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WazirX Refunds से क्या यूज़र्स को मिल जाएगा न्याय?

लगभग एक साल बाद भी WazirX Hack से जुड़ी असल राहत यूज़र्स को अब तक नहीं मिली है। 18 जुलाई 2024 को ₹2,000 करोड़ की बड़ी क्रिप्टो चोरी के बाद लाखों यूज़र्स अपने ही फंड्स तक नहीं पहुंच सके। अब जब 13 मई 2025 को सिंगापुर हाई कोर्ट में WazirX की रीस्ट्रक्चरिंग योजना पर सुनवाई हो रही है, उम्मीद है कि कुछ समाधान मिलेगा, लेकिन क्या यह न्याय होगा? 

क्या मिलेगा न्याय?

WazirX ने कोर्ट में जो रीस्ट्रक्चरिंग प्लान रखा है, उसमें यूज़र्स को उनके हैक के समय की वैल्यू के हिसाब से 85% फंड वापस देने की बात है। यह रिफंड “उस समय की वैल्यू” पर आधारित होगा, ना कि मौजूदा कीमत पर। यानी अगर यूज़र ने Bitcoin या किसी अन्य टोकन में निवेश किया था और आज उसकी कीमत दोगुनी हो चुकी है, तो उन्हें सिर्फ पुरानी कीमत के अनुसार ही भुगतान मिलेगा। इसलिए सवाल यह है क्या ये सच में रिफंड है या सिर्फ एक सांत्वना?

15% फंड्स का कोई अता-पता नहीं

WazirX Users के रिफंड पर फैसला आज होने वाला है इस बीच सबसे बड़ी चिंता यह है कि रिफंड प्लान में बचा हुआ 15% हिस्सा कहां गया, इसका अब तक कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया गया है। WazirX की ओर से न कोई पब्लिक टाइमलाइन जारी हुई है, न ही यह बताया गया है कि इस अमाउंट की रिकवरी कैसे और कब होगी। इससे यूज़र्स के मन में यह शक और भी गहरा हो गया है कि कहीं यह रिफंड प्रोसेस सिर्फ दिखावे की तो नहीं?

फाउंडर्स की भूमिका भी सवालों के घेरे में

WazirX के फाउंडर्स की भूमिका पर भी गंभीर सवाल उठे हैं। क्रिप्टो कम्युनिटी में चर्चा है कि क्या इस हैक और फंड मैनेजमेंट में उनकी कोई लापरवाही या संलिप्तता रही है। अभी तक न तो किसी बड़े अधिकारी पर कोई कार्रवाई हुई है और न ही फाउंडर्स की जवाबदेही तय की गई है।

भारत सरकार और अदालतें क्या कर रही हैं?

दिल्ली हाई कोर्ट और उपभोक्ता फोरम में WazirX से जुड़ी कई याचिकाएं दाखिल की गई थीं, लेकिन हाल ही में इन सभी को खारिज कर दिया गया है। इससे यूज़र्स की उम्मीदों को बड़ा झटका लगा है। भारत सरकार की ओर से भी अब तक इस मुद्दे पर कोई सख्त कदम नहीं उठाया गया है, जबकि यह मामला लाखों भारतीय निवेशकों से जुड़ा है। क्या सरकार को अब नहीं हस्तक्षेप करना चाहिए, जब करोड़ों रुपये की असेट्स और आम लोगों का विश्वास दांव पर है?

निगाहें सिंगापुर कोर्ट पर

अब सारी उम्मीदें सिंगापुर हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। अगर कोर्ट इस प्लान को मंज़ूरी देता है, तो रिफंड की प्रक्रिया शुरू हो सकती है। लेकिन यूज़र्स को जो 85% रिफंड मिल रहा है, वो ना सिर्फ देरी से है, बल्कि वैल्यू में भी कम है। इसलिए इसे “न्याय” नहीं बल्कि एक “सांत्वना” कहा जा सकता है।

कन्क्लूजन

WazirX RefundsPlan की मंज़ूरी यूज़र्स के लिए एक राहत जरूर होगी, लेकिन यह पूरे न्याय की तरह नहीं देखा जा सकता। 15% फंड्स का अता-पता नहीं, फाउंडर्स की भूमिका संदिग्ध और सरकार की चुप्पी ये सभी सवाल अभी भी जवाब मांगते हैं। ऐसे में, ये फैसला सिर्फ एक शुरुआत है, मंज़िल नहीं।

Rohit TripathiRohit Tripathi
Rohit Tripathi
Hindi Content Writer
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