CoinDCX Hack, एक्सचेंज ने $44M रिकवरी के लिए बनाया प्लान
भारत का जाना माना क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX एक बड़े Cybersecurity Breach का शिकार हुआ है, जिसमें करीब $44 मिलियन की क्रिप्टो एसेट्स चोरी होने की पुष्टि हुई है। यह CoinDCX Hack अब तक भारत में किसी भी क्रिप्टो एक्सचेंज में हुए दूसरे सबसे बड़े हमलों में शामिल हो गया है। इससे पहले जुलाई 2024 में WazirX Hack हुआ था।
CoinDCX Hack पर एक्सचेंज के CEO Sumit Gupta ने कहा है कि यूज़र्स के फंड पूरी तरह सुरक्षित हैं और सभी नुकसान कंपनी की खुद की ट्रेजरी से कवर किए गए हैं। हालांकि, यह घटना Web3 सिक्योरिटी और एक्सचेंजों की आंतरिक तैयारियों पर एक बड़ा सवाल खड़ा करती है।
हालाँकि CoinDCX की ओर से कुछ जरुरी कदम भी उठाएं गए हैं, जिनके विषय में आपको जानना चाहिए।

Source - Sumit Gupta x Post
CoinDCX Hack Recovery Bounty Program से हैकर्स की पहचान की कोशिश
CoinDCX ने फंड रिकवरी के लिए Recovery Bounty Program जैसा अहम कदम उठाया है। इस प्रोग्राम के तहत, कंपनी उन सिक्योरिटी रिसर्चर्स और व्हाइट हैट हैकर्स को $11 मिलियन तक की Bounty देगी, जो चोरी किए गए फंड्स की ट्रैकिंग में मदद करेंगे या CoinDCX Hack के पीछे जिम्मेदार लोगों की पहचान कर पाएंगे।
इस पहल का उद्देश्य यह है कि CoinDCX Hack के पीछे के डिजिटल ट्रेल को जल्दी और सटीक तरीके से ट्रेस किया जा सके। इससे यह उम्मीद की जा रही है कि साइबर क्रिमिनल्स तक पहुंचने में मदद मिलेगी और साथ ही भविष्य में ऐसे हमलों के प्रति तैयार रहने का एक मजबूत मैकेनिज़्म तैयार किया जा सकेगा।
एक्सपर्ट्स और एजेंसियों की मदद से साइबर-हंट
CoinDCX ने PeckShield, SlowMist, CertiK और Chainalysis जैसी नामी ब्लॉकचेन सिक्योरिटी फर्म्स के साथ मिलकर एक गहन जांच शुरू की है। इसके अलावा, कंपनी भारत की सरकारी एजेंसियों और साइबर क्राइम यूनिट्स के साथ कोऑर्डिनेट करके इस CoinDCX Hack को क्रिमिनल एंगल से भी सॉल्व करने की कोशिश कर रही है।
हैकर्स ने CoinDCX के प्रोडक्शन सर्वर को टारगेट कर प्राइवेट कीज़ तक पहुंच बनाई और फिर चोरी किए गए ETH, USDT और DeFi टोकन को अलग-अलग Mixing wallets में ट्रांसफर किया। एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर मल्टी-सिग वॉलेट्स और हार्डवेयर सिक्योरिटी लागू होती, तो इस ब्रीच को रोका जा सकता था।
CoinDCX Security Infrastructure में हो सकता है ये बदलाव
CoinDCX अब अपनी सिक्योरिटी स्ट्रैटजी को नए सिरे से डिज़ाइन कर सकती है। आने वाले हफ्तों में ये संभावित बदलाव देखने को मिल सकते हैं:
- Multi-Sig Wallets का पूर्ण उपयोग
- Hardware Security Modules (HSM) की इंटीग्रेशन
- डेवलपर एक्सेस को सीमित करने के लिए Zero-Trust Policies
- एक्सटर्नल साइबर ऑडिट्स और थ्रेट मॉनिटरिंग टूल्स का इस्तेमाल
इन उपायों से CoinDCX न केवल खुद को बल्कि पूरे इंडियन क्रिप्टो ईकोसिस्टम को और अधिक मजबूत बना सकती है।
CoinDCX की ट्रांसपेरेंसी अच्छी, लेकिन जड़ में सुधार ज़रूरी
CoinDCX Hack के बाद कंपनी ने जो कदम उठाए हैं, जैसे कि बाउंटी प्रोग्राम, एक्सपर्ट एनालिसिस और यूज़र्स को तुरंत अपडेट देना, वो प्रोफेशनल अप्रोच दिखाते हैं। लेकिन सिर्फ रिएक्ट करना काफी नहीं है।
मुझे लगता है कि भारत के बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों को अब Web3 सिक्योरिटी को अपने इकोसिस्टम का कोर हिस्सा बनाना होगा। CoinDCX जैसी कंपनियों को Proactive Defense Mechanisms अपनाने होंगे ताकि भविष्य में किसी बाउंटी या क्राइसिस मैनेजमेंट की जरूरत ही न पड़े।
कन्क्लूजन
हालांकि CoinDCX Hack में यूज़र फंड्स पूरी तरह सुरक्षित रहे, लेकिन यह घटना ऑपरेशनल सिक्योरिटी और सिस्टम आर्किटेक्चर की कमजोरियों को उजागर करती है। CoinDCX का $11 मिलियन बाउंटी प्रोग्राम एक स्मार्ट स्ट्रैटेजी है जो क्रिप्टो सिक्योरिटी स्पेस को एक्टिव बनाता है।
अब ज़रूरत इस बात की है कि CoinDCX जैसे एक्सचेंज सिर्फ घटनाओं के बाद नहीं, बल्कि पहले से ही सिस्टम डिफेंस को अपनी प्राथमिकता बनाएं। क्योंकि क्रिप्टो की दुनिया में सिर्फ टेक्नोलॉजी नहीं, भरोसा भी सबसे बड़ा एसेट होता है।