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Ripple vs SEC Case केस पर पूर्व वकील का बड़ा बयान आया सामने 

Ripple vs SEC Case एक बार फिर चर्चा में है, लेकिन इस बार रीजन अलग है। जहां मैक्सिमम लोग इस लंबे मुकदमे को लेकर देरी की शिकायत कर रहे हैं, वहीं पूर्व SEC Advocate Marc Fagel ने इस पर बड़ा बयान देते हुए कहा का कार्य करने का तरीका यही होता है और सब कुछ फिक्स प्रोसेस के अनुसार चल रहा है।

यह स्टेटमेंट उस वक्त आया जब सोशल मीडिया पर Ripple कम्युनिटी लगातार यह सवाल उठा रही थी कि, आखिर इस केस का फैसला क्यों नहीं हो पा रहा। लेकिन Marc Fagel की कमेंट ने न सिर्फ इस कन्फ्यूजन को तोड़ा, बल्कि कोर्ट की प्रोसेस के प्रति लोगों को एक नई समझ भी दी।

Ripple vs SEC Case

Source – Marc Fagel x Post

Ripple vs SEC Case में देरी नहीं, यह है कानूनी प्रोसेस 

Ripple vs SEC Case 2020 से ही चल रहा है, जब अमेरिकी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ने Ripple Labs पर ब्लेम लगाया था कि उसने XRP Token को एक सिक्योरिटी के फॉर्म में रजिस्टर किए बिना बेचा है। तब से यह मामला कई टर्न्स से गुजरा, जिसमें Ripple को पार्शियल जीत भी मिली।

हाल ही में SEC ने Ripple पर 2 बिलियन डॉलर की पनिशमेंट की मांग की थी, जबकि Ripple ने सिर्फ 10 मिलियन डॉलर का प्रपोजल दिया। इस पर कोर्ट का डिसीजन अभी पेंडिंग है।

Marc Fagel का कहना है कि इतने बड़े और कॉम्प्लिकेटेड केस में कोर्ट का टाइम लेना बिल्कुल सामान्य बात है। उन्होंने यह भी जोड़ा कि यह कोई Netflix शो नहीं है, जहां सब कुछ 40 मिनट में खत्म हो जाता है। उनके अकॉर्डिंग, Ripple vs SEC Case जैसे हाई-प्रोफाइल मामलों में न्यूट्रल डिसीजन में टाइम लगता है।

मामला कानूनी है, इमोशनल नहीं

Ripple vs SEC कम्युनिटी के लिए यह केस उनकी उम्मीदों का शाइन बन चुका है। लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोर्ट इमोशन्स से नहीं, कानून से चलता है।

पूर्व वकील का स्टेटमेंट इस बात की कन्फर्मेशन करता है कि कोर्ट पर अननेसेसरी  प्रेशर डालना गलत है। Ripple vs SEC मुकदमे की गति को लेकर जो क्रिटिसिज्म हो रही थी, वह सिर्फ एक पक्षीय नजरिया था। जब एक पूर्व अधिकारी यह कहता है कि प्रोसेस में सब कुछ लीगल और सामान्य है, तो हमें उस पर ध्यान देना चाहिए। 

Ripple vs SEC Case सिर्फ Ripple या SEC की प्रतिष्ठा का सवाल नहीं है, बल्कि यह पूरी क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए एक प्रेसिडेंट भी बनेगा। इसलिए, जितना जरूरी यह केस जीतना है, उतना ही जरूरी है कि इसका डिसीजन न्यायसंगत हो।

क्रिप्टोकरेंसी और Blockchain Technology की दुनिया में चल रही इस हलचल के बीच बीते दिनों 1 जुलाई को Ripple Labs ने आधिकारिक तौर पर XRPL EVM Sidechain को लॉन्च कर दिया है। जहाँ साइडचेन की मदद से Ethereum के स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट और क्रॉस-चेन DeFi अब सीधे XRP Ledger (XRPL) से जुड़ पाएंगे। Ripple का यह कदम Web3 स्पेस में इंटर ऑपरेबिलिटी की डायरेक्शन में बड़ा बदलाव ला सकता है। 

Ripple vs SEC Case का क्रिप्टो मार्केट पर इफेक्ट

Ripple vs SEC मुकदमे की खबरें जैसे ही आती हैं, मार्केट में हलचल देखी जाती है। XRP की कॉस्ट में उतार-चढ़ाव इसका प्रूफ है। हाल के सप्ताहों में XRP ने कभी रैली की है तो कभी गिरावट भी देखी है, और इसका बड़ा रीजन यही केस है।

क्रिप्टो इन्वेस्टर्स अब इस केस के डिसीजन का इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि इसका इफेक्ट अन्य टोकन और कंपनियों पर भी पड़ सकता है। यदि Ripple को कोर्ट से पूरी तरह राहत मिलती है, तो यह पूरे मार्केट में पॉजिटिव सेंटीमेंट पैदा कर सकता है। वहीं अगर SEC की पनिशमेंट वैलिड हो जाती है, तो यह अन्य क्रिप्टो प्रोजेक्ट्स के लिए वार्निंग बन सकता है। इसलिए Ripple vs SEC Case सिर्फ Ripple तक लिमिट नहीं है, यह पूरे Web3 स्पेस के लिए एक रेगुलेटरी माइलस्टोन प्रूफ हो सकता है।

कन्क्लूजन 

Ripple vs SEC Case में पूर्व SEC Lawyer की कमेंट यह दिखाती है कि हमें कोर्ट की प्रोसेस का रिस्पेक्ट करना चाहिए। यह सच है कि डिसीजन में देर हो रही है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि कोर्ट निष्क्रिय है। Marc Fagel जैसे अनुभवी वकील जब यह कहते हैं कि प्रोसेस जनरल है, तो उस पर ट्रस्ट करना चाहिए।

Ripple vs SEC Case का रिजल्ट जो भी हो, वह क्रिप्टो इतिहास में एक इम्पोर्टेन्ट चैप्टर बनेगा। लेकिन डिसीजन आने से पहले हमें न्यायपालिका के टाइम और प्रोसेस को समझना होगा। क्रिप्टो कम्युनिटी को चाहिए कि वो भावनाओं से नहीं, फैक्ट्स से जुड़े।

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