क्या CBI की एंट्री से बदल जाएगा WazirX Hack Case का रुख
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क्या CBI की एंट्री से बदल जाएगा WazirX Hack Case का रुख

भारत का सबसे चर्चित क्रिप्टो एक्सचेंज WazirX पिछले एक साल से ₹2,000 करोड़ के साइबर हैक से जुड़े केस में घिरा हुआ है। जुलाई 2023 में हुए WazirX Hack ने देश की साइबर सिक्योरिटी और क्रिप्टो निवेशकों की सुरक्षा पर बड़े सवाल खड़े किए। अब दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने इसकी गंभीरता को देखते हुए CBI से जांच कराने की सिफारिश की है। इस कदम से उम्मीद जगी है कि अब यह केस एक निर्णायक दिशा में आगे बढ़ सकता है। ऐसे में यह जानना बेहद जरूरी है कि WazirX Hack में CBI की एंट्री कैसे इससे जुड़ी जाँच का रुख बदल सकती है।

CBI जांच क्यों है जरूरी?

1 मई 2025 को सुनवाई के दौरान Additional Sessions Judge सुमित दास ने कहा कि केस के इंटरनेशनल कॉम्प्लिकेशन और फ्रॉड के पैमाने को देखते हुए इसकी जांच किसी राष्ट्रीय एजेंसी को सौंपी जानी चाहिए। जिसके बाद मार्केट में यह चर्चा तेज हो गई कि क्या CBI जांच इस केस में अहम भूमिका निभा सकती है और वे क्या फैक्टर्स होंगे जिसपर CBI जांच कर सकती हैं। ऐसे में आइये जानते है CBI की जांच से क्या उम्मीदें हैं:

  • इंटरनेशनल लिंक्स की ट्रैकिंग: चूंकि चोरी की गई क्रिप्टो एसेट्स को ग्लोबल वॉलेट्स में ट्रांसफर किया गया है, CBI इंटरनेशनल एजेंसियों से समन्वय कर सकती है।

  • साइबर-क्राइम नेटवर्क की पहचान: CBI के पास डिजिटल फॉरेंसिक में हाई कैपेसिटी है, जिससे सिंडिकेट या स्टेट-स्पॉन्सर्ड साइबर ग्रुप्स की पहचान हो सकती है।

  • फ़ास्ट और फेयर इन्वेस्टिगेशन: लोकल एजेंसियों के मुकाबले CBI अधिक संसाधन और अधिकारों के साथ तेजी से जांच कर सकती है।

आरोपी और साजिश, कैसे बना जाल?

Hack के दौरान WazirX के मल्टी-सिग्नेचर वॉलेट्स को टारगेट किया गया था, जिससे 234 मिलियन डॉलर मूल्य की क्रिप्टो चोरी हो गई।

मुख्य आरोपी सौविक मंडल के नाम सामने आने के बाद पता चला कि उसका अकाउंट SK मसूद आलम के नाम से फर्जी तरीके से खोला गया था। आलम पिछले 8 महीने से न्यायिक हिरासत में है।

CBI के आने से क्या फर्क पड़ेगा?
  • आरोपियों के लिंक्ड अकाउंट्स की व्यापक जांच

  • बेनामी पहचान और फर्जी दस्तावेजों की बेहतर पड़ताल

  • अन्य संभावित दोषियों और नेटवर्क का पर्दाफाश

सिंगापुर कोर्ट और यूजर्स की उम्मीदें

सिंगापुर कोर्ट ने WazirX के रिपेमेंट प्लान पर 13 मई को सुनवाई की थी, लेकिन इसपर कोई ठोस फैसला नहीं दिया। जहाँ मोराटोरियम को 6 जून 2025 तक बढ़ा दिया गया है, जिससे यूजर्स को और इंतजार करना पड़ेगा।

CBI जांच से उम्मीद की जा रही है कि भारतीय यूजर्स के हितों की रक्षा के लिए कोर्ट पर प्रभावी दवाब बनेगा और भारतीय एजेंसियां इंटरनेशनल कोर्ट में ठोस दलीलें पेश कर सकेंगी।

कन्क्लूजन

WazirX Hack केस भारत के अब तक के सबसे बड़े क्रिप्टो फ्रॉड मामलों में से एक है। CBI जैसी सशक्त एजेंसी की एंट्री से जांच को नया बल मिल सकता है। इससे न केवल अपराधियों की पहचान और सजा संभव होगी, बल्कि क्रिप्टो इंडस्ट्री में निवेशकों का भरोसा भी बहाल हो सकता है। अब यह देखना होगा कि क्या CBI इस हाई-प्रोफाइल केस को उसी गंभीरता से सुलझा पाएगी, जैसी उम्मीदें उससे लगाई जा रही हैं।

Rohit Tripathi

रोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास टेक्नोलॉजी और डिजिटल मीडिया में 13+ वर्षों का अनुभव है। बीते कुछ वर्षों से वह विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी, ऑन-चेन एनालिटिक्स, DeFi इकोसिस्टम और टोकनॉमिक्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। रोहित की विशेषज्ञता SEO-अनुकूल, डेटा-ड्रिवन कंटेंट और इंडस्ट्री-केंद्रित रिसर्च लेख तैयार करने में है।

वह वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। उनकी लेखनी में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देना सर्वोपरि है। वे ऑन-चेन टूल्स और विश्वसनीय मार्केट डेटा का प्रयोग करते हुए प्रत्येक लेख को फैक्ट-आधारित बनाते हैं। हिंदी भाषी रीडर्स के लिए उनका मिशन है: “हाई-क्वालिटी, फैक्चुअल और यूज़र-फर्स्ट क्रिप्टो कंटेंट उपलब्ध कराना।”

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