Coinbase की भारत में धमाकेदार वापसी
Crypto Exchanges

Coinbase is Back, भारत में हुई धमाकेदार वापसी

भारत में Coinbase की धमाकेदार वापसी 

Coinbase ने आधिकारिक तौर पर भारत में अपनी वापसी का ऐलान किया है। लंबे समय से भारतीय यूज़र्स इस प्लेटफ़ॉर्म का इंतज़ार कर रहे थे और अब कंपनी ने Early Access Program के तहत भारतीय मार्केट में कदम रखा है। इस बार कॉइनबेस का फोकस सिर्फ़ एक्सचेंज चलाने पर नहीं बल्कि ब्लॉकचेन इनोवेशन, साइबर सिक्योरिटी और गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने पर है।

यह कदम ऐसे समय में आया है जब इंडिया की Financial Intelligence Unit (FIU-IND) कई विदेशी एक्सचेंजों पर एक्शन ले रही है। इस बीच कॉइनबेस की वापसी न केवल कंपनी के लिए बल्कि इंडिया के पूरे क्रिप्टो और Blockchain Ecosystem के लिए एक बड़ा अवसर माना जा रहा है।

Coinbase is Back - Sapna Singh X Post

Source - यह इमेज Sapna Singh की X Post से ली गई है।

Coinbase की भारत में रणनीति

Coinbase ने साफ कर दिया है कि उसका इरादा सिर्फ़ यूज़र रजिस्ट्रेशन बढ़ाने या पेमेंट गेटवे पर फोकस करने का नहीं है। Coinbase की Indian Crypto Market में कुछ बड़ा करने की प्लानिंग है। इस बार कंपनी इंडिया के साथ मिलकर गवर्नेंस इंफ्रास्ट्रक्चर और साइबर सिक्योरिटी जैसे क्षेत्रों में इनोवेशन करना चाहती है।

पिछले महीने कॉइनबेस के चीफ़ लीगल ऑफिसर Paul Grewal ने कर्नाटक के IT Minister Priyank Kharge से मुलाकात की थी। इस मीटिंग में डेवलपर टूल्स, ब्लॉकचेन ट्रेनिंग प्रोग्राम्स, साइबर सिक्योरिटी पार्टनरशिप और जॉइंट हैकाथॉन जैसे सहयोगी प्रोजेक्ट्स पर चर्चा हुई।

जिसके बाद Paul Grewal ने X (पूर्व Twitter) पर लिखा था, “The future is onchain and it’s being built here.” यह बयान दर्शाता है कि Coinbase इंडिया को एक भविष्य का ब्लॉकचेन हब मानता है।

भारतीय क्रिप्टो इंडस्ट्री के लिए महत्व

Coinbase अमेरिका में पब्लिकली लिस्टेड कंपनी है और इसका रेगुलेटरी एक्सपीरियंस इसे अन्य विदेशी एक्सचेंजों से अलग करता है। इंडिया में FIU-IND लगातार उन प्लेटफ़ॉर्म्स के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है जो AML (Anti-Money Laundering) नियमों का पालन नहीं कर रहे। हाल ही में BingX, LBank, CoinW और ProBit Global जैसी 25 Offshore Crypto Exchanges पर FIU India ने कार्रवाई की है, जिसके तहत इन एक्सचेंजों को नोटिस जारी किया गया और भारतीय मार्केट से उनके ऐप्स हटवाए गए।

ऐसे समय में कॉइनबेस की वापसी निवेशकों और ट्रेडर्स के लिए विश्वास की एक नई किरण लेकर आई है। चूंकि कॉइनबेस पहले से ही अमेरिकी कानूनों के तहत काम करता है, इसलिए इसकी इंडिया में मौजूदगी लोकल रेगुलेटरी सिस्टम के साथ सामंजस्य बैठाने में मदद कर सकती है।

अगर कॉइनबेस भारत सरकार और राज्यों के साथ Blockchain ट्रेनिंग, साइबर सिक्योरिटी और गवर्नेंस पर काम करता है, तो इससे केवल ट्रेडिंग ही नहीं बल्कि पूरी डिजिटल इकोनॉमी को लाभ होगा।

डेवलपर्स और यूज़र्स के लिए अवसर

Coinbase की वापसी का सबसे बड़ा असर भारतीय डेवलपर कम्युनिटी पर पड़ सकता है। कंपनी ब्लॉकचेन ट्रेनिंग प्रोग्राम्स और जॉइंट हैकाथॉन आयोजित करने की योजना बना रही है। इसका मतलब है कि आने वाले समय में इंडिया के युवा डेवलपर्स को वर्ल्ड-क्लास ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट्स पर काम करने और इंटरनेशनल लेवल पर स्किल्स दिखाने का मौका मिलेगा।

सिर्फ़ यही नहीं, अगर कॉइनबेस साइबर सिक्योरिटी और Blockchain Governance पर काम करता है, तो इससे इंडिया के डिजिटल फाइनेंस इकोसिस्टम की सुरक्षा भी मजबूत होगी। यह कदम भारत को ग्लोबल ब्लॉकचेन इंडस्ट्री में लीडर बना सकता है।

यूज़र्स के लिए भी यह एक बड़ी खबर है। Coinbase दुनिया का सबसे भरोसेमंद क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म माना जाता है। इसका मतलब है कि भारतीय ट्रेडर्स को सुरक्षित और ग्लोबली टेस्टेड प्लेटफ़ॉर्म पर क्रिप्टो एक्सपीरियंस मिलेगा।

कॉइनबेस की वापसी भारतीय यूजर्स के लिए है पॉज़िटिव सिग्नल 

डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म पर अपने 13 सालों के अनुभव और क्रिप्टो मार्केट में 3 साल के अनुभव से कहूँ तो, मेरे हिसाब से कॉइनबेस की वापसी केवल एक एक्सचेंज की वापसी नहीं है। यह इंडिया के लिए एक अवसर है कि वह Blockchain Innovation में दुनिया का लीडर बन सके। जब एक ऐसी कंपनी, जो पहले से अमेरिकी रेगुलेशन के तहत काम करती है, भारत के साथ साझेदारी करती है, तो यह लोकल और ग्लोबल दोनों लेवल पर पॉज़िटिव सिग्नल देता है।

Coinbase अगर इंडिया में डेवलपर्स को स्किल बिल्डिंग, Blockchain Programs और साइबर सिक्योरिटी में सहयोग करता है, तो आने वाले सालों में भारत न सिर्फ़ एक बड़ा क्रिप्टो मार्केट होगा, बल्कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का एक्सपोर्टर भी बन सकता है।

कन्क्लूजन

कॉइनबेस की इंडिया में धमाकेदार वापसी इस बात का संकेत है कि इंडिया की ब्लॉकचेन और क्रिप्टो इंडस्ट्री अगले लेवल की ओर बढ़ रही है। Early Access Program से शुरुआत कर कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि उसका मकसद सिर्फ़ क्रिप्टो ट्रेडिंग नहीं बल्कि ब्लॉकचेन का भविष्य बनाना है।

भारत सरकार और कॉइनबेस अगर मिलकर काम करते हैं तो यह सहयोग क्रिप्टो निवेशकों के साथ पूरे डिजिटल भारत के लिए गेम-चेंजर साबित हो सकता है। कॉइनबेस की वापसी के साथ भारत में ब्लॉकचेन इनोवेशन, साइबर सिक्योरिटी और डेवलपर स्किल्स का नया अध्याय शुरू होने वाला है।

Rohit Tripathi

रोहित त्रिपाठी एक सीनियर क्रिप्टो कंटेंट राइटर और ब्लॉकचेन रिसर्चर हैं, जिनके पास टेक्नोलॉजी और डिजिटल मीडिया में 13+ वर्षों का अनुभव है। बीते कुछ वर्षों से वह विशेष रूप से क्रिप्टोकरेंसी, ऑन-चेन एनालिटिक्स, DeFi इकोसिस्टम और टोकनॉमिक्स जैसे क्षेत्रों पर केंद्रित हैं। रोहित की विशेषज्ञता SEO-अनुकूल, डेटा-ड्रिवन कंटेंट और इंडस्ट्री-केंद्रित रिसर्च लेख तैयार करने में है।

वह वर्तमान में Crypto Hindi News में टीम लीड और हेड ऑफ कंटेंट के रूप में कार्यरत हैं। उनकी लेखनी में एक्यूरेसी, ट्रांसपेरेंसी और रीडर्स को वैल्यू देना सर्वोपरि है। वे ऑन-चेन टूल्स और विश्वसनीय मार्केट डेटा का प्रयोग करते हुए प्रत्येक लेख को फैक्ट-आधारित बनाते हैं। हिंदी भाषी रीडर्स के लिए उनका मिशन है: “हाई-क्वालिटी, फैक्चुअल और यूज़र-फर्स्ट क्रिप्टो कंटेंट उपलब्ध कराना।”

LEAVE A REPLY
Please enter your comment!
Please enter your name here

और ब्लॉकचेन खबरें
Frequently Asked Questions
{{$alt}} Explore Our FAQs

Find quick answers to commonly asked questions and understand how things work around here.

Coinbase अब ब्लॉकचेन इनोवेशन, साइबर सिक्योरिटी और डेवलपर ट्रेनिंग पर फोकस करने के लिए भारत लौटा है।
Coinbase भारत सरकार और नियमों के अनुरूप काम करने के लिए लीगल और रेगुलेटरी फ्रेमवर्क पर जोर दे रहा है।
फोकस केवल ट्रेडिंग पर नहीं, बल्कि ब्लॉकचेन इंफ्रास्ट्रक्चर, साइबर सिक्योरिटी और डेवलपर स्किल्स पर होगा।
यह शुरुआती यूजर्स को एक्सचेंज प्लेटफॉर्म और नए ब्लॉकचेन टूल्स को पहले इस्तेमाल करने का मौका देता है।
हाँ, लेकिन कंपनी ट्रेडिंग से आगे बढ़कर गवर्नेंस और टेक्नोलॉजिकल पार्टनरशिप पर ज्यादा जोर दे रही है।
Coinbase ने IT Minister के साथ ब्लॉकचेन ट्रेनिंग, हैकाथॉन और डेवलपर टूल्स पर सहयोग की चर्चा की है।
यह कदम मार्केट में भरोसा और इनोवेशन लाएगा, जिससे भारत ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी का हब बन सकता है।
हाँ, Coinbase भारत में ब्लॉकचेन सिक्योरिटी और डेटा प्रोटेक्शन को मजबूत करने पर काम करेगा।
डेवलपर्स को ब्लॉकचेन ट्रेनिंग, हैकाथॉन और स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम्स से जुड़ने का मौका मिलेगा।
यह सिर्फ एक एक्सचेंज की वापसी नहीं, बल्कि डिजिटल इंडिया के ब्लॉकचेन फाउंडेशन को मजबूत करने की दिशा है।