारु रूप से काम कर सकें। टोकन स्टैंडर्ड वह टेक्निकल नियम होते हैं जो यह तय करते हैं कि टोकन का नेचर कैसा होगा, वह ट्रांसफर कैसे होगा, वह कैसे पहचाना जाएगा और थर्ड-पार्टी ऐप्स उसे किस तरह से उपयोग में ले सकेंगे। वर्तमान में क्रिप्टो वर्ल्ड में Ethereum Network के टोकन स्टैंडर्ड सबसे ज़्यादा काम में लिए जाते हैं, लेकिन अन्य ब्लॉकचेन के भी अपने स्टैंडर्ड होते हैं।
Important Token Standards और उनके उपयोग
- ERC-20 (Fungible Token Standard – Ethereum)
- फंजिबल टोकन के लिए सबसे प्रसिद्ध स्टैंडर्ड।
- उदाहरण: USDC, LINK, AAVE, Shiba Inu (SHIB)
- DApps, DeFi, और ट्रेडिंग में मुख्य रूप से उपयोग होता है।
- ERC-721 (NFT Standard)
- नॉन-फंजिबल टोकन के लिए बनाया गया स्टैंडर्ड।
- उदाहरण: CryptoPunks, BAYC, Axie Infinity
- डिजिटल आर्ट, गेमिंग और मेटावर्स के लिए उपयोगी।
- ERC-1155 (Multi Token Standard)
- एक ही स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट में फंजिबल और NFT दोनों प्रकार के टोकन संभाल सकता है।
- उदाहरण: SAND (The Sandbox), ENJ (Enjin Coin)
- उपयोग: गेमिंग प्लेटफॉर्म्स और NFT कलेक्शन
- BEP-20 (Binance Smart Chain Standard)
- Binance नेटवर्क पर टोकन निर्माण के लिए प्रयोग होता है।
- यह ERC-20 जैसा ही है, लेकिन फ़ास्ट और अफोर्डेबल है।
- उपयोग: PancakeSwap जैसे BSC आधारित प्रोजेक्ट्स में
- SPL Token (Solana Token Standard)
- Solana नेटवर्क के टोकन इसी स्टैंडर्ड पर आधारित होते हैं।
- The Official Trump (TRUMP), BONK
- उपयोग: तेज़ ट्रांजैक्शन, DeFi और NFT ऐप्स
Token कैसे बनाए जाते हैं?
एक समय था जब केवल डेवलपर्स ही Smart Contracts के ज़रिए टोकन बना सकते थे, लेकिन अब नो-कोड टूल्स की मदद से टेक्निकल नॉलेज के बिना भी कोई भी व्यक्ति अपना टोकन लॉन्च कर सकता है।
यदि आप डेवलपर हैं, तो Solidity जैसी प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का उपयोग करके आप Ethereum, BNB Chain या अन्य नेटवर्क पर कस्टम टोकन बना सकते हैं। लेकिन नॉन-डेवलपर्स के लिए अब कई ऐसे प्लेटफॉर्म उपलब्ध हैं जो आपको केवल फॉर्म भरकर, कुछ क्लिक्स में टोकन बनाने की सुविधा देते हैं।
ये टूल्स टोकन का नाम, सिंबल, टोटल सप्लाई, डेसीमल, मिंटेबल/बर्नेबल सेटिंग्स जैसी चीजें खुद सेट करने की सुविधा देते हैं और गैस फीस का पेमेंट करके ब्लॉकचेन पर उसे डिप्लॉय कर देते हैं।
Crypto Token का उपयोग कहां-कहां होता है?
टोकन का उपयोग आज डिजिटल दुनिया के लगभग हर काम में हो रहा है:
- DeFi प्लेटफॉर्म्स पर टोकन का इस्तेमाल लोन लेने, स्टेकिंग करने और लिक्विडिटी पूल में भाग लेने के लिए होता है।
- NFT गेम्स और मेटावर्स में टोकन से वर्चुअल आइटम्स और वर्चुअल लैंड खरीदी जाती है।
- DAO में गवर्नेंस के लिए टोकन होल्डर वोट करते हैं।
- इसके अलावा, टोकन को डिजिटल आइडेंटिटी, सब्सक्रिप्शन एक्सेस, और रियल वर्ल्ड एसेट्स के टोकनाइजेशन में भी प्रयोग किया जा रहा है।
संक्षेप में कहें तो, टोकन अब सिर्फ ट्रेडिंग के लिए नहीं, बल्कि इंटरनेट की नेक्स्ट जनरेशन की बेसिक यूनिट बन चुके हैं।
Crypto Token से जुड़े रिस्क
जहां टोकन ने क्रिप्टो और ब्लॉकचेन से जुड़ी नयी संभावनाओं को जन्म दिया है, लेकिन इनसे जुड़े कुछ जोखिम भी सामने आए हैं। आए दिन हम ऐसे टोकन देखते हैं जो अपने लॉन्च के बाद कुछ ही दिनों में स्कैम साबित हो जाते हैं। चूंकि टोकन बनाना अब आसान हो गया है तो धोखाधड़ी की संभावना भी बढ़ गई है। कई प्रोजेक्ट ऐसे सामने आये हैं जिनमे डेवलपर्स टोकन की टोटल सप्लाई का बड़ा हिस्सा अपने पास रखते हैं और एकतरफा मैनिपुलेशन करते हैं। हाल ही में, Libra, Mantra, MemeFi जैसे कई प्रोजेक्ट्स इस तरह की घटनाओं का शिकार बन चुके हैं।
इसके अलावा, अधिकतर देशों में टोकन और क्रिप्टो रेगुलेशन अभी अस्पष्ट हैं, जिससे इन्वेस्टर्स को कानूनी जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए किसी भी टोकन में इन्वेस्ट या उपयोग से पहले उसकी वैलिडिटी, टीम, यूटिलिटी, टोकेनोमिक्स और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट को अच्छी तरह जांचना चाहिए।
आने वाले समय में Token की भूमिका
भविष्य में टोकन सिर्फ डिजिटल करेंसी या गेमिंग आइटम तक सीमित नहीं रहेंगे। रियल एस्टेट, म्यूचुअल फंड, गवर्नमेंट बॉन्ड, एजुकेशनल सर्टिफिकेट्स इन सभी को टोकनाइज़ किया जा सकता है। टोकन हमारी डिजिटल पहचान का हिस्सा भी बन सकते हैं। इसके अलावा, Central Bank Digital Currencies (CBDC) जैसे सरकारी टोकन भी वैश्विक वित्तीय सिस्टम को नया स्वरूप देने के लिए आगे बढ़ रहे हैं। Web3 की कल्पना भी बिना टोकन के अधूरी है, जिसमे टोकन टेक्निकल एक्सपेरिमेंट से आगे बढ़कर सोशल और इकनोमिक स्ट्रक्चर का आधार बनेंगे।
जिस तरह इंटरनेट ने इनफार्मेशन को डिजिटल किया, उसी तरह टोकन अब एसेट, रिलेशन और सोसाइटी को डिजिटल कर रहे हैं। अगर आप ब्लॉकचेन की दुनिया में कदम रखना चाहते हैं, तो टोकन को समझना आपका पहला वास्तविक कदम होगा।