TRM Labs Report, Crypto Adoption में लीडर बना हुआ है India
क्रिप्टो एडॉप्शन में इंडिया टॉप पर, जानिए अन्य देशों का हाल
क्रिप्टो एडॉप्शन की रेस में भारत ने एक बार फिर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी है। TRM Labs Report के अनुसार, साल 2025 में भी भारत दुनिया का सबसे तेज़ी से बढ़ता क्रिप्टो मार्केट बना हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि South Asia, खासकर India ने जनवरी से जुलाई 2025 के बीच पिछले साल की तुलना में 80% वृद्धि दर्ज की है। वहीं, अमेरिका ने $1 ट्रिलियन से अधिक का ट्रांज़ैक्शन वॉल्यूम पार किया है।
इस रिपोर्ट ने साफ कर दिया है कि क्रिप्टो अब सिर्फ निवेश का साधन नहीं, बल्कि फाइनेंशियल मेनस्ट्रीम का हिस्सा बनता जा रहा है। इंडिया लगातार तीसरे साल ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी एडॉप्शन में टॉप पर बना हुआ है, जो डिजिटल इकोनॉमी में उसके लीडिंग रोल को साबित करता है।
Source - यह इमेज Crypto India की X Post से ली गई है।
TRM Labs Report, भारत और दक्षिण एशिया की तेजी से बढ़ती क्रिप्टोकरेंसी पकड़
TRM Labs Report में बताया गया है कि South Asia 2025 का सबसे तेज़ी से बढ़ता हुआ क्रिप्टो रीजन बना। रिपोर्ट के अनुसार, इंडिया ने जनवरी से जुलाई 2025 के बीच करीब $300 बिलियन के ट्रांज़ैक्शन दर्ज किए, जो 2024 की तुलना में 80% अधिक है। भारत की लगातार तीसरी बार शीर्ष रैंकिंग यह दर्शाती है कि यहां न सिर्फ निवेशक, बल्कि डेवलपर्स और इंस्टीट्यूशनल प्लेयर्स भी तेजी से क्रिप्टो की ओर आकर्षित हो रहे हैं।
रिपोर्ट में इंडिया के बाद U.S., Pakistan, Philippines और Brazil शीर्ष पाँच देशों में शामिल हैं। TRM ने बताया कि भारत की बड़ी युवा आबादी, डिजिटल पेमेंट इंफ्रास्ट्रक्चर और सरकारी नीतियों में धीरे-धीरे बढ़ती स्पष्टता ने इस वृद्धि को और भी मजबूत किया है। इसके साथ ही Stablecoin Adoption, Crypto Payments और Cross-Border Remittance जैसे सेगमेंट्स में भी भारत की भागीदारी तेजी से बढ़ी है।
TRM Labs Report में U.S. बना सबसे बड़ा क्रिप्टोकरेंसी मार्केट, Stablecoins की भूमिका मजबूत
TRM Labs Report के अनुसार, U.S. Market ने 2025 की पहली दो तिमाहियों में लगभग 50% की वृद्धि दर्ज की और $1 ट्रिलियन से अधिक के ट्रांज़ैक्शन पार किए। यह वृद्धि वहां के रेगुलेटरी रिफॉर्म्स जैसे GENIUS Act और White House Digital Assets Report की वजह से संभव हुई। TRM Labs Report में कहा गया है कि Stablecoins ने क्रिप्टोकरेंसी एडॉप्शन में बड़ी भूमिका निभाई।
अगस्त 2025 तक, Stablecoin ट्रांज़ैक्शन $4 ट्रिलियन तक पहुँच गए, जो साल दर साल 83% वृद्धि को दर्शाते हैं। इसमें Tether (USDT) और Circle (USDC) ने मिलकर कुल मार्केट कैप का लगभग 93% हिस्सा अपने कब्जे में लिया। रिटेल ट्रांज़ैक्शंस में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई, जो 2024 की तुलना में 125% अधिक रही। इसका मतलब है कि आम निवेशक और छोटे व्यापारी अब तेजी से डिजिटल एसेट्स की दुनिया में प्रवेश कर रहे हैं।
क्रिप्टो एडॉप्शन और पॉलिसी के बीच संतुलन
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कुछ देशों में क्रिप्टोकरेंसी एडॉप्शन की रफ्तार रेगुलेटरी क्लैरिटी के कारण बढ़ी है, जबकि कुछ जगहों पर प्रतिबंधों के बावजूद भी इसका उपयोग जारी है। इसने यह स्पष्ट कर दिया कि क्रिप्टोकरेंसी अब रुकने वाला नहीं है, यह धीरे-धीरे ट्रेडिशनल फाइनेंशियल सिस्टम का हिस्सा बन रहा है।
दूसरी ओर, TRM Labs Report इस बात पर भी जोर देती है कि स्टेबल और ट्रांसपेरेंट के लिए सरकारों को रेगुलेटेड फ्रेमवर्क की ओर बढ़ना होगा। यही वजह है कि कई देश अब अपने Central Bank Digital Currency (CBDC) की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रहे हैं, ताकि स्टेबलकॉइन्स के बढ़ते प्रभाव को संतुलित किया जा सके।
स्टेबलकॉइन के ऑप्शन्स भी देख रहा है भारत
13 साल के बतौर न्यूज़ राइटर के तौर पर अपने अनुभव से मैं यह का सकता हूँ कि इंडिया न केवल क्रिप्टो एडॉप्शन में अग्रणी है, बल्कि अब सरकार इसके रेगुलेटेड विकल्पों पर भी गंभीरता से काम कर रही है। हाल ही में विश्व बैंक और IMF की बैठक में RBI Governor Sanjay Malhotra ने कहा कि Central Bank Digital Currency (CBDC), स्टेबलकॉइन्स से ज्यादा सिक्योर और ट्रांसपेरेंट समाधान है। अपनी बात में इशारों-इशारों में RBI Governor ने CBDC को Stablecoins से बेहतर बताया है।
यह बयान इस बात का संकेत है कि इंडिया Stablecoins के विकल्प की ओर बढ़ रहा है और अपनी Regulated Digital Currency को प्राथमिकता दे रहा है। यह दिशा न केवल फाइनेंशियल स्टेबिलिटी और ट्रांसपेरेंसी को मजबूत करेगी, बल्कि भारत को ग्लोबल डिजिटल इकॉनमी में एक भरोसेमंद पोज़िशन भी देगी। ऐसे कदम यह दर्शाते हैं कि भारत सिर्फ एडॉप्शन में नहीं, बल्कि क्रिप्टो के रेगुलेटेड भविष्य को परिभाषित करने में भी अग्रणी भूमिका निभा रहा है।
कन्क्लूजन
TRM Labs Report यह साबित करती है कि इंडिया क्रिप्टोकरेंसी की दौड़ में न केवल आगे है, बल्कि भविष्य के लिए एक संतुलित रास्ता भी बना रहा है। जहां अन्य देश सिर्फ निवेश या स्टेबलकॉइन पर ध्यान दे रहे हैं, वहीं भारत CBDC जैसी रेगुलेटेड डिजिटल करेंसी को प्राथमिकता देकर फाइनेंशियल ट्रांसपेरेंसी और स्टेबिलिटी को मजबूत कर रहा है।
RBI Governor Sanjay Malhotra के बयान ने यह साफ किया कि India का उद्देश्य केवल क्रिप्टो एडॉप्शन नहीं, बल्कि उसे कंट्रोल, सिक्योर और सामाजिक रूप से उपयोगी बनाना है। इससे स्पष्ट है कि भारत का अगला कदम केवल क्रिप्टोकरेंसी यूजेस बढ़ाना नहीं, बल्कि Global Digital Finance System को नया रूप देना है और इसमें भारत की भूमिका केंद्रीय बनी रहेगी।