NFT में Royalty कैसे सेट होती है और यह कैसे काम करती है?
NFT और NFT Marketplace ऐसे इनोवेशन हैं, जिन्होंने डिजिटल क्रिएटर्स को अपने आर्ट को बेचने और उनका प्रचार करने के लिए नए माध्यम उपलब्ध करवाया है। अगर आप डिजिटल क्रिएटर हैं तो आपने भी NFT के जरिए अपने डिजिटल आर्ट को बेचने के बारे में सोचा जरुर होगा। ऐसे में आपके मन में यह प्रश्न जरुर होगा कि एक बार NFT बेचने के बाद क्या उस पर से सारे अधिकार समाप्त हो जाते हैं या कोई ऐसा मैकेनिज्म भी है की NFT बेचने के बाद भी आपकी अपने आर्ट से कमाई हो सके, यदि ऐसा है तो यह ब्लॉग आपके लिए ही है।
NFT Royalty के द्वारा ऐसा ही सिस्टम तैयार किया गया है, जिसके द्वारा आप NFT बेचने के बाद भी उससे कमाई कर सकते हैं। इस ब्लॉग में हम जानेंगे की NFT Royalty क्या होती है, यह कैसे सेट की जाती है और कैसे यह क्रिएटर्स के लिए एक सस्टेनेबल इनकम का जरिया बन चुकी है।
NFT Royalty क्या होती है?
NFT में Royalty का मतलब है कि जब आपके द्वारा Mint की गयी NFT किसी दूसरे खरीदार को फिर से बेचीं जाती है, तो इसे Resale करने पर भी आपको एक फिक्स्ड परसेंटेज का पे आउट मिलता है। इसकी सबसे खास बात यह है की NFT चाहे जितनी बार Resale हो यह रॉयल्टी आपको मिलती ही है। मतलब, NFT को चाहे जितनी बार बेचा जाए हर बार आपके वॉलेट में रॉयल्टी आती रहेगी। इस तरह से NFT Royalty डिजिटल क्रिएटर्स की उनके आर्ट पर ओनरशिप को हमेशा के लिए संभव बना देती है।
इसके अलावा NFT Royalty खुद क्रिएटर के द्वारा NFT Minting के समय तय की जाती हैं और यह पूरी प्रक्रिया स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट के ज़रिए अपने-आप एक्सिक्यूट होती है।
NFT में Royalty कैसे काम करती है?
यह एक पहले से निर्धारित Smart Contract लॉजिक के आधार पर काम करती है, जिसके अनुसार Resale ट्रांज़ैक्शन के दौरान फिक्स्ड परसेंटेज क्रिएटर को भेज दिया जाता है।
Royalty कैसे काम करती है, Step-by-Step प्रोसेस:
- NFT Mint करना: Creator NFT Marketplace पर NFT Mint करता है और उसी समय Royalty Percentage सेट करता है।
- Primary Sale: जब NFT पहली बार बिकता है तब क्रिएटर को Marketplace Fee काटकर पूरा अमाउंट मिलता है।
- Secondary Sale: जब NFT Resale होता है तब NFT Minting के समय सेट किया गया Royalty Percentage क्रिएटर के Crypto Wallet में चला जाता है। ऐसा हर सेल के बाद होता है।
- Automation: यह सब बिना Smart Contract के द्वारा बिना किसी मैन्युअल प्रोसेस के अपने-आप होता है।
इसे इस तरह से समझा जा सकता है, मान लीजिए, एक आर्टिस्ट ने 10% रॉयल्टी के साथ NFT Mint किया।
- NFT पहली बार 1 ETH में बिका → Artist को 1 ETH मिला।
- NFT Resale हुआ 5 ETH में → Artist को 0.5 ETH Royalty मिली।
- NFT तीसरी बार 10 ETH में बिका → Artist को फिर 1 ETH Royalty मिली।
अब सोचिए, अगर यह NFT बार-बार Resale होता रहे तो क्रिएटर को एक सस्टेनेबल इनकम बिना कोई नया प्रयास किए मिलती रहेगी। इसी कारण से NFT Royalty का कांसेप्ट इतना ट्रेंडिंग में है।
Royalty Percentage कैसे सेट की जाती है?
जब क्रिएटर किसी NFT Platform जैसे OpenSea, Rarible, या Foundation पर NFT Mint करता है, उसी समय प्लेटफार्म के डैशबोर्ड पर रॉयल्टी परसेंटेज डालने का ऑप्शन मिलता है।
- यह रॉयल्टी परसेंटेज आमतौर पर 5% से 10% के बीच होता है।
- कुछ प्लेटफॉर्म पर 20% तक की फ्लेक्सिबिलिटी भी मिलती है।
- एक बार रॉयल्टी सेट हो गई, तो वह स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट में हमेशा के लिए स्टोर हो जाती है और इसे बदला नहीं जा सकता।
इस तरह से यह सेटअप क्रिएटर को लॉन्ग-टर्म अर्निंग में मदद करता है।
NFT Royalty का पेमेंट किसे और कब मिलता है?
जब NFT Resale होती है, तो उस ट्रांज़ैक्शन में से रॉयल्टी का हिस्सा ऑटोमैटिकली काटकर क्रिएटर के क्रिप्टो वॉलेट में भेज दिया जाता है। इसकी खासियत होती है की NFT Royalty का पेमेंट तुरंत होता है, यह पेमेंट क्रिप्टोकरेंसी में होता है जिसमें NFT बिका हो (जैसे ETH, SOL आदि) और सबसे खास बात इसके लिए किसी थर्ड पार्टी या मैन्युअल पे आउट की ज़रूरत नहीं होती है।
आपके मन में यह सवाल जरुर होगा की यह कैसे पता चलता है की NFT Resale हुई है, तो इसका जवाब है, NFT के Resale और रॉयल्टी को ब्लॉकचेन पर ट्रैक और वेरिफ़ाई किया जा सकता है, जिससे ट्रस्ट बना रहता है और किसी प्रकार के फ्रॉड की गुंजाईश नहीं रहती है।
कौन-से NFT Marketplace Royalty सपोर्ट करते हैं?
सभी NFT Marketplace, रॉयल्टी को एक जैसा सपोर्ट नहीं करता। नीचे कुछ पॉपुलर NFT Platform के बीच तुलना की गयी है:
Platform | Royalty Range | Enforcement | Special Notes |
OpenSea | 0–10% | Optional (2024) | 2024 से रॉयल्टी एनफोर्समेंट ऑप्शनल (केवल “Creator Earnings Tool” से जुड़े कॉन्ट्रैक्ट्स पर)। |
Blur | 0.5–5% | Optional (No enforcement) | ट्रेडर्स-फ्रेंडली, लो फीस। रॉयल्टी देना करना बायर/सेलर पर निर्भर। $BLUR टोकन रिवॉर्ड्स मिलते हैं। |
Rarible | 0–50% | Enforced (on-chain) | फ्लेक्सिबल रॉयल्टी, लेकिन ऊँची रॉयल्टी बायर इंटरेस्ट को कम कर सकती है। |
Foundation | 10% | Enforced | फिक्स्ड रॉयल्टी, आर्टिस्ट-फ्रेंडली प्लेटफॉर्म। |
LooksRare | 0–10% | Optional | 2% मार्केटप्लेस फी भी लागू, $LOOKS टोकन इनाम। |
SuperRare | 10% | Enforced | हाई-एंड आर्ट पर फोकस, सख्त रॉयल्टी। |
On-chain vs Off-chain Royalty Mechanism
On-chain Royalty का मतलब यह है कि रॉयल्टी सीधे स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट में कोड की गई होती है, जिससे हर Resale पर आटोमेटिक पेआउट होता है जबकि Off-chain Royalty प्लेटफार्म के आधार पर तय होती है और इसमें रॉयल्टी लागू करना मार्केटप्लेस की इंटरनल पालिसी पर निर्भर करती है।
- On-chain Royalty: ज़्यादा सिक्योर और विश्वसनीय होती है।
- Off-chain Royalty: ज़्यादा फ्लेक्सिबल होती है लेकिन कभी-कभी बाईपास भी की जा सकती है।
Royalty Bypass और Creator के लिए चुनौतियाँ
NFT इकोसिस्टम में रॉयल्टी एक पावरफुल कांसेप्ट है, लेकिन इसके साथ भी बहुत सी चुनौतियाँ है। जैसे:
- कुछ NFT Marketplace, रॉयल्टी को बाईपास करने की फैसिलिटी देते हैं।
- खरीदार कम कीमत पर NFT खरीदने के लिए रॉयल्टी से बचने की कोशिश करते हैं।
- Cross-platform NFT ट्रान्सफर में रॉयल्टी एन्फोर्समेंट कंसिस्टेंट नहीं रहती है।
इन लूप होल से क्रिएटर की अर्निंग प्रभावित हो सकती है, खासकर ऐसे यूज़र्स को जिनको इसके बारे में कम जानकारी रहती है।
Royalty के फायदे: Creators के लिए Game Changer क्यों?
- Recurring Income: एक ही डिजिटल एसेट से बार-बार कमाई।
- No Middleman: रॉयल्टी सीधे क्रिएटर के वॉलेट में।
- Global Reach: किसी जियोग्राफिक रेस्ट्रिक्शन के बिना रॉयल्टी प्राप्त होती है।
- Transparency: हर ट्रांज़ैक्शन पब्लिक ट्रेसेबल होता है जिससे फ्रॉड की सम्भावना नहीं रहती है।
इसके कारण NFT ट्रेडिशनल लाइसेंसिंग मॉडल से काफी आगे निकल जाता है।
Future of NFT Royalties: क्या बदलाव आ सकते हैं?
NFT Royalty सिस्टम अभी भी एवोल्विंग स्टेज में है। आने वाले समय में कुछ संभावित बदलाव हो सकते हैं:
- Standardized Royalty Protocols: जिससे की Cross-platform Royalty एन्फोर्समेंट यूनिवर्सल हो सके।
- Dynamic Royalty Models: जहाँ रॉयल्टी परसेंटेज रीसेल प्राइस या टाइम के हिसाब से बदल सके।
- Creator DAOs: जो अपने राइट्स को कलेक्टिवली एनफोर्स करें।
- Royalty Insurance: बायर और क्रिएटर्स दोनों के लिए ट्रस्ट बढ़ाने वाला सॉल्यूशन है।
यह साफ है कि जैसे-जैसे NFT इकोसिस्टम मैच्योर होगा, Royalty Models और ज़्यादा रिफाइंड और क्रिएटर फ्रेंडली बनेंगे।
NFT ने डिजिटल क्रिएटर्स के लिए एक ऐसा दरवाज़ा खोला है, जिससे उन्हें सिर्फ एक बार की कमाई तक सीमित नहीं रहना पड़ता। रॉयल्टी सिस्टम उन्हें पैसिव इनकम देता है। लेकिन क्रिएटर्स के लिए यह समझना जरूरी है कि कौन-सा NFT Marketplace रॉयल्टी एनफोर्स करता है, कौन नहीं; और रॉयल्टी परसेंटेज को संतुलित रखना क्यों जरूरी है।
अगर आप NFT क्रिएटर बनने की सोच रहे हैं, तो NFT Mint करते समय रॉयल्टी सेटिंग पर खास ध्यान दें और NFT Marketplace की पालिसी को अच्छे से पढ़ें जिससे कि आपकी डिजिटल क्रिएशन को उसकी सही वैल्यू मिल पाए।