WazirX Hack में CBI की एंट्री, दिल्ली कोर्ट ने बताया जरूरी
Crypto Exchange WazirX पर करीब ₹2,000 करोड़ के साइबर फ्रॉड की जांच अब और गंभीर मोड़ ले चुकी है। एक तरफ दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए CBI को जांच सौंपने की बात कही है, दूसरी तरफ WazirX Court Hearing में फैसला नहीं हुआ और मोराटोरियम आगे बढ़ गया। जानकारी के अनुसार सिंगापुर कोर्ट ने रिपेमेंट प्रोसेस पर कोई फैसला न लेते हुए मोराटोरियम को 6 जून 2025 तक बढ़ा दिया है। इस फैसले से WazirX के हजारों यूजर्स को और इंतजार करना पड़ेगा।
दिल्ली कोर्ट ने जताई CBI जांच की आवश्यकता
1 मई 2025 को सुनवाई करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट के Additional Sessions Judge Sumit Das ने कहा कि ₹2,000 करोड़ की इस बड़े साइबर फ्रॉड की जांच किसी राष्ट्रीय एजेंसी जैसे CBI को सौंपी जानी चाहिए।
जज ने कहा:
“इस केस की प्रकृति, इसके इंटरनेशनल प्रभाव, और साइबर फ्रॉड के तरीके को देखकर यह मामला किसी सेन्ट्रल एजेंसी द्वारा जांच का हकदार है।” कोर्ट ने संकेत दिया कि इस पूरे नेटवर्क के पीछे किसी सिंडिकेट या राज्य प्रायोजित समूह की भूमिका हो सकती है, जिससे न केवल इंडस्ट्री बल्कि आर्थिक सुरक्षा भी प्रभावित हो सकती है।
WazirX Hack और मुख्य आरोपी
18 जुलाई 2023 को WazirX Hack हुआ, जिसमें 234 मिलियन डॉलर (लगभग ₹2,000 करोड़) मूल्य की क्रिप्टो असेट्स चोरी कर ली गई। जांच में पता चला कि एक्सचेंज की मल्टी-सिग्नेचर वॉलेट्स को हैक किया गया और यूजर फंड्स ट्रांसफर कर दिए गए।
जांच के दौरान सौविक मंडल नाम के एक व्यक्ति का नाम सामने आया, जो पश्चिम बंगाल का निवासी हैं। मंडल का WazirX Account असल में SK मसूद आलम के नाम पर फर्जी तरीके से बनाया गया था, जिसमें ₹91 लाख से अधिक की क्रिप्टो डिपॉजिट पाई गई। आलम पिछले 8 महीने से न्यायिक हिरासत में है और उसकी जमानत याचिकाएं खारिज हो चुकी हैं।
सिंगापुर कोर्ट में सुनवाई, मोराटोरियम 6 जून तक बढ़ा
13 मई 2025 को सिंगापुर कोर्ट में हुई सुनवाई में WazirX की ओर से प्रस्तुत किए गए रिपेमेंट प्लान पर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया। कोर्ट ने मोराटोरियम पीरियड (जिस दौरान कंपनी अपने कर्ज नहीं चुका सकती) को 6 जून 2025 तक बढ़ा दिया है।
इसके साथ ही WazirX को 23 मई तक एक अतिरिक्त एफिडेविट जमा करने का आदेश मिला है, ताकि रिपेमेंट प्लान की वैधता और व्यावहारिकता को कोर्ट रिव्यू कर सके। इसका मतलब है कि जब तक कोर्ट अंतिम फैसला नहीं देती, तब तक यूजर्स अपने फसे हुए फंड वापस नहीं ले सकेंगे।
यूजर्स के लिए बढ़ी मायूसी
WazirX के हजारों यूजर्स पिछले करीब एक साल से अपनी जमा पूंजी की वापसी का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि WazirX का कहना है कि वह यूजर्स के फंड सेफ्टी को लेकर पूरी तरह प्रतिबद्ध है, लेकिन कोर्ट की प्रक्रियाएं और दस्तावेजी मांगें प्रक्रिया को बार-बार रोक रही हैं।
सिंगापुर कोर्ट का यह फैसला यूजर्स के लिए बड़ी निराशा लेकर आया है, क्योंकि उन्हें अब कम से कम 6 जून तक और इंतजार करना पड़ेगा।
कन्क्लूजन
WazirX से जुड़ा ₹2,000 करोड़ का क्रिप्टो फ्रॉड अब केवल एक हैकिंग का मामला नहीं, बल्कि इंटरनेशनल साइबर क्राइम का एक बड़ा उदाहरण बन चुका है। दिल्ली कोर्ट जहां इसकी जांच को CBI को सौंपने की दिशा में बढ़ रही है, वहीं सिंगापुर कोर्ट की ओर से रिपेमेंट प्रक्रिया में हो रही देरी यूजर्स को मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान कर रही है। अब देखना यह है कि आने वाले हफ्तों में 23 मई और 6 जून को होने वाली कार्रवाई इस मामले में कोई राहत लेकर आएगी या नहीं।