Delhi Police Busted Crypto Linked Cyber Fraud
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Delhi Police ने Crypto Linked Cyber Fraud का किया भंडाफोड़

Delhi Police ने Crypto Linked Cyber Fraud से जुड़े 5 आरोपी किए गिरफ्तार   

Delhi Police की Crime Branch Cyber Cell ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए ऑल इंडिया स्तर पर सक्रिय Crypto Linked Cyber Fraud से जुड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में एकसाथ की गई छापेमारी में कई बड़े मास्टरमाइंड गिरफ़्तार किए गए हैं। ऑपरेशन के दौरान ₹5 करोड़ मूल्य की USDT (Tether) ट्रेल Dubai स्थित हैंडलर्स से जुड़ी मिली है, जो एक बड़े अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड नेटवर्क की ओर संकेत करती है।

Delhi Police Busted Crypto Linked Cyber Fraud

Source: यह इमेज Delhi Police की X Post से ली गयी है। 

यह कार्रवाई एसीपी अनिल शर्मा के नेतृत्व और डीसीपी आदित्य गौतम के निर्देशन में, इंस्पेक्टर संदीप सिंह और इंस्पेक्टर अशोक कुमार की टीम द्वारा की गई। टीम ने विभिन्न राज्यों में फैले Digital Arrest, Investment Fraud, Mule Account, और Fake E-commerce Operations का नेटवर्क उजागर किया है।

क्या है पूरा मामला

Crime Branch Cyber Cell की जांच में सामने आया कि यह गिरोह देशभर में Digital Arrest Scam और Investment Fraud Scam चला रहा था। गिरोह पीड़ितों को झूठे आरोपों में फंसाने, फर्जी एजेंसियों का भय दिखाने और नकली पुलिस बनकर पैसों की उगाही करता था। इसी तरह नकली Investment Platforms बनाकर लोगों से लाखों रुपये ठगे जा रहे थे।

जांच अधिकारियों ने बताया कि इस नेटवर्क की फंडिंग का बड़ा हिस्सा क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से Dubai स्थित ऑपरेटरों तक पहुंच रहा था। Gurugram में की गई छापेमारी में तीन क्रिप्टो वॉलेट बरामद हुए, जिनमें 552,944 USDT (लगभग ₹5 करोड़) मौजूद थे।

कौन-कौन हुआ गिरफ्तार

टीम ने अलग-अलग राज्यों में दबिश देकर कई अहम आरोपी पकड़े। इनमें शामिल हैं:

  • Sumit Kumar
  • Atul Sharma (Kurukshetra)
  • Rahul Manda (Hisar)
  • Varun Anchal उर्फ Lucky (Jalandhar)
  • Amit Kumar Singh उर्फ Kartik (Saran)

इसके अलावा एक और अहम आरोपी Lakshay Nanda (Ludhiana) की जमानत को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया है। वह ₹48.35 लाख के Investment Fraud Case में शामिल था।

मुख्य मास्टरमाइंड और उनकी भूमिका

1. Dubai Handler के लिए काम करने वाला सिंडिकेट ऑपरेटर गिरफ्तार

जांच में यह भी सामने आया कि Investment Scam का प्रमुख ऑपरेटर सीधे Dubai में बैठे हैंडलर Sumit Garg के लिए काम करता था। यही आरोपी भारत में चल रहे फर्जी इन्वेस्टमेंट रैकेट को  ऑपरेट कर रहा था।

2. Digital Arrest Scam में Rahul Manda की भूमिका

Hisar के Rahul Manda को Digital Arrest Fraud Case में पकड़ा गया। उसने एक पीड़ित को फर्जी एजेंसी का भय दिखाकर ₹30 लाख ठग लिए थे।

3. Mule Accounts और Fund Transfer नेटवर्क

Jalandhar के Varun Anchal को कई म्यूल अकाउंट और फंड ट्रांसफर चैनल मैनेज करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। यही अकाउंट इस नेटवर्क की मनी मूवमेंट का आधार थे।

4. Ex-Bank Employee की मदद से Transactions 

Saran के Amit Kumar Singh, जो पहले बैंक में काम कर चुका है, को फर्जी खातों और ट्रांजैक्शन्स को वैध दिखाने में मदद करने पर पकड़ा गया।

कैसे चलता था यह Crypto Linked Cyber Fraud Network

जांच में ऐसे कई महत्वपूर्ण मॉडल सामने आए हैं जिनका उपयोग यह सिंडिकेट बड़े स्तर पर Crypto Linked Cyber Fraud में करता था।

1. Digital Arrest मॉड्यूल

  • फर्जी पुलिस या सरकारी एजेंसी बनकर कॉल
  • पीड़ित को गंभीर अपराध में फँसाने की धमकी
  • पीड़ित को लाइव वीडियो पर “हिरासत” में रखने का नाटक
  • राशि ट्रांसफर कराने तक उसे डराया जाता था

2. Fake Investment Scam

  • नकली ऑनलाइन प्लेटफॉर्म
  • हाई रिटर्न का लालच
  • शुरू में फर्जी मुनाफा दिखाकर विश्वास जीतना
  • आखिर में पूरा पैसा क्रिप्टो में Dubai तक भेजना

3. Fake Firms और E-commerce कंपनियाँ

गिरोह नकली ई-कॉमर्स शेल कंपनियाँ बनाकर मनी फ्लो को वैध दिखाता था। ऐसा करके वे UPI और बैंकिंग ट्रांजैक्शनों की वास्तविक नेचर छुपा लेते थे।

4. Students और Jobless Youth को Mule Account ऑपरेटर बनाना

  • कमजोर आर्थिक बैकग्राउंड के युवा
  • PG रेजिडेंट और कॉलेज स्टूडेंट
  • इन्हें “कमाई का आसान तरीका” बताकर फंसाया जाता था
  • इनके नाम पर खातों में लाखों रुपये घुमाए जाते थे

ऑपरेशन में क्या-क्या हुआ बरामद

Cyber Cell ने छापेमारी में कई डिजिटल एविडेंस और फाइनेंशियल टूल्स बरामद किए हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • कई मोबाइल फोन
  • सैकड़ों SIM कार्ड
  • लैपटॉप
  • चेकबुक्स
  • फर्जी फर्म डॉक्यूमेंट्स
  • तीन बड़े क्रिप्टो वॉलेट (USDT बैलेंस ₹5 करोड़ के बराबर)
बढ़ते Crypto Linked Cyber Fraud पर बड़ा अलर्ट

इस पूरे ऑपरेशन से साफ है कि अब साइबर ठगी नेटवर्क बड़े पैमाने पर क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग कर रहे हैं। Dubai और अन्य विदेशी लोकेशंस से ऑपरेट होने वाले इन Crypto Linked Cyber Fraud में:

  • क्रिप्टो वॉलेट्स
  • एक्सचेंज हॉपिंग
  • USDT जैसे स्टेबलकॉइन्स
  • म्यूल अकाउंट नेटवर्क

का इस्तेमाल लगातार बढ़ रहा है। यह भारत की साइबर सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ा चुनौतीपूर्ण क्षेत्र बन गया है।

कन्क्लूज़न

Delhi Crime Branch की इस कार्रवाई ने एक बार फिर दिखा दिया है कि साइबर अपराध तेजी से संगठित, ग्लोबल और टेक-ड्रिवन होता जा रहा है। ₹5 करोड़ की क्रिप्टो ट्रेल, Dubai आधारित हैंडलर्स और कई राज्यों में फैले म्यूल अकाउंट नेटवर्क इस बात का प्रमाण हैं कि भारत में साइबर सुरक्षा और रेगुलेशन को मजबूत करने की जरूरत पहले से ज्यादा है।

यह तो स्पष्ट है कि भारत में Crypto Linked Cyber Fraud का दायरा लगातार बढ़ रहा है, लेकिन भारतीय एजेंसियां भी तत्परता से इसका मुकाबला कर रही है। लेकिन इसके ग्लोबल दायरे को देखते हुए जरुरी है कि ग्लोबल लेवल पर मिलकर इन अप्रदों को रोकने के लिए कदम उठाया जाए। 

DIsclaimer: यह आर्टिकल एजुकेशनल पर्पस से लिखा गया है। क्रिप्टो मार्केट वोलेटाइल है, किसी भी तरह के इन्वेस्टमेंट से पहले अपनी रिसर्च जरुर करें। 

About the Author Ronak Ghatiya

Crypto Journalist Cryptohindinews.in

Ronak Ghatiya एक उभरते हुए क्रिप्टो कंटेंट राइटर हैं, जिनका एजुकेशन और टेक्नोलॉजी में मजबूत बैकग्राउंड रहा है। उन्होंने पिछले 6 वर्ष में फाइनेंस, ब्लॉकचेन, Web3 और डिजिटल एसेट्स जैसे विषयों पर डेटा-ड्रिवन और SEO-अनुकूल कंटेंट लिखा है, जो नए और प्रोफेशनल रीडर्स दोनों के लिए उपयोगी साबित हुआ है। रोनक की लेखनी का फोकस जटिल तकनीकी टॉपिक्स को आसान भाषा में समझाना है, जिससे क्रिप्टो स्पेस में ट्रस्ट और क्लैरिटी बनी रहे।

उन्होंने CoinGabbar.com, Medium और अन्य क्रिप्टो प्लेटफ़ॉर्म्स के लिए ब्लॉग्स और न्यूज़ स्टोरीज़ लिखी हैं, जिनमें क्रिएटिविटी और रिसर्च का संतुलन होता है। रोनक की स्टाइल डिटेल-ओरिएंटेड और रिस्पॉन्सिव है, और वह तेजी से बदलते क्रिप्टो परिदृश्य में एक विश्वसनीय आवाज़ बनने की ओर अग्रसर हैं। LinkedIn पर प्रोफ़ाइल देखें या उनके आर्टिकल्स यहाँ पढ़ें।

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Delhi Police की Crime Branch Cyber Cell ने यह कार्रवाई की; एसीपी अनिल शर्मा के नेतृत्व में और डीसीपी आदित्य गौतम के निर्देशन में इंस्पेक्टर संदीप सिंह व इंस्पेक्टर अशोक कुमार की टीम ने ऑपरेशन चलाया।
पुलिस ने ऑल इंडिया स्तर पर छापेमारी करते हुए प्रमुख मास्टरमाइंड समेत कम से कम पाँच आरोपियों को गिरफ्तार किया — दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और उत्तराखंड में कार्रवाई की गई।
ऑपरेशन में तीन क्रिप्टो वॉलेट बरामद हुए जिनमें कुल 552,944 USDT मौजूद थे — जिसकी स्थानीय अनुमानित कीमत लगभग ₹5 करोड़ बताई जा रही है।
जांच में गिरोह ने मुख्यतः Digital Arrest Scam, Fake Investment Platforms, Fake E-commerce शेल कंपनियाँ, और म्यूल अकाउंट के जरिए फंड ट्रांसफर जैसे मॉडल उपयोग किए।
गिरोह फर्जी पुलिस/सरकारी एजेंसी बनकर कॉल कर पीड़ित को गंभीर अपराध में फंसाने की धमकी देता, लाइव-हिरासत का नाटक करके डराकर पैसों की मांग करता और रैशि ट्रांसफर कराता था।
जांच में यह पता चला कि फंडिंग का बड़ा हिस्सा क्रिप्टो के माध्यम से Dubai स्थित ऑपरेटरों तक जा रहा था और एक प्रमुख ऑपरेटर सीधे Dubai में बैठे हैंडलर Sumit Garg के लिए काम कर रहा था।
गिरोह गरीब/नौकरी-रहित युवाओं, PG रेजिडेंट और छात्रों को बहला-फुसलाकर म्यूल अकाउंट ऑपरेटर बनवाता और उनके खातों के माध्यम से बड़ी रकम कई चैनलों में घुमाकर असली स्रोत छुपाता था।
छापेमारी में कई मोबाइल फोन, सैकड़ों SIM कार्ड, लैपटॉप, चेकबुक्स, फर्जी फर्म डॉक्यूमेंट्स और तीन बड़े क्रिप्टो वॉलेट बरामद किए गए।
पीड़ितों को किसी भी अनजान कॉल/धमकी पर पैसे न भेजें, आधिकारिक एजेंसी से सीधे सत्यापित करें, अपने बैंक और क्रिप्टो ट्रांजैक्शन मॉनिटर करें और शक होने पर तुरंत पुलिस/साइबर सेल को सूचित करें।
यह बताता है कि क्रिप्टो-लिंक्ड साइबर फ्रॉड अब अधिक संगठित और ग्लोबल हैं — भारत में साइबर सुरक्षा, रेगुलेशन और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करने की आवश्यकता और बढ़ गई है।