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Crypto Scams से कैसे बचें, भारत में स्थिति और सुरक्षा टिप्स

क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया में हर दिन नए अवसर और जोखिम सामने आ रहे हैं। Bitcoin और Ethereum जैसे डिजिटल एसेट्स ने निवेशकों को आकर्षित किया है, लेकिन इसके साथ ही स्कैमर्स ने भी इस टेक्नोलॉजी का फायदा उठाना शुरू कर दिया है। 2024 में Crypto Scams के कारण वैश्विक नुकसान 4.6 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया और भारत जैसे देशों में भी ये स्कैम्स तेजी से बढ़ रहे हैं। चाहे आप नए इन्वेस्टर हों या अनुभवी, इन स्कैम्स से बचने के लिए जानकारी ही आपका सबसे बड़ा हथियार है। इस ब्लॉग में, हम Crypto Scams से जुड़े लेटेस्ट डाटा, भारत में उनकी स्थिति, कारणों, प्रकारों और बचाव के तरीकों को विस्तार से समझेंगे, जिससे कि आप सिक्योर और समझदार इन्वेस्टमेंट कर सकें। आइए, इस डिजिटल दुनिया के छिपे खतरों को समझने की शुरुआत करें।

Crypto Scams के बारे में बात करना क्यों जरुरी है?

Cryptocurrency Scams की रफ्तार पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ी है। Elliptic की "The State of Crypto Scams 2025" रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में Crypto Scams से ग्लोबल लेवल पर 9.9 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, जो 2024 के 9.3 बिलियन डॉलर से 6.5% अधिक है। Chainalysis की 2025 Crypto Crime Mid-Year Update के मुताबिक, 2025 के पहले छह महीनों में 2.17 बिलियन डॉलर की चोरी हुई, जिसमें ByBit एक्सचेंज का 1.5 बिलियन डॉलर का हैक प्रमुख है। FBI के 2024 डेटा के अनुसार, निवेश से जुड़े स्कैम्स ने 3.96 बिलियन डॉलर का नुकसान पहुंचाया, जो कुल क्रिप्टो फ्रॉड का 71% है।

2025 में, DeFi और Memecoin से जुड़े स्कैम्स में भारी उछाल देखा गया। उदाहरण के लिए, 2025 की शुरुआत में Rug Pull स्कैम्स से 6 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ, जो 2024 की तुलना में 66 गुना अधिक है। इन आंकड़ों से साफ है कि जैसे-जैसे क्रिप्टो बाजार बढ़ रहा है, स्कैमर्स नए और काम्प्लेक्स तरीकों से निवेशकों को निशाना बना रहे हैं। लेकिन भारत में यह स्थिति कैसी है? आइए, इसे समझते हैं।

भारत में Crypto Scam की स्थिति

भारत में क्रिप्टोकरेंसी का क्रेज तेजी से बढ़ रहा है, लेकिन इसके साथ ही स्कैम्स की संख्या भी चिंताजनक रूप से बढ़ी है। 2021 में, Chainalysis ने बताया था कि भारतीय यूजर्स ने क्रिप्टो स्कैम वेबसाइट्स को 9.6 मिलियन बार विजिट किया, जिसमें coinpayu.com और coingain.app जैसे प्लेटफॉर्म्स शामिल थे। इसी तरह से क्रिप्टो एक्सचेंज MECX ने हाल ही में अपनी रिपोर्ट में बताया था कि एशिया में 2025 में सबसे ज्यादा Crypto Fraud भारत में हुए हैं। हाल के वर्षों में, Enforcement Directorate (ED) ने कई बड़े स्कैम्स पर कार्रवाई की है। उदाहरण के लिए, 2025 में ED ने 600 करोड़ रुपये के Crypto Fraud की जांच शुरू की, जिसमें Chirag Tomar जैसे स्कैमर्स ने Coinbase जैसे वैध एक्सचेंज की नकली वेबसाइट्स बनाकर यूजर्स के लॉगिन डिटेल्स चुराए।

2025 में, भारत के प्रमुख क्रिप्टो एक्सचेंज CoinDCX पर 44 मिलियन डॉलर का साइबर हमला हुआ, जिसने सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए। 2024 में WazirX, भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंजों में से एक, 234 मिलियन डॉलर के हैक का शिकार हुआ, जिसने क्रिप्टो सुरक्षा को लेकर चिंताएं बढ़ा दीं। इसके अलावा, 2018 में GainBitcoin स्कैम में Amit Bhardwaj ने 8,000 से अधिक लोगों से 2,000 करोड़ रुपये ठगे। भारत में क्रिप्टो की अनिश्चित कानूनी स्थिति और रेगुलेशन की कमी स्कैमर्स के लिए आसान माहौल बनाती है। लेकिन ये स्कैम्स क्यों बढ़ रहे हैं? आइए, इसके कारणों पर नजर डालें।

Crypto Scams को बढ़ाने वाले कारण

Crypto Scams के बढ़ने के पीछे कई टेक्निकल, सामाजिक और आर्थिक कारण हैं, जो इस डिजिटल दुनिया को स्कैमर्स के लिए आसान शिकार बनाते हैं:

डिसेंट्रलाइजेशन और कम रेगुलेशन: क्रिप्टोकरेंसी के डिसेंट्रलाइज्ड नेचर और ट्रांज़ैक्शंस की Pseudonymity स्कैमर्स को ट्रेस करना मुश्किल बनाती है। भारत जैसे देशों में अभी क्रिप्टो के लिए स्पष्ट रेगुलेशन नहीं है, जिसका फायदा स्कैमर्स उठाते हैं।

टेक्निकल कोम्प्लेक्सिटी: ब्लॉकचेन और क्रिप्टो की दुनिया में टेक्निकल कोम्प्लेक्सिटी एक बड़ा मुद्दा है, जिसे समझना हर किसी के लिए आसान नहीं। स्कैमर्स इस कम जानकारी का फायदा उठाकर प्रॉफिट का लालच दिखाकर ठगी करते हैं।

हाई अनस्टेबिलिटी और FOMO: क्रिप्टो मार्केट की अनस्टेबिलिटी इन्वेस्टर्स को जल्दी अमीर बनने का लालच देती है। Bitcoin की कीमत 2025 में 118,000 डॉलर तक पहुंची, जिसने FOMO (Fear of Missing Out) को बढ़ाया।

AI और सोशल मीडिया का दुरुपयोग: Generative AI और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स जैसे LinkedIn, WhatsApp और Instagram का उपयोग करके स्कैमर्स फर्जी प्रोजेक्ट्स को बढ़ावा देते हैं। AI चैटबॉट्स और Deepfake वीडियो स्कैम्स को और विश्वसनीय बनाते हैं।

भारत में Crypto Regulations की कमी: भारत में क्रिप्टो ट्रेडिंग भले ही की जा सकती हो लेकिन इसको लेकर कोई स्पष्ट कानूनी प्रावधान नहीं है, ऐसे में फ्रॉड करने वाले व्यक्ति या समूह को बचाव का रास्ता मिल जाता है। हाल ही में Coins Act 2025 को लेकर चल रही चर्चा इसी जरुरत का परिणाम है।

इन कारणों को समझने के बाद, अब हमें यह जानना जरूरी है कि स्कैम्स के कौन-कौन से प्रकार सबसे ज्यादा प्रचलित हैं।

Crypto Scams के प्रकार

Crypto Scams कई तरीकों से किए जा रहे हैं, जिनमें से कुछ पुराने फ्रॉड के तरिकों को डिजिटल वर्ज़न हैं, तो कुछ ब्लॉकचेन के काम्प्लेक्स फीचर्स का फायदा उठा कर किए जा रहे हैं। नीचे कुछ प्रमुख प्रकार दिए गए हैं:

फिशिंग स्कैम्स: स्कैमर्स फर्जी ईमेल, टेक्स्ट या सोशल मीडिया मैसेज भेजकर यूजर्स के प्राइवेट कीज़ या लॉगिन डिटेल्स चुराते हैं। उदाहरण के लिए, हाल ही में Coinbase जैसी वैलिड वेबसाइट की फेक कॉपी बनाकर यूजर्स को निशाना बनाया गया था।

पंप एंड डंप स्कीम्स: स्कैमर्स किसी क्रिप्टो या टोकन की कीमत को सोशल मीडिया पर हाइप बनाकर बढ़ाते हैं और फिर उसे बेचकर गायब हो जाते हैं। 2025 में Memecoin से जुड़े पंप एंड डंप स्कैम्स में तेजी देखी गई।

Rug Pull स्कैम्स: DeFi प्रोजेक्ट्स या NFT में स्कैमर्स इन्वेस्टर्स से फंड जुटाते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। 2025 में Rug pull स्कैम्स से 6 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।

पिग ब्यूचरिंग स्कैम्स: यह एक लंबे समय तक चलने वाला स्कैम है, जहां स्कैमर्स पहले विश्वास बनाते हैं (अक्सर रोमांटिक या सोशल रिलेशनशिप के जरिए) और फिर निवेश के नाम पर पैसे ठगते हैं। FBI के अनुसार अकेले USA में 2024 में $9.3 बिलियन के क्रिप्टो स्कैम हुए थे, जिनमे सबसे ज्यादा पिग ब्यूचरिंग स्कैम्स ही थे।

फेक ICOs: स्कैमर्स फर्जी प्रोजेक्ट्स बनाकर इन्वेस्टर्स को आकर्षित करते हैं और फंड जुटाने के बाद गायब हो जाते हैं। उदाहरण के लिए, Centra Tech ने 25 मिलियन डॉलर की फर्जी ICO चलाई और बाद में प्रोजेक्ट ही गायब हो गया।

इम्पोस्टर स्कैम्स: स्कैमर्स वैलिड कंपनियों जैसे BlackRock या सेलिब्रिटी जैसे Elon Musk का नाम इस्तेमाल करके इन्वेस्टर्स को ठगते हैं।

हाई यील्ड इनवेस्टमेंट प्रोग्राम्स (HYIP): ये पॉन्जी स्कीम्स हैं जो कम समय में हजारों गुना रिटर्न का वादा करती हैं, लेकिन अंत में निवेशकों का पैसा लेकर गायब हो जाती हैं।

ब्लॉकचेन नेटवर्क अटैक्स: 51% अटैक, Sybil अटैक या रूटिंग अटैक जैसे टेक्निकल स्कैम्स पूरे ब्लॉकचेन नेटवर्क को निशाना बनाते हैं।

इनमें से कुछ स्कैम्स इतने आम हैं कि हर इन्वेस्टर को इनके बारे में जानना जरूरी है। आइए, अब सबसे कॉमन स्कैम्स और उनसे बचने के तरीकों पर गहराई से नजर डालें।

सबसे कॉमन Crypto Scams और उनसे बचाव के तरीके

कुछ Crypto Scams इतने प्रचलित हैं कि वे हर साल लाखों निवेशकों को निशाना बनाते हैं। नीचे हमने सबसे आम स्कैम्स और उनसे बचने के व्यावहारिक तरीके बताए हैं, ताकि आप अपने डिजिटल एसेट्स को सुरक्षित रख सकें:

फिशिंग स्कैम्स

यह क्या है?: स्कैमर्स फर्जी वेबसाइट्स, ईमेल या मैसेज के जरिए आपके वॉलेट की प्राइवेट कीज़ या लॉगिन डिटेल्स चुराते हैं। उदाहरण: एक फर्जी Coinbase वेबसाइट बनाई गयी थी जो असली जैसी दिखती है।

बचाव के तरीके: 

  • हमेशा वेबसाइट के URL को डबल-चेक करें। HTTPS और सही डोमेन सुनिश्चित करें।
  • अनजान लिंक्स पर क्लिक न करें। अगर आपको शक हो, तो ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर डायरेक्ट लॉगिन करें।
  • अपने वॉलेट की प्राइवेट कीज़ कभी शेयर न करें और 2FA (टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन) का उपयोग करें।

पंप एंड डंप स्कीम्स

यह क्या है?: स्कैमर्स सोशल मीडिया पर किसी टोकन या Memecoin की हाइप बनाते हैं, कीमत बढ़ाते हैं और फिर बेचकर गायब हो जाते हैं। उदाहरण: Squid Game-themed टोकन स्कैम।

बचाव के तरीके:

  • अचानक हाइप या बिना कारण के कीमतों में उछाल पर सावधान रहें।
  • निवेश से पहले प्रोजेक्ट की विश्वसनीयता जांचें: क्या यह ओपन-सोर्स है? डेवलपर्स की जानकारी उपलब्ध है?
  • केवल विश्वसनीय एक्सचेंजों पर ट्रेड करें, जैसे Binance या Kraken।

Rug Pull स्कैम्स

यह क्या है?: DeFi या NFT प्रोजेक्ट्स में स्कैमर्स निवेशकों से फंड जुटाते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। 2025 में Memecoin Rug Pulls ने 6 बिलियन डॉलर का नुकसान पहुंचाया।

बचाव के तरीके:

  • प्रोजेक्ट के स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट को ऑडिट करें। Etherscan जैसे टूल्स का उपयोग करें।
  • नए प्रोजेक्ट्स में निवेश से पहले उनके Whitepaper, Team और Community की जांच करें।
  • छोटी राशि से शुरुआत करें और तुरंत बड़ा निवेश न करें।

पिग ब्यूचरिंग स्कैम्स

यह क्या है?: स्कैमर्स ऑनलाइन रिलेशनशिप बनाकर विश्वास जीतते हैं और फिर निवेश के नाम पर ठगते हैं। 2025 में एक Maryland महिला ने इस स्कैम में लाखों डॉलर गंवाए।

बचाव के तरीके:

  • ऑनलाइन रिलेशनशिप में फाइनेंशियल डिटेल्स शेयर न करें।
  • निवेश के सुझावों को स्वतंत्र रूप से वेरिफ़ाई करें। दोस्तों या परिवार से राय लें।
  • अगर कोई जल्दी निवेश के लिए दबाव डाले, तो सतर्क हो जाएं।

फेक ICOs

यह क्या है?: स्कैमर्स फर्जी प्रोजेक्ट्स बनाकर निवेशकों से Bitcoin या Ethereum जुटाते हैं। Centra Tech इसका एक कुख्यात उदाहरण है।

बचाव के तरीके:

  • ICO में निवेश से पहले प्रोजेक्ट की वैलिडिटी जांचें। क्या उनके पास एक्टिव प्रोडक्ट है?
  • केवल रेगुलेटेड प्लेटफॉर्म्स पर निवेश करें।
  • ऑनलाइन रिव्यूज और स्कैम अलर्ट्स (जैसे DFPI Crypto Scam Tracker) पढ़ें।

इन तरीकों को अपनाकर आप Crypto Scams से काफी हद तक बच सकते हैं। लेकिन याद रखें, स्कैमर्स हर दिन नए तरीके आजमाते हैं, इसलिए सतर्कता और शिक्षा आपका सबसे बड़ा बचाव है।

क्रिप्टोकरेंसी की दुनिया अवसरों से भरी है, लेकिन इसके जोखिमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। लेटेस्ट डाटा से पता चलता है कि भारत जैसे उभरते बाजारों में स्कैम्स की संख्या और कोम्प्लेक्सिटी दोनों बढ़ रही हैं। फिशिंग, रग पुल, पंप एंड डंप और पिग ब्यूचरिंग जैसे स्कैम्स से बचने के लिए आपको तकनीकी जागरूकता, सतर्कता और सही टूल्स की जरूरत है। अपने प्राइवेट कीज़ को सिक्योर रखें, केवल ऐसे प्लेटफॉर्म्स का उपयोग करें जिनपर ट्रस्ट किया जा सकता हो और हर निवेश से पहले रिसर्च करें। अगर आप स्कैम का शिकार हो जाते हैं, तो तुरंत अपने लोकल पुलिस और रेगुलेटरी अथॉरिटी जैसे ED को सूचित करें। क्रिप्टो की इस काम्प्लेक्स दुनिया में, जानकारी और सावधानी ही आपकी सबसे बड़ी ताकत है। सुरक्षित रहें, स्मार्ट निवेश करें और इस डिजिटल क्रांति का हिस्सा बनें।

Ronak GhatiyaRonak Ghatiya
Ronak Ghatiya
Ronak Ghatiya एक उभरते हुए क्रिप्टो कंटेंट राइटर हैं, जिनका एजुकेशन और टेक्नोलॉजी में मजबूत बैकग्राउंड रहा है। उन्होंने पिछले एक वर्ष में ब्लॉकचेन, Web3 और डिजिटल एसेट्स जैसे विषयों पर डेटा-ड्रिवन और SEO-अनुकूल कंटेंट लिखा है, जो नए और प्रोफेशनल रीडर्स दोनों के लिए उपयोगी साबित हुआ है। रोनक की लेखनी का फोकस जटिल तकनीकी टॉपिक्स को आसान भाषा में समझाना है, जिससे क्रिप्टो स्पेस में ट्रस्ट और क्लैरिटी बनी रहे। उन्होंने CoinGabbar.com, Medium और अन्य क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए ब्लॉग्स और न्यूज़ स्टोरीज़ लिखी हैं, जिनमें क्रिएटिविटी और रिसर्च का संतुलन होता है। रोनक की स्टाइल डिटेल-ओरिएंटेड और रिस्पॉन्सिव है, और वह तेजी से बदलते क्रिप्टो परिदृश्य में एक विश्वसनीय आवाज़ बनने की ओर अग्रसर हैं। LinkedIn पर प्रोफ़ाइल देखें या उनके आर्टिकल्स यहाँ पढ़ें।
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