इस Blockchain के Domains को खरीदने की मची होड़, लेकिन प्रोजेक्ट है गायब
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इस Blockchain के बिक रहे Domains, लेकिन प्रोजेक्टस है गायब

क्रिप्टो कम्युनिटी हर उस प्रोजेक्ट को लेकर उत्साहित नजर आती है, जिस प्रोजेक्ट को सोशल मिडिया पर काफी लोकप्रियता मिलती है। जिससे एक होड़ लग जाती है उस प्रोजेक्ट को खरीदने की। ऐसा ही कुछ हुआ है Pi Network के ".pi" Domains के साथ।

Pi Network ने जब से ".pi" Domains की नीलामी शुरू की है, तब से यह ब्लॉकचेन कम्युनिटी में चर्चा का बड़ा विषय बन गया है। ये Domains केवल डिजिटल आइडेंटिटी नहीं हैं, बल्कि Pi Network के Web3 विजन का आधार हैं, जहां हर यूजर्स एक स्वयं का डिसेंट्रलाइज़्ड ब्रांड बना सकता है।

हालांकि, जहां एक ओर ये डोमेन्स तेजी से बिक रहे हैं, वहीं दूसरी ओर एक सवाल लगातार उभर रहा है, क्या इन डोमेन्स का कोई असली इस्तेमाल भी हो रहा है, या फिर यह केवल डिजिटल असेट्स बनकर ही रह जाएंगे?

बिक रहे हैं Domains, लेकिन उद्देश्य से भटकते नजर आ रहे हैं

Pi Network की ".pi" Domains नीलामी Pi Day 2025 के आसपास शुरू हुई थी। इनका उद्देश्य था कि Pioneers (Pi यूजर्स) इन Domains का उपयोग अपने व्यक्तिगत प्रोजेक्ट्स, ऑनलाइन स्टोर्स, ऐप्स और Pi Network के भीतर बने प्लेटफार्म्स के लिए करें। लेकिन Ground Reality कुछ और ही कहानी कहती है।

डोमेन स्क्वैटिंग बढ़ा रहा है चिंता

अधिकांश खरीददार "बिल्डिंग" से ज़्यादा "होल्डिंग" पर ध्यान दे रहे हैं। ऐसे जेनरिक और ब्रांड-एडजेसेंट नामों पर बोली लगाई जा रही है, जिनका कोई तुरंत उपयोग नहीं दिखता। यह वही पैटर्न है जो पहले Web2 के डोमेन मार्केट या Ethereum के ENS सिस्टम में देखने को मिला था। इसे “Domain Squatting” कहा जाता है, जहां लोग डोमेन को केवल इस उम्मीद में खरीदते हैं कि भविष्य में इन्हें ऊँचे दामों पर बेचा जा सके।

Pi Network की योजना और वास्तविकता के बीच की दूरी

हाल ही में Pi Core Team ने एक X पोस्ट में स्पष्ट किया कि इन Domains का मुख्य उद्देश्य रीसेलिंग नहीं, बल्कि नेटवर्क पर वास्तविक उपयोग था। वे चाहते हैं कि इन डोमेन्स का उपयोग डिजिटल स्टोर्स, ब्लॉग्स, टूल्स या Web3 ऐप्स को होस्ट करने के लिए किया जाए।

pi Domains

लेकिन फिलहाल समस्या यह है कि –

  • न तो कोई डेवलपमेंट टूल्स लाइव हैं
  • न ही कोई रेडीमेड इंटरफेस लॉन्च हुआ है
  • और न ही कोई डोमेन-आधारित लाइव प्रोजेक्ट्स दिख रहे हैं
"जल्द आने वाले टूल्स" का वादा

Core Team ने यह वादा जरूर किया है कि जल्द ही कुछ बिल्डर इंटरफेस, ईमेल नोटिफिकेशन और ऐप इंटीग्रेशन फीचर्स लाए जाएंगे जिससे डोमेन होल्डर्स बिना कोडिंग के भी प्रोजेक्ट बना सकें। लेकिन जब तक यह टूल्स लॉन्च नहीं होते, तब तक खरीदे गए डोमेन्स केवल "डिजिटल कबाड़" की तरह हैं।

देर हुई तो नुकसान तय है

एक क्रिप्टोकरेंसी राइटर होने के नाते मेरा मानना है कि, यदि Pi Network इसी तरह अपने आने वाले टूल्स और फीचर्स में देरी करता रहा, तो इसका बड़ा नुकसान हो सकता है:

  1. साख को नुकसान - डोमेन्स बेचने की योजना से लोग उत्साहित हुए, लेकिन जब उपयोगिता सामने नहीं आई, तो यह एक मार्केटिंग गिमिक की तरह दिख सकता है।
  2. स्पेकुलेटिव बबल फूटेगा - लोग इन डोमेन्स को केवल रिटर्न की उम्मीद से खरीद रहे हैं। लेकिन जब उन्हें यूज़ करने का कोई रास्ता नहीं मिलेगा, तो सेलिंग प्रेशर बढ़ेगा और प्राइस गिर सकता है।
  3. इकोसिस्टम डेड हो सकता है - Web3 की सफलता उपयोगिता पर निर्भर करती है। केवल डिजिटल नेम बेचना एक स्थायी रणनीति नहीं हो सकती।

सुझाव

  • Core Team को जल्दी से जल्दी बिल्डर टूल्स लॉन्च करने चाहिए
  • Domain होल्डर्स के लिए डेवलपमेंट प्रतियोगिता या रिवॉर्ड-बेस्ड कैंपेन शुरू किए जाएं
  • Speculative खरीदारों की जगह वास्तविक डेवेलपर्स को प्राथमिकता दी जाए
कन्क्लूजन

Pi Network ने ".pi" Domains के ज़रिए Web3 की दिशा में साहसिक कदम उठाया है। लेकिन यदि ये डोमेन्स केवल बोली लगाने और बेचने का खेल बनकर रह गए, तो यह पूरे नेटवर्क के विजन को पीछे खींच सकता है। जब तक Pi Team उपयोगिता को केंद्र में नहीं लाती, तब तक यह Auction महज़ एक डिजिटल मार्केट ही रहेगा, प्रोजेक्ट्स के बिना, Pi का भविष्य अधूरा रहेगा। डोमेन्स तभी सफल होंगे जब वे केवल बिकें नहीं, बल्कि Web3 में कुछ नया बनाएं।

About the Author Rohit Tripathi

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

रोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास टेक्नोलॉजी और डिजिटल मीडिया में 13+ वर्षों का अनुभव है। बीते कुछ वर्षों से वह विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी, ऑन-चेन एनालिटिक्स, DeFi इकोसिस्टम और टोकनॉमिक्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। रोहित की विशेषज्ञता SEO-अनुकूल, डेटा-ड्रिवन कंटेंट और इंडस्ट्री-केंद्रित रिसर्च लेख तैयार करने में है।

वह वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। उनकी लेखनी में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देना सर्वोपरि है। वे ऑन-चेन टूल्स और विश्वसनीय मार्केट डेटा का प्रयोग करते हुए प्रत्येक लेख को फैक्ट-आधारित बनाते हैं। हिंदी भाषी रीडर्स के लिए उनका मिशन है: “हाई-क्वालिटी, फैक्चुअल और यूज़र-फर्स्ट क्रिप्टो कंटेंट उपलब्ध कराना।”

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